इतिहास के अध्ययन हेतु इसे मुख्यत: 3 भागों में विभाजित किया जा सकता है –
- प्रागैतिहासिक काल (Prehistoric Era)
- आद्यैतिहासिक काल
- ऐतिहासिक काल
प्रागैतिहासिक काल (Prehistoric Era)
- वह काल जिसमें मानव किसी भी प्रकार की लिपि (Script) अथवा लेखन कला से परिचित नहीं था, उसे प्रागैतिहासिक काल व प्रस्तर युग के नाम से भी जाना जाता है।
- प्रागैतिहासिक काल के अंतर्गत मानव उत्पत्ति से लेकर लगभग 3000 ई.पू. के मध्य का समय आता है।
- पाषाण काल एवं ताम्र पाषाण काल का अध्ययन इसी काल के अंतर्गत किया जाता है।
आद्यैतिहासिक काल
- वह काल जिसमें मानव किसी ना किसी प्रकार की लिपि (Script) से परिचित था किंतु उस लिपि (Script) को अभी तक पढ़ा नहीं जा सका है।
- हड़प्पा सभ्यता एवं वैदिक सभ्यता का अध्ययन इसी काल के अंतर्गत किया जाता है।
- 3000 ई.पू. से 600 ई.पू. तक के काल को आद्यैतिहासिक काल के नाम से जाना जाता है।
ऐतिहासिक काल
- वह काल जिसमें मानव किसी ना किसी प्रकार की लिपि (Script) से परिचित था और उस लिपि (Script) को पढ़ा भी जा चुका है।
- ऐतिहासिक काल की जानकारी हमें पुरातात्विक स्रोतों, साहित्यिक स्रोतों तथा विदेशियों के यात्रा वृतांतों से प्राप्त है। इस काल के स्रोतों को पढ़ा व समझा जा चुका हैं।
- 600 ई.पू. से वर्तमान तक के काल को ऐतिहासिक काल के नाम से जाना जाता है।