पर्यावरण के प्रमुख कारक (Major environmental factors)

पर्यावरण का स्थानिक तथा समय मापक्रम (Spatial and time scale of the environment)

सामान्यत: सभी जीव पर्यावरण के साथ स्थानिक तथा समय मापक्रम के अनुसार पारस्परिक क्रिया करते है| जैसे – एक जीवाणु , एक घन सेंटीमीटर से भी कम भाग में वायु तथा जल के साथ पारस्परिक क्रिया करता है जबकि वृक्ष एक बड़े स्थानिक स्तर पर जल , वायु , तथा मृदा के साथ पारस्परिक क्रिया करते है |

जलवायु (Climate)

किसी स्थान तथा समय पर वायुमंडल में अल्पकालिक परिवर्तन को मौसम (weather), जबकि मौसम में दीर्घकालिक परिवर्तन को  जलवायु (Climate) कहते है  वायुमंडल की स्थिति की सामान्य अवस्था के अंतर्गत , ऋतु परिवर्तन , मौसमी चरम सीमओं की लम्बे समय की स्थिति (औसत स्थिति) को लिया जाता है, अर्थात् तापमान व वर्षा वे  प्रमुख कारक है जो किसी क्षेत्र की जलवायु को निर्धारित करते है |

सूक्ष्म जलवायु  (Micro climatic)

यह जलवायु की वह स्थिति है जो किसी  स्थानीय स्तर पर या छोटे या विभिन्न क्षेत्रो में पाई है, यह क्षेत्रीय जलवायु    से अलग होती है| जैसे –  घने जंगलो में वृक्षों की प्रजातियाँ पृथ्वी पर पड़ने वाले प्रकाश की मात्रा को कम कर देते है|

तापमान (Temperature)

तापमान किसी वस्तु की उष्णता की माप है| अर्थात्, तापमान से यह पता चलता है कि कोई वस्तु ठंढी है या गर्म| धरातलीय गुण भी तापमान  वितरण को अत्यधिक प्रभावित करते है जैसे – 

  • हिमाच्छादित क्षेत्रों द्वारा सौर विकिरण (solar radiation)  को अत्यधिक परावर्तित किए जाने के कारण इस क्षेत्र में तापमान कम होता है |
  • रेतीले क्षेत्रों में सौर विकिरण (solar radiation) का अत्यधिक अवशोषण होता है   जिस कारण इस क्षेत्र का तापमान अधिक होता है |

पृथ्वी की सतह पर ऊर्ध्वाधर (Vertical) तापमान प्रवणता , ताप कमी की दर (lapse rate of temperature) कहलाती है , जो की औसतन हजार मीटर की ऊंचाई पर 6.5°C है, अर्थात् धरातल से ऊंचाई पर जाने पर तापमान में कमी आती है|

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