मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित वेधशाला में ऋतु संबंधी आँकड़ों को एकत्रित करने का कार्य किया जाता है। मध्य प्रदेश में ऋतुओं को मुख्यतः 3 वर्गों में विभाजित किया गया हैं
- ग्रीष्म ऋतु
- वर्षा ऋतु
- शीत ऋतु
ग्रीष्म ऋतु (Summer Season)
मध्य प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु का प्रारंभ मध्य मार्च से मध्य जून तक रहता है तथा सर्वाधिक तापमान मई माह में रहता है, जो अधिकतम 42.5°C तक पहुँच जाता है। ग्रीष्म ऋतु (Summer Season) में चलने वाली तेज़ धूल भरी आँधी को सामान्यतः ‘लू’ कहा जाता है। स्थानीय भाषा में मध्य प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु को युनाला कहा जाता हैं।
वर्षा ऋतु (Rainy Season)
मध्य प्रदेश में वर्षा ऋतु का आगमन मध्य जून से प्रारंभ होकर मध्य अक्तूबर तक रहता है। इस क्षेत्र में वर्षा दक्षिण-पश्चिमी मानसून की दोनों शाखाओं (अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी) से आने वाले मानसून के द्वारा वर्षा होती है। मध्य प्रदेश के पूर्वी भाग में पश्चिमी भाग की अपेक्षा अधिक वर्षा होती है।
मध्य प्रदेश में सर्वाधिक वर्षा पंचमढ़ी (199 Cm) में तथा सबसे कम वार्षिक वर्षा भिंड (55 Cm) में होती है।
भौतिक संरचना में विभिन्नता के कारण मध्य प्रदेश में औसत वार्षिक वर्षा में स्थानीय भिन्नता पाई जाती है। यहाँ के पहाड़ी और पठारी क्षेत्रों में अधिक वर्षा होती है। मध्य प्रदेश में वर्षा ऋतु को ‘चौमासा’ कहते हैं।
शीत ऋतु (Winter Season)
मध्य प्रदेश में शीत ऋतु का प्रारंभ मध्य अक्तूबर से होकर मध्य मार्च तक रहता है तथा सर्वाधिक ठंड दिसंबर से जनवरी माह के मध्य होती है। मध्य प्रदेश में कर्क रेखा (Cancer line) के उत्तर में स्थित प्रदेश में सर्वाधिक ठंड होती है।
पश्चिमी विक्षोभ के कारण शीत ऋतु में मध्य प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में हल्की वर्षा होती है, जिसे स्थानीय भाषा में ‘मावठ’ कहते हैं। मध्य प्रदेश में शीत ऋतु को ‘सियाला’ कहते हैं।
तापमान (Temprature)
मध्य प्रदेश का औसत वार्षिक तापमान लगभग 25°C से 35°C के मध्य रहता है। तापमान को प्रभावित करने वाले कारकों में सूर्य की स्थिति, समुद्र तल से ऊँचाई व दूरी इत्यादि सम्मिलित हैं। मध्य प्रदेश में सर्वाधिक तापमान मई माह में खजुराहो में तथा सर्वाधिक दैनिक तापांतर मार्च माह में होता है जबकि न्यूनतम तापमान दिसंबर माह में शिवपुरी तथा जनवरी माह में सागर जिले में दर्ज किया जाता है।