भैंस (Buffalo) एक पालतू पशु है, जिसका उपयोग दुग्ध उत्पादन के लिए किये जाता है। भैसों की 2 नस्लें पायी जाती है: भारतीय भैंसे – भारतीय भैंस को जल भैंस (Water buffalo) भी कहा जाता है, इसका जीनस बुवेलस (Buvelus) है। विदेशी भैंसे – विदेशी भैंस को दलदली भैंस (Swamp…
Read Moreकृषि विज्ञान (agricultural science) की वह शाखा, जिसके अंतर्गत पालतू पशुओं के स्वास्थ्य, आश्रय, प्रजनन आदि का अध्ययन किया जाता है। उसे पशुपालन (Animal husbandry) कहा जाता है। पशुपालन का इतिहास स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात 1950-51 में भारत में दुग्ध उत्पादन 17 मिलियन टन था, जो प्रति व्यक्ति 124 ग्राम…
Read Moreभारत में गाय की 37 नस्लें पाई जाती है। उपयोगिता के अदहर पर गौ पशुओं को 3 वर्गों में विभाजित किया गया है दुधारू (Milch) नस्ल की गाय – साहीवाल , लालसिंधी , गिर , देवनी भारवाही (Draught) नस्ल की गाय – अमृतमहल , कांगायाम, हल्लीकार, खिल्लारी, नागौड़, पवार, बछौर, बरगुर, कनकथा, खैरीगढ़, गंगातीरी,…
Read Moreबीज प्रौद्योगिकी (Seed Technology) से बीजों की आनुवंशिक और भौतिक विशेषताओं में सुधार किया जा सकता है। इसके अंतर्गत पौधों की नई प्रजातियों का विकास, बीज उत्पादन, मूल्यांकन, संग्रहण, प्रमाणीकरण आदि सम्मिलित है। किसी भी फसल का वह भाग जिसे प्रजनक (Propagules) के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, उसे…
Read Moreफल संरक्षण की विधियों को मुख्यत: 4 भागों में विभाजित किया जा सकता है : भौतिक विधियाँ (Physical Methods) रासायनिक विधियाँ (Chemical Methods) किण्वन विधियाँ (Fermentation Methods) अरोगाणुता की विधियाँ (Asepsis Methods) भौतिक विधियाँ (Physical Methods) भौतिक विधियाँ (Physical Methods) इस विधि के चार प्रकार हैं। निम्न तापक्रम (low temperature)…
Read Moreउद्यान विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत सब्जियों का अध्ययन किया जाता है, उसे सब्जी उत्पादन या शाकोत्पदान (Olericulture) कहते है। विशेषज्ञों के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 300 ग्राम सब्जियों (115 ग्राम पत्तियों वाली, 70 ग्राम जड़ वाली तथा 115 ग्राम अन्य) का उपभोग करना चाहिए। विभिन्न सब्जियों में…
Read Moreमसाले (Spices) भी एक प्रमुख बागवानी फसलें है। भारत को मसालों का घर (home of spices) तथा केरल को मसालों का बागान (spice garden) नाम से भी जाना जाता है। केरल मुख्य रूप से गर्म मसालों के लिए प्रसिद्ध है, यहाँ काली मिर्च (black pepper), इलायची (cardamom), अदरक (ginger), लहुसन…
Read Moreउद्यान विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत फूलों की खेती का अध्यन्न किया जाता है, पुष्पोत्पादन (Floriculture) कहलाता है। भारत में विभिन्न प्रकार की जलवायु होने के कारण वर्ष भर विभिन्न प्रकार के फूलों की खेती की जाती है। भारत में सर्वाधिक मात्रा में गेंदा (Marigold) के फूल का उत्पादन…
Read Moreनींबू वर्ग के फल कुल – रूटेसी उत्पति – दक्षिण एशिया नींबू वर्ग के सभी फल समशीतोषण जलवायु के पौधे है। इस प्रजाति के पौधों में विटामिन C प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। नींबू वर्ग के अंतर्गत निम्नलिखित फल आते है – संतरा (Orange) मोसम्बी (Mosambi) मीठा नींबू (sweet…
Read Moreवानस्पतिक नाम – मुसा पैराडिसियाका (Musa paradisiaca) कुल – मुजैसी (Musaceae) मूल स्थान – दक्षिण-पूर्वी एशिया राष्ट्रीय केला अनुसंधान केन्द्र (National Research Centre for Banana – NRCB), तमिलनाडु के त्रिचुरापल्ली में स्थित है। इस फल में विटामिन A, B व C प्रचुर मात्रा में पाया जाता है तथा 27% कार्बोहाइड्रेट (carbohydrate) पाया जाता है।…
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