इस शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग A.G Tansle द्वारा 1935 में किया गया | पारिस्थितिकी तंत्र के अंतर्गत जैविक एवं अजैविक संघटकों के समूह को सम्मिलित किया जाता है, जो पारस्परिक क्रिया में सम्मिलित होकर पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) का निर्माण करते है| इसे मुखयत: दो भागों में विभाजित किया जा सकता है — प्राकृतिक पारितंत्र (Natural ecosystem) मानव निर्मित पारितंत्र…
Read Moreस्थलीय भाग के समान ही जलीय पारितंत्र भी तापमान , पोषक तत्वों की उपलबध्ता, प्रकाश , जलधारा व लवणता से प्रभावित होता है | इसे मुख्यत: 3 भागों में विभाजित किया जा सकता है – अलवणजलीय पारितंत्र (Freshwater Ecosystem) समुद्री/सागरीय पारितंत्र (Marine Ecosystem) संक्रमणकालीन पारितंत्र (Transitional Ecosystem) जलीय पारिस्थितिकी तंत्र (Aquatic…
Read Moreसागरीय पारितंत्र को मुख्यत: 4 भागों में विभाजित किया जा सकता है – खुला समुद्र (Open Sea) बैरियर द्वीप (Barrier Island) तट रेखा (Shorelines) प्रवाल भित्ति (Coral Reef) खुला समुद्र (Open Sea) समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में आहार श्रृंखला सूर्य के प्रकाश , ऑक्सीजन () व कार्बन डाइ-ऑक्साइड () की सुलभता , लवणता व पोषक…
Read Moreसंक्रमणकालीन जलीय पारितंत्र को मुख्यत: तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है : ज्वारनदमुख पारितंत्र (Estuaries ecosystem) आर्द्र पारितंत्र (Wetland ecosystem) मैंग्रोव पारितंत्र (Mangrove ecosystem) ज्वारनदमुख पारितंत्र जब नदियां डेल्टा न बनाकर सीधे समुद्र में मिल जाती है, तब ज्वारनदमुख (Estauries) का निर्माण होता है, इसी कारण ज्वारनदमुख को एक ऐसे संक्रमण…
Read Moreवर्ष 1971 में ईरान (Iran) में आयोजित रामसर सम्मेलन (Ramsar conference) के अनुसार आर्द्रभूमि निम्न रूप में परिभाषित किया जा सकता है | जैसे – दलदल (Marsh), पंकभूमि (Fen), पिटभूमि, जल, कृत्रिम या अप्राकृतिक, स्थायी या अस्थायी , स्थिर जल या गतिमान जल, ताजा पानी , खारा व लवणयुक्त जल क्षेत्रों को आर्द्रभूमि (Wetland) कहते है | भारत में अभी तक कुल 36…
Read Moreमैंग्रोव शब्द की उत्पति पुर्तगाली शब्द “मैग्यू” तथा अंग्रेजी शब्द “ग्रोव” से मिलकर हुई है | मैंग्रोव का उदगम स्थल भारत मलय क्षेत्र को है, क्योकिं आज भी इस क्षेत्र में विश्व के सबसे अधिक मैंग्रोव प्रजातियाँ पाई जाती है | मैंग्रोव खारे पानी (Salt water) तथा ताजे पानी वाले स्थानों पर उग सकते है, किंतु ताजे…
Read Moreस्वच्छ जल पारितंत्र को पुन: दो भागों में विभाजित किया जा सकता है − जल पारितंत्र (Lotic Ecosystem) − बहता हुआ जल (नदियाँ) स्थिर जल (Lentic Ecosystem) − झील व तालाब इन दोनों ही पारितंत्र में अत्यधिक समानतऍ पाई जाती है, अत: दोनों ही पारितंत्र को झील पारितंत्र द्वारा आसानी से समझा जा सकता है |…
Read Moreसंपूर्ण विश्व के राष्ट्रों द्वारा विकास की दौड़ में पर्यावरणीय संतुलन तेजी से बिगड़ता जा रहा है। पर्यावरणीय प्रदूषण (Environmental pollution) के प्रमुख कारणों में तेजी से बढ़ती जनसँख्या, शहरीकरण, औद्योगिक क्रांति और प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के फलस्वरूप संपूर्ण विश्व में पर्यावरणीय प्रदूषण के स्तर में तेजी वृद्धि हुई…
Read Moreपारिस्थितिकी तंत्र की समस्या को मुख्यत: दो भागो में विभाजित किया जा सकता है | स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र की समस्या जलीय पारिस्थितिकी तंत्र की समस्या स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र की समस्या यह एक व्यापक अर्थ वाला शब्द है, जिसके अंतर्गत वृक्षों का कटान, पेड़ो का गिरना, मवेशियों का चरना आदि सम्मिलित है| जैसे – वन भूमि…
Read Moreभारत सरकार द्वारा पर्यावरण व् वन्यजीव संरक्षण (Environment and Wildlife Conservation) के क्षेत्र में विशेष कार्य करने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहन देने के लिए फ़ेलोशिप और पुरस्कार कार्यक्रम चलाया जा रहा है, यह पुरस्कार उन व्यक्तियों के के नाम पर दिया जाता है जो भारत में पर्यावरण व वन्यजीव संरक्षण…
Read More