उत्तराखंड – पंवार वंश से संबंधित प्रमुख तथ्य (Part 5)

  • पवार वंश के शासनकाल में राजस्व का प्रमुख अधिकारी को क्या कहाँ जाता था – दफ्तरी
  • माधोसिंह भंडारी द्वारा जिसने मलेथा गूल का निर्माण किया गया। माधोसिंह भंडारी पवार वंश के शासक महीपति शाह का सेनापति था
  • अजयपाल को पंवार वंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है।
  • पंवार वंश के शासक जगतपाल (34 वां शासक) की जानकारी अभिलेखों से प्राप्त होती है।
  • नरेन्द्रशाह ने अपने पिता कीर्तिशाह के नाम पर बनारस काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को एक लाख रुपये का दान दिया था।
  • रानी कर्णावती का महल नवादा, देहरादून में स्थित था।
  • कीर्तिशाह ने टिहरी में 110 मी. ऊंचा घंटाघर का निर्माण करवाया था।
  • देवप्रयाग अभिलेख (जगतपाल) से पंवार वंश का पहला साक्ष्य प्राप्त होता है।
  • प्रदीपशाह (5 वर्ष) भी अल्पायु में ही गद्दी पर बैठने वाला पंवार वंश का शासक था तथा उनकी माता उनकी संरक्षिका बनी थी।
  • मौलाराम द्वारा गढ़राजवंश काव्य की रचना की गयी थी।
  • अजयपाल के शासन काल में केदारखण्ड को गढ़वाल कहा जाने लगा।
  • पंवार वंश के शासक बलभद्रशाह का चंद शासक रुद्रचन्द से युद्ध हुआ जिसमें कुमाऊं सेना का सेनापति पुरुषोत्तम वीरगति को प्राप्त हुआ।
  • किस पंवार वंश के शासक के चार अभिलेख प्राप्त हुए – मानशाह (निर्माण तिथि – 1547 ई., 1592 ई.,1608 ई., 1611 ई.)
  • महीपति शाह ने सैकड़ों नागा बाबाओं की हत्या व उसके बाद उसका प्रायश्चित किया था।
  • फतेह शाह ने अपने दरबार में सिक्खों के 7वें गुरु हरराय के पुत्र रामराय को शरण दी थी।
  • वर्ष 1779 ई. में ललित शाहसिखों के मध्य सिरमौर का युद्ध हुआ था।
  • मानशाह द्वारा अलकनंदा नदी के तट पर मानपुर नगर बसाया गया।
  • 18 सितम्बर 1688 ई. में फतेहशाह तथा गुरु गोविन्द सिंह के मध्य भांगिनी/भगाणी का युद्ध लड़ा गया था।
  • फतेहशाह ने सिक्ख गुरु रामराय को देहरादून में 3 ग्राम दान में दिए थे।
  • 28 दिसम्बर 1815 ई. को सुदर्शन शाह ने टिहरी रियासत की स्थापना की थी।
  • वर्ष 1894 ई. में कीर्तिशाह ने श्रीनगर के निकट कीर्तिनगर की स्थापना की थी।
  • सुदर्शन शाह द्वारा पुराना दरबार नामक राजमहल का निर्माण किया गया था।

पंवार वंश के शासनकाल में सैन्य व्यवस्था को दो भागो में विभाजित किया गया है –

  • राज्य की स्थायी सेना
  • थोकदार या गोलदार की सेना।

1970 ई. में युवजन, मशाल, पत्रिका, द्रोणाचल प्रहरी, भूमिहीन आंदोलन आदि का संपादन विपिन चंद्र त्रिपाठी ने किया जो कि उत्तराखण्ड क्रांति दल (UKD) के अध्यक्ष तथा द्वाराहाट से विधायक भी थे।
कुमारसंभवम् में सोन प्रयाग को स्वर्ण प्रयाग कहा गया है।
वर्ष 1968 में मोहन सिहं उप्रेती द्वारा दिल्ली में पर्वतीय कला केन्द्र की स्थापना की गयी।
ग्रामीण हिमालय हाट का आयोजन कहां किया जाता है – सतौली (नैनीताल) 
पंवार वंश के शासक जय कीर्तिशाह द्वारा सिख सेना के आक्रमण से बचने हेतु राखी नामक कर दिया गया।
वर्ष 1930 ई. गड़दौरिया स्टोर डकैती में उत्तराखंड से कौन व्यक्ति सम्मिलित था – भवानी सिंह रावत (दिल्ली)
वर्ष 1913 में स्वामी सत्य देवा द्वारा अल्मोड़ा में शुद्ध साहित्य समिति की शुरूआत की गयी।
उत्तराखंड में किस माह शादी-शुदा पुत्री को उसके माता-पिता या भाई द्वारा भिटोली (मिलना या भेंट करना) दी जाती है – चैत्र माह 

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