महत्वपूर्ण वृत्त
- विषुवत् वृत्त (0°) (E)
- उत्तर ध्रुव (90°)
- दक्षिण ध्रुव (90°)
महत्त्वपूर्ण अक्षांश रेखाएँ
- विषुवत् रेखा (0°) (Equator Line)
- उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा (23.5°) (Cancer Line)
- दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा (23.5°) (Capcorian line)
पृथ्वी के ताप कटिबंध
उष्ण कटिबंध – कर्क रेखा एवं मकर रेखा के बीच के सभी अक्षांशों पर सूर्य वर्ष में एक बार दोपहर में सिर के ठीक ऊपर होता है। इसलिए इस क्षेत्र में सबसे अधिक ऊष्मा प्राप्त होती है तथा इसे उष्ण कटिबंध कहा जाता है। कर्क रेखा तथा मकर रेखा के बाद किसी भी अक्षांश पर दोपहर का सूर्य कभी भी सिर के ऊपर नहीं होता है। ध्रुव की तरफ सूर्य की किरणें तिरछी होती जाती हैं।
शीतोष्ण कटिबंध – उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा एवं उत्तर ध्रुव वृत्त तथा दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा एवं दक्षिण ध्रुव वृत्त के बीच वाले क्षेत्र का तापमान मध्यम रहता है। इसलिए इन्हें, शीतोष्ण कटिबंध कहा जाता है।
शीत कटिबंध – उत्तरी गोलार्ध में उत्तर ध्रुव वृत्त एव उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिण ध्रुव वृत्त एव दक्षिणी ध्रुव के बीच के क्षेत्र में ठडं बहतु होती है। क्योंकि, यहाँ सूर्य क्षितिज से ज़्यादा ऊपर नहीं आ पाता है। इसलिए ये शीत कटिबंध कहलाते हैं।
देशांतर रेखाएँ (Longitudes lines)
उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव को मिलाने वाली 360 डिग्री रेखाओं को देशांतर रेखाएं कहा जाता है, यह ग्लोब पर उत्तर से दक्षिण दोनों भूगोलीय ध्रुवों (उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव ) के बीच खींची हुई काल्पनिक मध्याह्न रेखाओं को देशांतर रेखाएं कहा जाता है । जो मध्याह्न रेखा जिस बिंदु या स्थान से गुजरती है उसका कोणीय मान उस स्थान का देशांतर होता है। सभी देशांतर रेखाएं अर्ध-वृत्ताकार होती हैं। ये समांनांतर नहीं होती हैं व उत्तरी व दक्षिणी ध्रुवों पर अभिसरित होकर मिल जाती हैं।
ग्रीनविच , जहाँ ब्रिटिश राजकीय वेधशाला स्थित है, से गुजरने वाली याम्योत्तर से पूर्व और पश्चिम की ओर गिनती शुरू की जाए। इस याम्योत्तर को प्रमुख याम्योत्तर (Prime Mediterranean) कहते हैं। इसका मान 0° देशांतर है तथा यहाँ से हम 180° पूर्व या 180° पश्चिम तक गणना करते हैं। प्रधान याम्योत्तर (Prime Mediterranean) तथा 180° याम्योत्तर मिलकर पृथ्वी को दो समान भागों, पूर्वी गोलार्ध एवं पश्चिमी गोलार्ध में विभक्त करती है। इसलिए किसी स्थान के देशांतर के आगे पूर्व के लिए अक्षर पू. तथा पश्चिम के लिए अक्षर प. का उपयोग करते हैं। 180° पूर्व और 180° पश्चिम याम्योत्तर एक ही रेखा पर स्थित हैं।
देशांतर और समय (Longitude & Time)
समय को मापने का सबसे अच्छा साधन पृथ्वी, चंद्रमा एवं ग्रहों की गति है। सूर्योदय एवं सूर्यास्त प्रतिदिन होता है। अतः स्वाभाविक ही है कि यह पूरे विश्व में समय निर्धारण का सबसे अच्छा साधन है। स्थानीय समय का अनुमान सूर्य के द्वारा बनने वाली परछाईं से लगाया जा सकता है, जो दोपहर में सबसे छोटी एवं सूर्योदय तथा सूर्यास्त केसमय सबसे लंबी होती है।
ग्रीनविच पर स्थित प्रमुख याम्योत्तर पर सूर्य जिस समय आकाश के सबसे ऊँचे बिंदु पर होगा, उस समय याम्योत्तर पर स्थित सभी स्थानों
पर दोपहर होगी। चूँकि, पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर चक्कर लगाती है, अतः वे स्थान जो ग्रीनविच के पूर्व में हैं, उनका समय ग्रीनविच समय से आगे होगा तथा जो पश्चिम में हैं, उनका समय पीछे होगा ।
- भारत के मध्य भाग इलाहाबाद के मिर्जापुर के नैनी से होकर गुजरने वाली याम्योत्तर रेखा (82,1/2°) (Standard Mediterranean Line) के स्थानीय समय को देश का मानक समय माना जाता है।
- पृथ्वी लगभग 24 घंटे में अपने अक्ष पर 360° घूम जाती है अर्थात् 1 घंटे में (360/24) 15° एवं 4 मिनट में 1° घूमती है। अर्थात डिग्री देशांतर दुरी तय करने में 4 Minute का समय लगता है
- भारत में गुजरात के द्वारका तथा असम के डिब्रूगढ़ वेफ स्थानीय समय में लगभग 1 घंटा 45 मिनट का अंतर है।
- भारत और ग्रीनविच (लंदन) के समय में 5:30 घंटे का अंतर है , इसलिए जब लंदन में दोपहर के 2 बजे होंगे, तब भारत में शाम के 7ः30 बजे होंगे।
- कुछ देशों का देशांतरीय विस्तार अधिक होता है, जिसके कारण वहाँ एक से अधिक मानक समय अपनाए गए हैं। उदाहरण के लिए, रूस में 11 मानक समयों को अपनाया गया है।
- विषुवत रेखा पर इसके बीच की दूरी अधिकतम 111.32 Km होती है।
अन्य महचपूर्ण तथ्य
कटिबंध (tropics ) – दो अक्षांश रेखाओं (Latitude lines) के बीच के क्षेत्र को कटिबंध कहते है ।
ग्रिड (Grid) – दो देशांतर रेखाओं (Longitude lines) के बीच के क्षेत्र को ग्रिड कहते है ।
sir aake dwara di gyi jankari bahut acchi lagi.
thanks sir
Thanks
sir aapke website se exam ki tayri me bahut help ho rahi hai
very good information
Very good
sir is jankari ke liye bahut bahut dhnyawaad
thanks sir
Comment
Comment
Very good
How many longutitue line in India
Sir
total 181 longitude lines (these all are imaginary line in world map and not required to count a How many longutitue line in India)
distance b/w two longitudes lines — approximately 69 miles (111 kilometers)
Nice Article
Nice
Bahut accha
Amazing
Good Information sir Thanks
Thank u so much sir give me information
बहुत अच्छी रोचक जानकारी है,बहुत बहुत धन्यवाद
दो देशांतर रेखाओं के बीच के क्षेत्र को गोरे कहते है
अक्षांश औल देशांतर रेखाओं के जाल को ग्रिड़ कहते है।
रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारी, बहुत बहुत धन्यवाद
अक्षांश और देशान्तर रेखाओं से बने जल को ग्रेटीकूल कहते है
Very imformative
अक्षांश और देशांतर रेखाएं एक दूसरे को काटती है और रेखाओं का एक जाल सा बन जाता है जो ग्रीड कहलाती है