प्रकृति में मिट्टी (मृदा) सबसे महत्त्वपूर्ण नवीकरण योग्य प्राकृतिक संसाधन है। यह पौधों के विकास का माध्यम है जो पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के जीवों का पोषण करती है। मृदा एक जीवंत तंत्र है , लेकिन कुछ सेंटीमीटर गहरी मृदा बनने में लाखों वर्ष लग जाते हैं। मृदा बनने की प्रक्रिया…
Read Moreभारत में सबसे लंबी तट रेखा (Coast line ) गुजरात राज्य की, फिर आन्ध्र प्रदेश राज्य की और फिर महाराष्ट्र राज्य की है। भारत के द्वीपो को मुख्य रूप से दो भागो में बाटा जा सकता है- अरब सागर के द्वीप (लक्ष्यद्वीप समूह) बंगाल के द्वीप (अंडमान-निकोबार द्वीप समूह ) बंगाल के द्वीप (अंडमान-निकोबार द्वीप समूह…
Read Moreप्राकृतिक वनस्पति का अर्थ है कि वनस्पति का वह भाग जो कि मनुष्य की सहायता के बिना अपने आप पैदा होता है और लंबे समय तक उस पर मानवी प्रभाव नहीं पड़ता। इसे प्राकृतिक वनस्पति कहते हैं। वह वनस्पति जो कि मूलरूप से भारतीय है उसे ‘देशज’ कहते हैं लेकिन…
Read Moreभारत में वर्षा ऋतु का काल जून-सितंबर के मध्य रहता है। जून माह में सूर्य की करणों कर्क रेखा पर सीधी पड़ रही रहती हैं। जिसके कारण पश्चिमी मैदानी भागों में पवन गर्म होकर ऊपर उठ जाती है व कम दबाव का क्षेत्र बन जाता है। कम दबाव का क्षेत्र…
Read Moreभारत की जलवायु को मानसूनी जलवायु कहा जाता है। एशिया में इस प्रकार की जलवायु मुख्यतः दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्व में पाई जाती है।भारत की जलवायु सामान्य प्रतिरूप में लगभग एकरूपता होते हुए भी देश की जलवायु-अवस्था में स्पष्ट प्रादेशिक भिन्नताएँ हैं। जैसे – गर्मियों में, राजस्थान वेफ मरुस्थल में कुछ स्थानों का…
Read Moreअरावली पर्वत श्रेणी (Aravali Range) भारत में अरावली पहाड़ियाँ राजस्थान के पश्चिमी भाग में स्थित है, जिनका विस्तार भारत के चार राज्यों – राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली में हैं। यह संसार की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखला है जो राजस्थान को उत्तर से दक्षिण दो भागों में बांटती है। इस पर्वत श्रंखला का…
Read Moreभारत में पूर्वी घाट पहाड़ियों की असंतुलित सीमा है। जिसका ढाल मंद होने के कारण बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों की गति मंद हो जाती है जिससे यहाँ अधिक मात्रा में अवसादो के निक्षेपण के कारण ये डेल्टा का निर्माण करती है पूर्वी घाट की सबसे ऊँची छोटी…
Read Moreभारत के दक्षिण में पश्चिमी तट पर स्थित पर्वत शृंखला को पश्चिमी घाट (सह्याद्रि) कहते हैं। यह पर्वतीय शृंखला उत्तर से दक्षिण की तरफ 1600 Km लम्बी है, जिसके ऊंचाई उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ने के साथ बढ़ती है। पश्चिमी घाट का विस्तार गुजरात महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा केरल से होते हुए कन्याकुमारी तक है। वर्ष 2012 में यूनेस्को ने पश्चिमी…
Read Moreहिमालय पर्वत भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करता है। यह मुख्य रूप से तीन समानांतर श्रेणियों- महान हिमालय, मध्य हिमालय और शिवालिक से मिलकर बना है जो पश्चिम से पूर्व की ओर एक चाप की आकृति में लगभग 2400 Km की लम्बाई में फैली हैं। हिमालय पर्वत का उत्तरी भारत के मैदान की ओर…
Read Moreप्रायद्वीपीय भारत में मुख्य जल विभाजक का निर्माण पश्चिमी घाट द्वारा होता है, जो पश्चिमी तट के निकट उत्तर से दक्षिण की ओर स्थित है।प्रायद्वीपीय भाग की अधिकतर मुख्य नदियाँ जैसे – महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी पूर्व की ओर बहती हैं तथा बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। ये…
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