- Exam – UPPSC PCS Pre exam Paper 2 (CSAT) – 2019
- Subject – Paper 2 (CSAT)
- Number Of Questions – 100
- Date of Exam – 15−December−2019
- Paper Set – D
- निम्नलिखित में से वह वाक्य छांटिए, जिसमें क्रिया विशेषण का प्रयोग किया गया है।
(a) यहाँ कैसे-कैसे लोग एकत्र हुए हैं।
(b) वह काली गाय घास चर रही है।
(c) मुझसे खट्टा फल नहीं खाया जाता।
(d) तुम जी जान लगाकर पढ़ रहे हो।
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‘रामचरितमानस’ की रचना किस भाषा में हुई है ?
(a) खड़ीबोली हिन्दी
(b) ब्रजभाषा
(C) अवधी
(d) मैथिली
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‘आभ्यंतर’ का विलोम होता है
(a) बाह्य
(b) अन्दर का
(c) मध्य
(d) अभी-अभी
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निम्नलिखित वाक्यों से शुद्ध वाक्य चुनिए।
(a) चहारदिवारी के पार एक सुन्दर इमारत है।
(b) उपरोक्त वाक्य का संज्ञान लें।
(c) शिक्षणेत्तर कर्मचारी आज शाम को एकत्र होंगे।
(d) यह कार्य अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है।
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निम्नलिखित व्यंजनों में से कौन-से व्यंजन का उच्चारण तालु से होता है ?
(a) क
(b) ढ
(c) छ
(d) म
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‘बच्चा’ शब्द का तत्सम रूप होता है
(a) बच्च
(b) बालक
(c) वत्स
(d) बाल
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ऐसे शब्द जो उच्चारण और वर्तनी की दृष्टि से समान हो .. व्युत्पत्ति तथा अर्थ की दृष्टि से भिन्न हों
(a) पर्यायवाची शब्द
(b) समरूप या समोच्चारित शब्द
(c) विपर्याय या विलोम शब्द
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
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‘हंसपद’ विरामचिन्ह का प्रयोग होता है
(a) वाक्य पूरा करने के लिए
(b) संकेत देने के लिए
(c) अर्थ स्पष्ट करने के लिए
(d) लिखने में अक्षर छूटने का संकेत देने के लिए
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‘अपनी करनी पार उतरनी’ का अर्थ है
(a) दूसरे के कर्मफल को स्वयं भी भुगतना पड़ता है।
(b) अपने कर्म का फल स्वयं भोगना पड़ता है।
(c) कर्म का फल अवश्य मिलता है।
(d) दूसरे के अच्छे कर्मों का अनुकरण करना चाहिए।
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‘पीतांबर’ में कौन-सा समास है ?
(a) द्विगु
(b) अव्ययीभाव
(c) कर्मधारय
(d) बहुब्रीहि
प्रश्न संख्या 11 से 15 के लिए:
अधोलिखित गद्यांश को ध्यान से पढ़िए तथा प्रश्न संख्या 11 से 15 के उत्तर इस गद्यांश के आधार पर दीजिए।
मानव के पास समस्त जगत् को देखने-परखने के दो नजरिए हैं, एक आशावादी दूसरा निराशावादी। इसे सकारात्मक और नकारात्मक दृष्टि भी कहते हैं। जो आशावादी या सकारात्मक मार्ग पर चलते हैं, वे सदैव आनन्द की अनुभूति प्राप्त करते हैं तथा निराशावादी या नकारात्मक दृष्टि वाले दुःख के सागर में डूबे रहते हैं और सदा अपने आपको प्रस्थापित करने के लिए तर्क किया करते हैं। वे भूल जाते हैं कि तर्क और कुतर्क से ज्ञान का नाश होता है एवं जीवन में विकृति उत्पन्न होती है। आशावादी कभी तर्क नहीं करता, फलस्वरूप वह आन्तरिक आनन्द की प्रतीति करता है। वह मानता है कि आत्मिक आनन्द कभी प्रहार या काटने की प्रक्रिया में नहीं है। किसी परम्परा का विरोध करने से ही बती। विरोध से नाश होता है। इसीलिए जगत् में पनपा है, उसने ही महान् व्यक्तियों का सृजन किया रात्मकता की नींव पर कभी किसी जीवन-प्रासाद प्रतिभा ऊपर नहीं उठती। विरोध सेना सदा आशावाद ही पनपा है, उसनेही है। निराशावाद या नकारात्मकता की नींव पा का निर्माण नहीं हुआ।
- नकारात्मकता का आशय है
(a) निराशावाद
(b) स्वीकार्यता
(c) सकारात्मकता
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
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निराशावादी दु:ख के सागर में डूबे रहते हैं और सदा अपने आपको प्रस्थापित करने के लिए तर्क किया करते हैं, के लिए कहा जा सकता है
(a) निराशा कुण्ठा और प्रवंचना की जननी है।
(b) निराशावादी का चेहरा चिन्ता की रेखाओं से घिरा रहता है।
(c) निराशावादी व्यक्ति दूसरे के आनन्द से दुखी रहते
(d) उपर्युक्त सभी वाक्य सही हैं
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‘आत्मिक आनन्द’ से आशय है
(a) आह्लाद
(b) मन की मौज
(c) उपहास
(d) अट्टहास
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इस अवतरण का सर्वथा उपयुक्त शीर्षक हो सकता है
(a) आशा और निराशा
(b) जीवन और आशावाद
(c) आशा ही जीवन है
(d) आशावादी और निराशावादी
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परम्परा का विरोध करने से प्रतिभा ऊपर नहीं उठती आशय है
(a) परम्परा व्यक्ति को दकियानूसी बनाती है।
(b) परम्परा का विरोध व्यक्ति को प्रतिभासम्पन्न बना
(c) परम्परा को स्वीकारने से प्रतिभा नष्ट नहीं होती।
(d) परम्परा और प्रतिभा में अन्योन्याश्रित सम्बन्ध है।
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‘अंक’ शब्द का अर्थ नहीं होता है
(a) गोद
(b) चिह्न
(c) संख्या
(d) अंग
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निम्नलिखित में से ‘खिड़की’ का पर्यायवाची है
(a) वातायन
(b) बारी
(c) दरीचा
(d) उपर्युक्त सभी
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निम्नलिखित में से अशुद्ध वर्तनी वाला शब्द है
(a) निस्संदेह
(b) निस्संकोच
(c) उज्वल
(d) महत्व
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‘मातृणाम्’ का शुद्ध संधि-विच्छेद है
(a) मात + ऋणाम्
(b) मातृ + ऋणाम्
(c) मात + रिणाम्
(d) मातर + इणाम्
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‘गमला’ और ‘आलपीन’ किस भाषा के शब्द हैं ?
(a) फ्रेंच
(b) अंग्रेजी
(c) पुर्तगाली
(d) जापानी