उपाधि – गाजी (काफिरों का वध करने वाला) , मलिक-उल-गाज़ी (मंगोलो को पराजित करने के कारण) इंद्रप्रस्थ के निकट गाजी मलिक और नासिरुद्दीन खुसरो शाह के सेनाओं के मध्य युद्ध हुआ, जिसमे नासिरुद्दीन खुसरो पराजित हुआ व उसकी हत्या कर दी गयी | नासिरुद्दीन खुसरो की मृत्यु के बाद अमीरों…
Read Moreउपाधि – पैगम्बर का सेनापति मुबारक शाह खिलजी की हत्या के बाद खुसरों खां , नासिरुद्दीन खुसरो शाह की उपाधि धारण कर गद्दी पर बैठा तथा अपने नाम के ख़ुत्बे पढ़वाएं और सिक्के ढलवाएँ | नासिरुद्दीन खुसरो शाह हिन्दू धर्म से परिवर्तित होकर मुसलमान बना था| मृत्यु इंद्रप्रस्थ के निकट…
Read Moreउपाधि – अल-इमाम-उल-इमाम, खलाफत-उल-लाह, व अलवासिक बिल्लाह , ख़लीफ़ा राज्याभिषेक – अप्रैल 1316 ई. मलिक काफ़ूर की हत्या के बाद अमीरों ने मुबारक खां को सुल्तान शिहाबुद्दीन उमर का संरक्षक नियुक्त किया, किन्तु कुछ समय बाद शिहाबुद्दीन उमर को अंधा करवा कर ग्वालियर दुर्ग में कैद कर दिया और…
Read Moreअलाउद्दीन ने अपने प्रशासनिक कार्यों के संचालन के लिए 4 प्रमुख विभागों का गठन किया – दीवान-ए-विजारत (वित्त विभाग) – यह विभाग वजीर अधीन था, वजीर का शासन में सुल्तान के बाद सर्वोच्च स्थान था| वित्त के अतिरिक्त इस विभाग को प्रशासन व सैन्य उत्तरदायित्व भी सौंपा गया| दीवान-ए-आरिज (सैन्य…
Read Moreमूल नाम – अली गुरशास्प उपाधि – सिकंदर-ए-सानी, यामीन-उल-खिलाफत (खलीफा का नाइब) राज्याभिषेक – 1296 ई. में बलबन के ‘लाल महल’ में राजत्व सिद्धांत अमीर खुसरो में अलाउद्दीन के राजत्व सिद्धांत का प्रतिपादन किया, जो मुख्यतः तीन बातों आधारित था – शासक की निरंकुशता धर्म और राजनीति का पृथक्करण साम्राज्यवाद…
Read Moreपूरा नाम – जलालुद्दीन फिरोज खिलजी उपाधि – शइस्ता खॉ (कैकुबाद द्वारा प्रदत्त) राज्याभिषेक – 1290 ई. ( केलुगड़ी महल में 70 वर्ष की आयु में ) प्रमुख घटनाएँ ठगों व षड्यंत्रकारी अमीरों का दमन ना कर उन्हें क्षमा कर क्रमशः राज्य व दरबार से बहार निकाल दिया | सीद्दीमौला…
Read Moreनासिरुद्दीन महमूद, इल्तुतमिश का पौत्र और शम्शी वंश का अंतिम शासक था| नासिरुद्दीन धार्मिक स्वभाव का था वह खाली समय में कुरान की नकल करता था 27 मई 1246 ई. को हरे राज महल (कैसरे-सन्ज) में नासिरुद्दीन महमूद का सिंहासनारूढ़ हुआ, 2 दिन पश्चात वह केसरे-फिरोज नामक शाही महल में…
Read Moreरजिया की मृत्यु (1240 ईस्वी में) से लेकर नायब के रूप में बलबन के उत्थान के मध्य का काल तुर्क अमीरों और सुल्तान के मध्य सतत संघर्ष का काल रहा| इस काल में अमीर इस बात से सहमत थे कि दिल्ली के सिंहासन पर इल्तुतमिश के ही किसी वंशज को…
Read Moreराज्यारोहण – जनता के समर्थन से नवंबर 1236 ई. में राज्यारोहण किया गया। उपाधि – उमदत- उल-निस्वा रज़िया अल-दिन, शाही नाम “जलॉलात उद-दिन रज़ियॉ” जिसे सामान्यतः “रज़िया सुल्तान” या “रज़िया सुल्ताना” के नाम से जाना जाता है, दिल्ली सल्तनत प्रथम महिला सुल्तान तथा इल्तुत मिश की पुत्री थी। रज़िया सुल्ताना तुर्की इतिहास की प्रथम मुस्लिम महिला शासक थीं। रज़िया सुल्तान के गद्दी पर बैठने…
Read Moreपूरा नाम: शम्स-उद-दीन इल्तुत्मिश उत्तराधिकारी: रूकुनुद्दीन फ़ीरोज़शाह, रजिया राजवंश: ममलूक सल्तनत (दिल्ली) मृत्यु – खोखरो के विद्रोह के दमन के समय 1236 ई. में मृत्यु हो गई। इल्तुतमिश इल्बरी जनजाति का तुर्क तथा ऐबक का दास था। इसका असली नाम ‘अलतमश’ था। खोखरों के विरुद्ध इल्तुतमिश की कार्य कुशलता से प्रभावित होकर मुहम्मद ग़ोरी ने…
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