सैय्यद वंश, दिल्ली सल्तनत पर शासन करने वाला चौथा वंश था| सैय्यद वंश ने कुल 37 वर्षों तक दिल्ली पर शासन किया| इस वंश में कुल 4 शासक हुए –
- ख़िज़्र खाँ (1414 – 1421 ई.)
- मुबारक़ शाह (1421 – 1434 ई.)
- मुहम्मद शाह (1434 – 1445 ई.)
- आलमशाह शाह (1445 – 1476 ई.)
ख़िज़्र खाँ Khizr Khan (1414 – 1421 ई.)
उपाधि – ‘रैयत-ए-आला’
सैय्यद वंश की स्थापना ख़िज़्र ख़ाँ ने वर्ष 1414 ई. की| ख़िज़्र ख़ाँ ने अपने सिक्कों पर तैमूर तथा उसके पुत्र शाहरुख का नाम अंकित करवाया तथा तैमूर के पुत्र शाहरुख़ को निरंतर भेंट व राजस्व भेजता रहा| भारत पर आक्रमण के पश्चात जब तैमूर लंग वापस जा रहा था, तो उसने ख़िज़्र ख़ाँ को मुल्तान, लाहौर एवं दीपालपुर का शासक नियुक्त कर दिया था|
मृत्यु
- 20 मई, 1421 को ख़िज़्र ख़ाँ की मृत्यु हो गई|
- फ़रिश्ता के अनुसार ख़िज़्र ख़ाँ की मृत्यु पर युवा, वृद्ध दास और स्वतंत्र सभी ने काले वस्त्र पहनकर दुःख प्रकट किया|
मुबारक़ शाह Mubarak Shah (1421 – 1434 ई.)
उपाधि – शाह , नायब-ए-अमीरुल मोमिनीन
ख़िज़्र ख़ाँ की मृत्यु के बाद उसका पुत्र मुबारक़ शाह शासक बना| मुबारक शाह ने स्वयं को सुल्तान घोषित किया तथा ख़ुत्बे में तैमूर के वंशजो का नाम हटा कर अपने नाम के ख़ुत्बे पढ़वाएँ|
मुबारक शाह के कार्य
- 1434 ई. में मुबारक शाह ने यमुना नदी के किनारे मुबारकबाद नगर की स्थापना की|
- मुबारक शाह ने ‘शाह’ की उपाधि ग्रहण कर अपने नाम के सिक्के जारी किये|
- मुबारक शाह के शासनकाल में सर्वप्रथम सल्तनत में दो महत्त्वपूर्ण हिन्दू अमीरों का उल्लेख मिलता है|
- मुबारक शाह ने लेखक ‘यहिया बिन अहमद सरहिन्दी’ को संरक्षण प्रदान किया
मृत्यु
मुबारक शाह के वज़ीर सरवर-उल-मुल्क ने षड़यन्त्र द्वारा 19 फ़रवरी, 1434 ई. को मुबारक शाह की हत्या कर दी।
मुहम्मद शाह Muhammad Shah (1434 – 1445 ई.)
मुबारक शाह की मृत्यु के बाद उसका दत्तक पुत्र मुहम्मद शाह को वज़ीर सरवर-उल-मुल्क व अन्य अमीरों में मिलकर 19 फ़रवरी 1434 को दिल्ली का शासक नियुक्त किया| इस समय वज़ीर सरवर-उल-मुल्क का शासन पर पूर्ण नियंत्रण था| मुहम्मद शाह की हत्या करने के लिए वज़ीर सरवर-उल-मुल्क षडयंत्र रच रहा था किन्तु इससें पूर्व ही मुहम्मद शाह ने वजीर व उसके समर्थकों की हत्या कर उसके स्थान पर कमाल-उल-मुल्क को नया वजीर नियुक्त किया|
मृत्यु
बहलोल लोदी ने 1443 ई. में दिल्ली पर आक्रमण कर किया तथा इसी दौरान उसकी मृत्यु हो गई|
आलमशाह शाह Alamshah shah (1445 – 1476 ई.)
मुहम्मद शाह की मृत्यु के बाद उसका पुत्र अलाउद्दीन शाह “आलम शाह” की उपाधि धारण कर गद्दी पर बैठा| इस समय सैय्यद वंश का पूर्णत: ह्रास हो चुका था| आलम शाह व उसके वजीर हुसाम के मध्य मतभेद उत्पन्न होने के कारण वर्ष 1447 ई. में दिल्ली छोड़कर अपने प्रिय स्थान बदायूँ चला गया।
मृत्यु’
1476 ई. में अलाउद्दीन शाह (आलमशाह शाह) की मृत्यु हो गई।