विलेयता के आधार पर विटामिनों को दो वर्गों में विभाजित किया गया है —
- जल में घुलनशील विटामिन – विटामिन B व विटामिन C
- वसा में घुलनशील विटामिन – A, D, E तथा K
विटामिनों का संश्लेषण मानव शरीर की कोशिकाओं द्वारा नहीं हो सकता है एवं इसकी पूर्ति विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों से होती
विटामिन से कोई कॅलोरी नहीं प्राप्त होती है।
विटामिन ऊतकों में एन्जाइम का निर्माण करते हैं। विटामिन को रक्षात्मक खाद्य कहा जाता है।
विटामिन बी – 11 प्रकार के विटामिनों का समूह है। इसमें N पाया जाता है।
सूर्य की किरणें (Ultravilet rays) त्वचा में उपस्थित इस्टीरॉल को विटामिन D में परिवर्तित कर देती हैं।
विटामिन K यकृत में प्रोथम्बिन के निर्माण के लिए आवश्यक है।
कोलीन – तंत्रिकाओं और मांसपेशियों के सही ढंग से कार्य करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके साथ यह मस्तिष्क विकास और स्मरण शक्ति को बढ़ाने में भी मदद करता है।
आयोडीन की आवश्यकता थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन करने के लिए होती है जोकि थायरॉयड ग्रंथि के सामान्य रूप से काम करने के लिए जरूरी होती है।
फोलेट नई कोशिकाओं के विकास और उन्हें बनाये रखने के लिए आवश्यक है। यह गंभीर जन्म दोषों के खिलाफ रक्षा करने में मदद करता है, खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
आयरन पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने और ऊर्जा के उत्पादन में मदद करने के लिए आवश्यक है। आयरन एनीमिया को रोकने में मदद करता है।
बेहतर दृष्टि बनाए रखने में ल्यूटीन एवं जीजेंथिन बहुत ही सहायक होते हैं, साथ ही साथ ये आयु से संबंधित आंखों की बीमारियों को कम करने में सहायता करते हैं, जैसे मोतियाबिन्द व धब्बेदार विकार।
प्रोटीन मांसपेशियों, अंगों, त्वचा, बालों और शरीर के अन्य ऊराको के निर्माण और उनकी मरम्मत के लिए आवश्यक होते हैं। इनकी आवश्यकता हार्मोन, एंजाइम, और रोग-प्रतिकारकों (एटीबॉडीज) के उत्पादन के लिए होती है।
सेलेनियम शरीर के ऊतकों को टूटने से रोकने में मदद करता है। यह कोशिकाओं में डीएनए, प्रोटीन और वसा की क्षति होने पर रक्षा करता है। सेलेनियन स्वस्थ्य प्रतिरक्षा प्रणाली और थायरॉयड ग्रंथि के पूरी तरह से कार्य करने के लिए महत्वपूर्ण है।
विटामिन A की आवश्यकता कोशिकाओं के स्वस्थ विकास के लिए होती है। यह स्वस्थ त्वचा और आंखों के ऊतक व रात्रि दृष्टि को बनाए रखने में सहायता करता है। विटामिन A प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ाता है।
विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेविन) – यह त्वचा और आंखों को स्वर रखा है।
विटामिन बी 12 – यह लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है। यह हृदय रोग के खिलाफ रक्षा करने में मदद कर।
विटामिन बी 5 (पंटोथेनिक अम्ल) – यह शरीर की उपापचय प्रक्रिया, भोजन से ऊर्जा निकालने और मानसिक कार्य करने के लिए महत्वपूर्ण होता है। विटामिन डी स्वस्थ हड्डियों और दांतों के लिए आवश्यक है। यह शरीर में कैल्शियम के अवशोषण के लिए आवश्यक है।
विटामिन E – प्रजनन प्रणाली, तंत्रिकाओं और मांसपेशियों को बनाए रखने में मदद करता है।
विटामिन, उनके रासायनिक नाम और स्रोत एवं प्रभाव
विटामिन | रासायनिक नाम | स्रोत | कमी के कारण उत्पन्न रोग एवं लक्षण |
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विटामिन ‘A’ | ऐक्सेरोफाईटॉल | हरी सब्जियां, गाजर, शकरकन्द, रतौंधी, दूध, मक्खन | त्वचा का शुष्क पड़ना, दांतों में विकार, वृद्धि में रूकावट, श्वास नली की उपकलाएं |
विटामिन ‘B1’ | थायमिन | अनाज के छिलके, दाल, फलियां, दूध, मांस, खमीर आदि | बेरी-बेरी रोग, भूख कम हो जाना, थकावट, हृदय तथा तत्रिका तंत्र का अस्वस्थ होना |
‘विटामिन ‘B2’ | रिबोफ्लेविन | दूध, अण्डे, सब्जियां, यकृत आदि | जिह्म में सूजन, मुख की त्वचा और होठ का फटना तथा नेत्रों का लाल हो जाना, शारीरिक भार में कमी |
विटामिन ‘B3’ | पैप्टोथेनिक अम्ल | मांस, हरी साग, दूध, अण्डे, कलेजी आदि | त्वचा का सूख जाना, डायरिया, मानसिक असंतुलन, चर्मरोग व मुंह में छाले पड़ना |
विटामिन ‘B5’ | नियासीन | यकृत, ताजा मांस, अण्डे, मछली, दूध आदि | पाचन बिगड़ना, तंत्रिका तंत्र कमजोर हो जाना, पागल हो जाना, त्वचा पर दाने निकलना, पोलाग्रा |
विटामिन ‘B6’ | पायरीडॉक्सीन | दूध, कलेजी, मांस आदि | एनीमिया, वृद्वि कम होना, चिड़चिड़ापन, त्वचा संबंधी समस्याएं, शिशुओं के शरीर में ऐंठन, अरक्तता |
विटामिन B7 विटामिन B12 |
निकोटिनिक अम्ल | मछली, अण्डे आदि | कोबालामाइन अरक्तता |
विटामिन ‘C’ | एस्कार्बिक अम्ल | नींबू, संतरा, टमाटर आदि | स्कर्वी रोग |
विटामिन ‘D’ | कैल्सिफेरॉल | मक्खन, मांस, मछली, यकृत, अंडे की जर्दी, सूर्य का प्रकाश आदि | सूखा रोग, बच्चों में रिकेट्स, स्त्रियों में अस्थिमृदता। |
विटामिन ‘E’ | टोकोफेरॉल | दूध, मक्खन, हरी सब्जियां, गेहूं, तेल, अण्डे की जर्दी आदि | बांझपन, एनीमिया |
विटामिन ‘K’ | फिलोक्विलोन | हरी पत्तियों वाली सब्जियां, टमाटर, अण्डे की जर्दी आदि। | रक्त स्कन्दन में कमी (खून का न जमना), रक्त स्राव |
विटामिन ‘P’ | निकोटैनिमाइड | कोशिकाएं दुर्बल हो जाती हैं |