- स्थापना – वर्ष 1936
- क्षेत्रफल – 520.82 वर्ग किमी.
- विस्तार – पौढ़ी-गढ़वाल व नैनीताल
- अन्य नाम – हैली राष्ट्रीय उद्यान, रामगंगा नेशनल पार्क
स्थापना व इतिहास
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1936 में राज्य के तत्कालीन गवर्नर सर हैली के नाम से स्थापित किया गया। यह राष्ट्रीय उद्यान भारत का ही नहीं, एशिया का भी प्रथम राष्ट्रीय उद्यान है।
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम परिवर्तित कर रामगंगा नेशनल पार्क (Ramganga National Park) रख दिया गया।
वर्ष 1957 में रामगंगा नेशनल पार्क (Ramganga National Park) का नाम परिवर्तित कर महान प्रकृति प्रेमी जिम कॉर्बेट के नाम पर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) कर दिया गया।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) नैनीताल और पौढ़ी जिलों के 520.82 वर्ग किमी. के क्षेत्रफल में विस्तृत है। जिसमें नैनीताल जिले में (208.8 वर्ग किमी.) और पौढ़ी जिले में (312.76 वर्ग किमी.) क्षेत्रफल विस्तृत है।
इस राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार नैनीताल जनपद के ढिकाला में बनाया गया है। जो नैनीताल जिला मुख्यालय से 144 किमी. की दूरी पर स्थित है।
इस राष्ट्रीय उद्यान के मध्य में पाटली दून स्थित है।
जैव विविधता
1 नवंबर 1973 को इसे भारत का पहला बाघ संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया। इसके अतिरिक्त कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान को हाथी परियोजना में भी शामिल किया गया है।
इस नेशनल पार्क में पक्षियों की लगभग 570 प्रजातियाँ, सरीसृपों की 25 प्रजातियाँ व स्तनधारियों की लगभग 75 प्रजातियाँ पायी जाती है। इस नेशनल पार्क में पाए जाने वाले जीवों में मगरमच्छ, चीतल, सांभर, कांकड़, बाघ, हाथी, तेंदुआ, अजगर, हिरन आदि यहाँ के मुख्या जीव है।
केंद्र की सहायता से वर्ष 2013 में इस पार्क में बाघों की सुरक्षा हेतु 118 सदस्यीय Special Tiger Protection Force (STPF) का गठन किया गया।
अप्रैल, 2012 में जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (Jim Corbett National Park) के चारो और के 500 meter क्षेत्र को साइलेंस जोन (Silence Zone) घोषित किया गया है।