- वानस्पतिक नाम – गोसिपियम (Gossypium)
- जलवायु – समशीतोष्ण (temperate)
- तापमान – 21-27°C
- वर्षा – 60-110 सेमी.
कपास (Cotton) एक व्यापारिक फसल है, जो मालवेसी (Malvaceae) कुल का पौधा है। कपास की विश्व में दो प्रजातियाँ पायी जाती हैं
- देशी कपास (गासिपियम अरबोरियम) व (गासिपियम हरबेरियम) – इसका उत्पत्ति स्थल भारत व इण्डोचाइना में माना जाता है।
- अमेरिकन कपास (गासिपियम हिरसुटम) व (बारवेडेन्स) – इसका उत्पत्ति स्थल मैक्सिको व दक्षिणी अमेरिका में माना जाता है।
कपास को इसकी गुणवत्ता के आधार पर तीन वर्गों में विभाजित किया गया है –
- लंबे रेशे वाली कपास (सर्वोत्तम कपास) – इस कपास की लंबाई 5 सें.मी. से अधिक होती है। इस कपास की खेती ज्यादातर तटीय क्षेत्रों में जाती है, जिस कारण इसे समुद्र द्वीपीय कपास भी कहते है।
- मध्य रेशे वाली कपास (मिश्रित कपास) – इस कपास की लंबाई 3.5 से 5 सें.मी. के मध्य होती है।
- छोटे रेशे वाली कपास – इस कपास की लंबाई 3.5 सें.मी. या इससे कम होती है।
इसे श्वेत वर्ण या सफ़ेद सोना के नाम से भी जाना जाता है। कपास मे मुख्य रूप से सेल्यूलोस होता है।
सर्वप्रथम भारत में कपास की संकर किस्म (hybrid variety) विकसित की गयी, जिसके परिणामस्वरूप इसके उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि हुई।
कपास के बिनौले (Cottonseed) में 18.5% खाद्य तेल पाया जाता है, तथा इसकी खली में 6% नाइट्रोजन, 3% फास्फोरस और 2% पोटाश पाया जाता है।
कपास की एक गांठ का वजन 170 किलोग्राम निर्धारित किया गया है।
केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान (Central Institute for Cotton Research – CICR) नागपुर में तथा कपास विश्लेषण प्रयोगशाला (Cotton testing laboratories) मटुंगा (महाराष्ट्र) में स्थित है।
कपास के रेशे (Fibers) को लेंट (Lent) कहा जाता है।
गोशी पॉल (Goshi Paul) की उपस्थिति के कारण कपास के बीजों में जहरीला पन होता है।
कपास की प्रमुख किस्में
- अमेरिकन कपास की प्रमुख किस्में – H4, HS 6, विकास, H 777, F 846, RS 810, RS 2013, , महालक्ष्मी, जयलक्ष्मी, F-414, सुजाता, MCU- 56 व 8 आदि।
- देशी कपास की प्रमुख किस्में – LD 694, लोहित, RG 8, CAD 4 आदि।