हरियाणा में हड़प्पा संस्कृति के कई महत्वपूर्ण स्थल है। पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है की यह 2300 से 1700 B.C. के मध्य के है। हरियाणा में हड़प्पा संस्कृति के कुछ महत्वपूर्ण स्थल निम्नलिखित है –
- मीताथल (Mitathal)
- बनावली (Banawali)
- राखीगढ़ी (Rakhigarhi)
- बालु
मीताथल (Mitathal)
मीताथल (Mitathal) – यह हड़प्पा कालीन स्थल वर्तमान में हरियाणा के भिवानी जिले में पड़ता है। मीताथल (Mitathal) गांव से 1.5 Km पश्चिम में एक नहर के किनारे स्थित है। मिताथल पुरास्थल पर दो टीले स्थित है।
- ऊंचा और प्रमुख टीला पूर्व दिशा में – प्रमुख टीले का क्षेत्रफल 150×130 meter और ऊंचाई लगभग 5 meter है।
- निम्न टिला पश्चिम दिशा में – निचले टीले का क्षेत्रफल 300×175 meter और ऊंचाई 3 meter है।
प्रमुख और निम्न टीले के मध्य की दूरी लगभग 20 meter है।
मीताथल का पुरास्थल उस वक्त प्रकाश में आया जब वर्ष 1915-16 में गुप्त सिक्कों का एक संग्रह यहां प्राप्त हुआ।
1965 ई० में मीताथल से तांबे (copper) के दो हारपून तथा टीले के पास से ही नहर खोदते समय 13 रिंग भी प्राप्त हुए है।
पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा 1968 ई० में इस स्थल का उत्खनन प्रारंभ किया गया, इस खुदाई में योजनाबद्ध नगर के साक्ष्य प्राप्त हुए है।
मीताथल पुरातात्विक स्थल में घर बनाने के लिए कच्ची ईटों का प्रयोग होता था। मीताथल से प्राप्त ईटें 102030 cm आकार की है, जो कालीबगां (राजस्थान) से प्राप्त हुई ईटों के समान है।
बनावली (Banawali)
यह पुरातात्विक स्थल हरियाणा के फतेहाबाद जिले (Fatehabad district) में स्थित है। बनावली, फतेहाबाद से 14 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है।
बनावली पुरातात्विक स्थल घग्गर नदी के किनारे स्थित है, वर्तमान में घग्गर नदी सूख चुकी है। ऋगवैदिक काल में घग्गर नदी को सरस्वती नदी के नाम से जाना जाता था।
Note: घग्गर नदी, की एक शाखा अब भी केवल बरसाती नाले के रूप में यहाँ बहती है जिसे रगोंई नाले के नाम से जाना जाता है।
यह टीला (बनावली) 11 कि.मी. वर्गाकार क्षेत्र में विस्तृत है, तथा इसकी ऊंचाई लगभग 10 meter है। हरियाणा पुरातत्व विभाग द्वारा वर्ष 1974 में इस स्थल का उत्खनन किया गया था। यह भी एक सुनियोजित नगर था।
बनावली नगर दो भागो में विभाजित था।
- पश्चिमी भाग (बड़ा): यहाँ सम्भवतः अधिकारी और बड़े लोग रहते होंगे।
- पूर्वी भाग: यहाँ सामान्य जन रहते होंगे।
बनावली में कच्ची और पक्की दोनों प्रकार की ईटों का प्रयोग किया गया था। यहाँ विभिन्न आकार की ईटों का प्रयोग किया गया है जैसे – 6x12x24 से.मी. तथा 12.5x25x50 से.मी. और 10x20x40 से.मी. तथा 11x22x44 से.मी.। बनावली पुरास्थल से प्राप्त ईटों का अनुपात 1:2:4 है जो कि हड़प्पा संस्कृति की एक मुख्य विशेषता है।
राखीगढ़ी (Rakhigarhi)
- राखीगढ़ी पुरास्थल हरियाणा के हिसार जिले की हाँसी तहसील में स्थित है। जो सरस्वती तथा दृषद्वती नदियों के शुष्क क्षेत्र में स्थित है।
- यह स्थल उत्तर भारत में हड़प्पा काल का सबसे विस्तृत पुरातात्विक स्थल है।
- राखीगढ़ी पुरातात्विक स्थल हड़प्पा से 350 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में, कालीबंगा से 190 किलोमीटर पूर्व में तथा बनावली से 80 किलोमीटर पूर्व में स्थित है
बालु
- यह स्थल हरियाणा के कैथल जिले के दक्षिण में लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- यह पुरास्थल बालु गांव के उत्तर में लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- वर्ष 1977 ई. में डॉ. सूरजभान तथा अमेरिकन पुरातत्ववेता डॉ. जिम जे. शैफर द्वारा इस की गयी थी।
- इस क्षेत्र में हड़प्पा से पूर्व की संस्कृतियों के भी प्रमाण मिले है।