संक्रमणकालीन जलीय पारितंत्र को मुख्यत: तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है :
- ज्वारनदमुख पारितंत्र (Estuaries ecosystem)
- आर्द्र पारितंत्र (Wetland ecosystem)
- मैंग्रोव पारितंत्र (Mangrove ecosystem)
ज्वारनदमुख पारितंत्र
- जब नदियां डेल्टा न बनाकर सीधे समुद्र में मिल जाती है, तब ज्वारनदमुख (Estauries) का निर्माण होता है, इसी कारण ज्वारनदमुख को एक ऐसे संक्रमण के रूप में परिभाषित किया जाता है जहाँ नदियाँ समुद्र मिलती है|
- यह ऐसा तटीय क्षेत्र (Coastal area) होता है जिसका मुँह समुद्र की और खुला होता है |
- इस क्षेत्र में नदियों के साथ-साथ समुद्र की भी विशेषताएं होती है, अत: यहाँ जैव-विविधता (Biodiversity) व पारिस्थितिकी उत्पादकता भी अधिक होती है |
ज्वारीय पारितंत्र की समस्याएं (Estaurie problems of ecosystem)
- नगरीय व औद्योगिक अवशिष्ट
- बंदरगाह व जल परिवहन
- मनोरंजन व पर्यटन का प्रभाव
- जलवायु परिवर्तन
- अत्यधिक मत्सयन
- सुनामी , चक्रवात
- नवीन प्रजातियों का आगमन