दक्षिण अमेरिका, पश्चिमी गोलार्द्ध में स्थित एक महाद्वीप है, जो विश्व का यह चौथा सबसे बड़ा महाद्वीप है। दक्षिण अमेरिका के उत्तर में कॅरीबियाई सागर ( Caribbean Sea) और पनामा नहर (Panama River), दक्षिण में अंटार्कटिक महासागर, पूर्व व उत्तर-पूर्व दिशा में अंध महासागर (अटलांटिक महासागर) तथा पश्चिम में प्रशांत…
Read Moreखान एवं खनिज विश्व में सर्वाधिक खनिज भंडार अफ्रीका में स्थित हैं। जो निम्न है – सोना (Gold) दक्षिण अफ्रीका इस महाद्वीप का सबसे बड़ा सोना (Gold) उत्पादक देश हैं। संसार की सबसे बड़ी सोने की खान- विंटवाटर्स रेंड (दक्षिण अफ्रीका) में स्थित है। दक्षिण अफ्रीका का जोहान्सबर्ग शहर को सोने की मण्डी के…
Read Moreविक्टोरिया झील (Lake Victoria): विक्टोरिया झील (Lake Victoria) अफ्रीका महाद्वीप की सबसे बड़ी झील है। जो विश्व की तीसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है। यह झील विषुवत रेखा पर स्थित है। विक्टोरिया झील 3 देशों की सीमा की स्पर्श करती हैं – केन्या, तंजानिया, यूगांडा विक्टोरिया झील (Lake…
Read Moreएटलस पर्वतमाला : एटलस पर्वत अफ्रीका महाद्वीप के उत्तरी-पश्चिमी भाग में स्थित एक नवीन मोड़दार पर्वत श्रृंखला है, जिसका तटीय विस्तार 3 देशों – अल्जीरिया, मोरक्को, ट्यूनीशिया में है । बर्बर जनजाति के इन देशों में निवास करने के कारण उपरोक्त तीनों देश बर्बरी राज्य कहलाते हैं। एटलस पर्वत की…
Read Moreनील नदी (Nile Rivers): नील नदी विश्व की सबसे लम्बी नदी है, जो दो नदियों के संगम से मिलकर बनी है जो निम्न है – श्वेत नील (white nile) नीली नदी (Blue Nile) श्वेत नील नदी (White Nile River) श्वेत नील नदी का उद्गम (Origin) विक्टोरिया झील से होता हैं।…
Read Moreअफ्रीका विश्व का एकमात्र महाद्वीप, जहाँ से चारों मुख्य रेखाएँ गुजरती हैं। कर्क रेखा, विषुवत रेखा ( भूमध्य-रेखा), मकर रेखा, ग्रीनविच गिनी की खाड़ी में 0° अक्षांश को 0° देशांतर काटती हैं। अफ्रीका चारों गोलाद्धों में विस्तार वाला एकमात्र महाद्वीप हैं। अफ्रीका महाद्वीप को पहले अन्ध महाद्वीप भी कहा जाता…
Read Moreमहासागरीय धाराएँ दो प्रकार के बलों के द्वारा प्रभावित होती हैं- प्राथमिक बल, जो जल की गति को प्रारंभ करता है, द्वितीयक बल, जो धाराओं के प्रवाह को नियंत्रित करता है। प्राथमिक बल, जो धाराओं को प्रभावित करते हैं, वे हैं सौर ऊर्जा से जल का गर्म होना, वायु, गुरुत्वाकर्षण …
Read Moreचंद्रमा (Moon) एवं सूर्य (Sun) के आकर्षण के कारण दिन में एक बार या दो बार समुद्र तल का नियतकालिक उठने या गिरने को ज्वार-भाटा कहा जाता है। जलवायु संबंधी प्रभावों (वायु एवं वायुमंडलीय दाब) में परिवर्तन के कारण जल की गति को महोर्मि (Surge) कहा जाता है। महोर्मि (Surge) ज्वार-भाटाओं की तरह…
Read Moreतरंगें (Waves) वास्तव में ऊर्जा हैं, जल नहीं, जो कि महासागरीय सतह के आर-पार गति करते हैं। तरंगों में जल कण छोटे वृत्ताकार रूप में गति करते हैं। वायु जल को ऊर्जा प्रदान करती हैं, जिससे तरंगें उत्पन्न होती हैं। वायु के कारण तरंगें महासागर में गति करती हैं तथा ऊर्जा…
Read Moreप्रकृति में उपस्थित सभी जल में खनिज लवण घुले हुए होते हैं। लवणता (salinity) वह शब्द है जिसका उपयोग समुद्री जल में घुले हुए नमक की मात्रा को निर्धरित करने में किया जाता है , इसका परिकलन 1,000 gram (1 Kg) समुद्री जल में घुले हुए नमक (ग्राम में) की मात्रा…
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