गाय की नस्लें (Cattle breeds)

भारत में गाय की 37 नस्लें पाई जाती है।
उपयोगिता के अदहर पर गौ पशुओं को 3 वर्गों में विभाजित किया गया है

  1. दुधारू (Milch) नस्ल की गाय – साहीवाल , लालसिंधी , गिर , देवनी
  2. भारवाही (Draught) नस्ल की गाय – अमृतमहल , कांगायाम, हल्लीकार, खिल्लारी, नागौड़, पवार, बछौर, बरगुर, कनकथा, खैरीगढ़, गंगातीरी, मालवी
  3. द्विकाजी (Dualpurpase) नस्ल की गाय – हरियाणा, थारपारकर, कांकरेज, अंगोल, मेवाती, राही, कृष्णा घाटी, गोओलाओं, निमाड़ी

कांकरेज, गाय की सबसे भारी नस्ल हैं।
दुधारू नस्ल की गायों के शरीर भारी, गल कम्बल (मुतान) लटके हुए और सींग सिर के दोनों और निकलकर प्राय: मुड़े हुए होते है।
शुष्क तथा चरागाह संपन्न क्षेत्रों जैसे – हरियाणा, राजस्थान, सिंध तथा कठियावाड़ा क्षेत्रों में श्रेष्ठ नस्ल की गाय तथा तराई तथा अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में निकृष्ट नस्ल के पशुओं का विकास हुआ है।
साहीवाल, हरियाणा, नागौरी गाय की क्रमश: प्रमुख दुधारू, द्विकाजी व भारवाही नस्ले है।
उत्तर भारत में हरियाणा, मध्य भारत में मालवी, दक्षिण भारत में हल्लीवार तथा कांगायाम, महाराष्ट्र में गाओलावों तथा खिल्लारी जैसी भारवाहक तथा तेज दौड़ने वाली नस्लों का विकास हुआ है। 
भारतीय देशी गायों की नस्लों का दूध, यूरोपीय गायों के दूध की तुलना में श्रेष्ठ होता जाता है।
विदेशी नस्ल की गाय भारतीय गायों की तुलना में लगभग चार गुना अधिक दूध देती है, किन्तु इसमें वसा तथा वसा रहित ठोस पदार्थों की कमी होती है।
होलिस्टन फ्रीजियन (Holstein Friesians) विश्व में सर्वाधिक दूध देने वाली गाय है।
गर्नशी नस्ल की गाय के दूध में 5% तक वसा की मात्रा पायी जाती है।
जरसिंध (जर्सी * सिंधी) विदेशी नस्ल की गाय की एक संकर प्रजाति है, जो भारतीय जलवायु के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है।

1 Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Latest from Blog

UKSSSC Forest SI Exam Answer Key: 11 June 2023

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) द्वारा 11 June 2023 को UKPSC Forest SI Exam परीक्षा का आयोजन…