बॉटनी क्या है (What is Botany): बॉटनी, पौधों का वैज्ञानिक अध्ययन है। बॉटनी, जीव विज्ञान की वह शाखा है जो पौधों के अध्ययन से संबंधित है, जिसमें उनकी संरचना, गुण और जैव रासायनिक प्रक्रियाएं शामिल हैं। इसके अलावा संयंत्र वर्गीकरण और पौधों के रोगों का अध्ययन शामिल हैं। वनस्पति विज्ञान…
Read Moreइस शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग A.G Tansle द्वारा 1935 में किया गया | पारिस्थितिकी तंत्र के अंतर्गत जैविक एवं अजैविक संघटकों के समूह को सम्मिलित किया जाता है, जो पारस्परिक क्रिया में सम्मिलित होकर पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) का निर्माण करते है| इसे मुखयत: दो भागों में विभाजित किया जा सकता है — प्राकृतिक पारितंत्र (Natural ecosystem) मानव निर्मित पारितंत्र…
Read Moreवन पारिस्थितिकी तंत्र इसके लिए तापमान, मृदा और आर्द्रता अनिवार्य तत्त्व है, वनों में वनस्पति का वितरण उस क्षेत्र की जलवायु , मृदा पर निर्भर करता है| सामान्यत: इसे तीन भागों में बाँटा जा सकता है — उष्ण-कटिबंधीय वन शीतोष्ण कटिबंधीय वन शंकुधारी वन (टैगा वन) (1) उष्ण-कटिबंधीय वन – इन वनों को मुख्यत:…
Read Moreस्थलीय भाग के समान ही जलीय पारितंत्र भी तापमान , पोषक तत्वों की उपलबध्ता, प्रकाश , जलधारा व लवणता से प्रभावित होता है | इसे मुख्यत: 3 भागों में विभाजित किया जा सकता है – अलवणजलीय पारितंत्र (Freshwater Ecosystem) समुद्री/सागरीय पारितंत्र (Marine Ecosystem) संक्रमणकालीन पारितंत्र (Transitional Ecosystem) जलीय पारिस्थितिकी तंत्र (Aquatic…
Read Moreसागरीय पारितंत्र को मुख्यत: 4 भागों में विभाजित किया जा सकता है – खुला समुद्र (Open Sea) बैरियर द्वीप (Barrier Island) तट रेखा (Shorelines) प्रवाल भित्ति (Coral Reef) खुला समुद्र (Open Sea) समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में आहार श्रृंखला सूर्य के प्रकाश , ऑक्सीजन () व कार्बन डाइ-ऑक्साइड () की सुलभता , लवणता व पोषक…
Read Moreसंक्रमणकालीन जलीय पारितंत्र को मुख्यत: तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है : ज्वारनदमुख पारितंत्र (Estuaries ecosystem) आर्द्र पारितंत्र (Wetland ecosystem) मैंग्रोव पारितंत्र (Mangrove ecosystem) ज्वारनदमुख पारितंत्र जब नदियां डेल्टा न बनाकर सीधे समुद्र में मिल जाती है, तब ज्वारनदमुख (Estauries) का निर्माण होता है, इसी कारण ज्वारनदमुख को एक ऐसे संक्रमण…
Read Moreविस्थापन (Displacement) – गतिशील वस्तुओं के मध्य जो न्यूनतम दूरी होती है, उसे विस्थापन कहा जाता है। चाल (Speed) – एक इकाई समय में किसी भी वस्तु द्वारा तय की गयी दूरी को उस वस्तु की चाल (Speed) कहा जाता है। इसका मात्रक मीटर/सेकेण्ड तथा यह एक अदिश राशि है। वेग (Velocity) –…
Read Moreन्यूटन की गति के तीनों नियमों को निम्नलिखित प्रकार से व्याख्यित किया जा सकता है कोई भी वस्तु अपनी स्थिर अवस्था या समान गति की अवस्था में तब तक बनी रहेगी, जब तक इस पर कोई बाह्य बल ना लगाया जाए। बल (F) = द्रव्यमान (M) x त्वरण (a) प्रत्येक…
Read Moreन्यूटन के तीसरे नियम द्वारा विज्ञान का एक ओर महत्वपूर्ण नियम ज्ञात होता है जिसे संवेग संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Momentum) कहते हैं। संवेग संरक्षण के नियम को गति के दूसरे नियम से निगमन कर सकते हैं। यदि एक या एक से अधिक वस्तुएं द्वारा एक दूसरे पर पारस्परिक…
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