औषधियां रोगों के इलाज में काम आती हैं। प्रारंभ में औषधियां पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं से प्राप्त की जाती थीं, लेकिन नए-नए तत्वों की खोज हुई तथा उनसे नई-नई औषधियां कृत्रिम विधि से तैयार की जाने लगी है। औषधियों के प्रकार (Kinds of drugs) अंतःस्रावी औषधियां (Endorcine Drugs) – ये औषधियां मानव…
Read Moreप्रतिरक्षा प्रणाली के अध्ययन को प्रतिरक्षा विज्ञान (Immunology) का नाम दिया गया हैं। इसके अध्ययन में प्रतिरक्षा प्रणाली संबंधी सभी बड़े-छोटे कारणों की जांच की जाती हैं। इसमें प्रणाली पर आधारित स्वास्थ्य के लाभदायक और हानिकारक कारणों का ज्ञान किया जाता हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली के कई प्रतिरोधक (Barrier) जीवों को…
Read Moreविलेयता के आधार पर विटामिनों को दो वर्गों में विभाजित किया गया है — जल में घुलनशील विटामिन – विटामिन B व विटामिन C वसा में घुलनशील विटामिन – A, D, E तथा K विटामिनों का संश्लेषण मानव शरीर की कोशिकाओं द्वारा नहीं हो सकता है एवं इसकी पूर्ति विटामिन…
Read Moreप्रत्येक जीव को जीवित रहने हेतु ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। क्योंकि ऑक्सीजन ही कार्बनिक भोज्य पदार्थों का ऑक्सीकरण या विघटन करके ऊर्जा प्रदान करता है। भोज्य पदार्थों के ऑक्सीकरण की यही प्रक्रिया ‘श्वसन’ (respiration) कहलाती है। चूंकि इस प्रकार की श्वसन क्रिया फुस्फुसों (Lungs) में ही सम्पन्न होती है।…
Read Moreसभी जीवों के शरीर में कोशिकीय उपापचय के फलस्वरूप अपशिष्ट पदार्थ का निर्माण होता है जिसका शरीर से बाहर निष्कासन उत्सर्जन कहलाता है। मनुष्य के शरीर से उत्सर्जित होने वाले प्रमुख उत्सर्जी पदार्थ निम्नलिखित है – कार्बन डाइऑक्साइड जल खनिज लवण पित्त यूरिया मनुष्य में उत्सर्जन कार्य मनुष्य में 5…
Read Moreशरीर की विभिन्न क्रियाओं का नियमन तथा नियंत्रण, तंत्रिका तंत्र एवं हार्मोन से होता है। हार्मोन अंतःस्रावी ग्रंथियां (Endocrine Glands) बनाती हैं। इन ग्रंथियों के स्रावी पदार्थ सीधे रुधिर से मिल जाते हैं एवं इसी माध्यम से ऊतक अपने लक्ष्य तक पहुंचते हैं। मनुष्य में निम्नलिखित अंतःस्रावी ग्रंथियां पायी जाती…
Read Moreतंत्रिका तंत्र संवेदी अंगों, तंत्रिकाओं, मस्तिष्क, मेरुरज्जु एवं तंत्रिका कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। तंत्रिकीय नियंत्रण एवं समन्वय का कार्य मुख्यतया मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु के द्वारा किया जाता है। समस्त तंत्रिका तंत्र अनेक तंत्रिका कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। एक तंत्रिका कोशिका दूसरी से एक अत्यन्त सूक्ष्म अंतर…
Read Moreमनुष्य के कंकाल में कुल 206 अस्थियां होती हैं। मानव शरीर की सबसे लंबी एवं शक्तिशाली अस्थि फीमर है जो जांघ में पायी जाती है। कंकाल तंत्र को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है — अक्षीय कंकाल (Axial skeleton) — इसके अन्तर्गत खोपड़ी (Skull), कशेरुक दण्ड (Vertebral Column)…
Read Moreकार्डेटा को 13 वर्गों में विभाजित किया गया है,जो निम्नलिखित है – कोंड्रिकथाइस वर्ग (Class Chondrichthyes) ये सभी अनियततापी जन्तु (Cold Blooded) होते हैं। इनमें श्वसन क्लोम द्वारा होता है। ये जल में अण्डे देने वाले वर्टिब्रेट हैं। इनका हृदय द्विवेश्मी (Bilobed) होता है। जैसे – शार्क, टॉरपीडो, रोहू, भेटकी,…
Read Moreजीव संरचना के स्तर के आधार पर जंतु जगत का वर्गीकरण कोशिकीय स्तर ऊतक स्तर अंग स्तर अंग तंत्र स्तर आधुनिक वर्गीकरण बहुकोशिकीय (मेटाजोआ जगत) मेटाजोआ जगत या पोरीफेरा रॉबर्ट ग्राण्ट ने 1825 ई. में पोरीफरा शब्द का प्रयोग किया था। बहुकोशिकीय जलीय, द्विस्तरीय, शरीर पर असख्य छिद्र, अनियमित आकृति…
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