राज्यपाल को राष्ट्रपति के समान ही कार्यकारी , विधायी , वित्तीय व न्यायिक शक्तियां प्राप्त है , किंतु राज्यपाल को राष्ट्रपति के समान ही सैन्य व आपातकालीन शक्तियां प्राप्त नहीं है।
कार्यकारी शक्तियां (Executive powers)
- राज्य सरकार के सभी शासन संबंधी कार्य राज्यपाल के नाम पर किए जाते है।
- राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता है और उसकी सलाह पर अन्य मंत्रियो की नियुक्ति व उनके मध्य मंत्रालयों का वितरण करता है।
- महाधिवक्ता व राज्य लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल (Governor) राज्यपाल द्वारा की जाति है , किंतु राज्य लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को केवल राष्ट्रपति ही हटा सकता है।
- राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति से राज्य में संवैधानिक आपातकाल के लिए सिफारिश कर सकता है ।
- राज्य से प्रशासनिक कार्यो संबंधित जानकारी मांग सकता है।
- राज्यपल राज्य के विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति होता है और विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति करता है।
विधायी शक्तियां (Legislative Powers)
- राज्यपल विधानमंडल का अभिन्न अंग है। अत: इस रूप में उसे विधायी शक्तियां प्राप्त है।
- राज्यपल संसद के दोनों सदनों का आवाहन व सत्रावासन कर सकता है तथा विधानसभा को विघटित कर सकता है।
- प्रत्येक चुनाव के बाद तथा प्रत्येक वर्ष में प्रथम अधिवेशन को राज्यपल संबोधित करता है।
- राज्यपल विधानसभा में 1 एंग्लो-इंडियन (anglo-indian) को मनोनीत करता है।
- विधयेक संबंधी शक्तियां
वित्तीय शक्तियां (Financial powers)
- धन विधेयक (Money Bill) राज्यपल की पूर्वानुमति से ही संसद में प्रस्तुत किया जाता है।
- अनुदान या वित्त की कोई भी मांग राज्यपल की सिफारिश के बिना नहीं की जा सकती।
- राज्य की संचित निधि से अग्रिम भुगतान की व्यवस्था कर सकता है।
- पंचायतो व नगरपालिकाओं के मध्य राजस्व वितरण के लिए प्रत्येक 5 वर्ष में वित्त आयोग का गठन करता है।
न्यायिक शक्तियां (Judicial powers)
- उच्च न्यायालय की सलाह से जिला न्यायधीशों की नियुक्ति करता है।
- अनु०- 356/365 के अंतर्गत राष्ट्रपति से राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकता है
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Question Kya hai?