बड़ी पटनदेवी मंदिर, पटना
पटना सिटी के महाराजगंज क्षेत्र में स्थित माँ दुर्गा का प्रसिद्ध मंदिर , 51 शक्तिपीठों में से एक है।
छोटी पटनदेवी मंदिर, पटना
माता भगवती को समर्पित यह मंदिर पटना में स्थित अत्यंत प्राचीन मंदिर है। यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं।
शिव मंदिर, बैकुंठपुर
इस शिव मंदिर का निर्माण राजा मान सिंह द्वारा कराया गया था, जो बैकुंठपुर (पटना) में गंगा नदी के तट पर स्थित है।
बिड़ला मंदिर, पटना
बिड़ला मंदिर का निर्माण वर्ष 1942 ई. में राजबलदेव दास जी बिड़ला द्वारा किया गया, यह मंदिर गांधी मैदान (पटना) से लगभग 1 Km दूरी पर सब्जीबाग क्षेत्र में स्थित है।
पत्थर मस्जिद, पटना
पटना के सुल्तानगंज क्षेत्र में स्थित इस मस्जिद का निर्माण मुगल सम्राट् जहाँगीर के पुत्र शहजादा परवेज द्वारा किया गया था। इस मस्जिद को ‘संगी मस्जिद’ के नाम से भी जाना जाता है। जो मुगल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है।
उमानाथ का मंदिर
पटना जिले के बाढ़ में स्थित भगवान शिव का आठ सौ साल पुराना एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो उमानाथ के नाम से प्रसिद्ध है।
खानकाह, फुलवारी शरीफ
इस खानकाह की स्थापना 13वीं शताब्दी में हजरत मखदूमशाह द्वारा की गयी थी, यह स्थान इस्लाम धर्म की शिक्षा का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र रहा है। यहाँ प्रत्येक वर्ष पैगंबर मुहम्मद की याद में उर्स शरीफ रबीउल-अव्वल के महीने में मनाया जाता है, जिसका आयोजन तीन दिनों तक होता है।
हरमिंदर साहिब (पटना)
पटना शहर में स्थित श्री हरमिंदर साहिब सिख धर्म का ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल है। इसी स्थान पर सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ। यहाँ गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन से सम्बंधित पगुरा, लोहे के चार तोर, तलवार, पादुका एवं अनेक वस्तुएँ संरक्षित की गयी है।
कमलदह, पटना
बिहार के कमलदह नामक स्थान पर जैन धर्म का प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर स्थित है।
भागलपुर
बिहार का भागलपुर प्रदेश तसर रेशम के उत्पादन लिए प्रसिद्ध है, जिसे सिल्क नगरी के नाम से भी जाना जाता है। प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय भागलपुर जिले में ही स्थित था, जिसका वर्त्तमान में पुनर्निर्माण करवाया जा रहा है।
मंदारगिरि, भागलपुर
मंदारगिरि, भागलपुर में माता भगवती दुर्गा की प्रतिमा स्थित है जो ग्रेनाइट चट्टानों से निर्मित है। मंदारगिरि मंदिर लगभग 800 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। इस पर्वत के बारे में पौराणिक महत्त्व यह है कि समुद्र मंथन के लिए मंदारगिरि पर्वत का इस्तेमाल किया गया था।
अजगैबीनाथ का मंदिर
सुल्तानगंज में गंगा नदी के तट पर अजगैबीनाथ (भगवान शिव) का प्राचीन मंदिर स्थित है। यहाँ सावन माह में अनेक लोग यहाँ पूजा-अर्चना करने आते हैं।
चंपा
चंपा नगर का निर्माण महागोविंद ने करवाया था, जो प्राचीन अंग महाजनपद की राजधानी थी। इस नगर का नाम चंपा पृथुलाक्ष के पुत्र चंप के नाम पर पड़ा है।
मुंगेर
मुंगेर को पहले पहले कर्ण चौरा के नाम से भी जाना जाता था। बिहार योगा भारती, गंगा दर्शन विश्व योगपीठ परिसर आदि मुंगेर में स्थित है। यहाँ गुरुकुल प्रणाली पर आधारित योग की शिक्षा प्रदान की जाती है। इस प्रकार की योग संस्था की स्थापना सर्वप्रथम स्वामी शिवानंद सरस्वती ने ऋषिकेश योगा वेदांता फॉरेस्ट अकादमी के नाम से की थी। इन्हीं से प्रेरित होकर स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने मुंगेर जिले में वर्ष 1963 ई. में बिहार स्कूल ऑफ योगा की स्थापना की।
चंडिका देवी मंदिर, मुंगेर
माँ चंडिका देवी का मंदिर एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, जो मुंगेर जिले में गंगा नदी के तट पर स्थित है। इस स्थल पर माता सती की दाई आँख गिरी थी तथा यहाँ के मुख्य मंदिर में सोने की गढ़ी आँख स्थापित है।
श्रृंग ऋषि
मुंगेर जिले से 32 Km दक्षिण-पश्चिम में स्थित श्रृंग ऋषि पहाड़ है, जहाँ प्रत्येक वर्ष शिवरात्रि के दिन मेला लगता है। ब्रिटिश गवर्नर रोबर्ट क्लाइव के खिलाफ 1766 ई. में अंग्रेज सैनिकों ने इसी क्षेत्र में विद्रोह किया था, जिसे श्वेत विद्रोह (White Mutiny) के नाम से जाना जाता हैं।