प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को पक्षियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day)’ के रूप में मनाया जाता है।
- सर्वप्रथम वर्ष 2010 में विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) मनाया गया था।
- इस पहल की शुरुआत भारत के “Nature Forever Society (NFS)” द्वारा की गयी थी।
- भारत में, गौरैया (Sparrow) संपूर्ण देश भर में और असम घाटी और असम पहाड़ियों के निचले हिस्सों में पाई जाती है।
गौरैया से संबंधित प्रमुख बिंदु
- जगत – जंतु
- संघ – कॉर्डैटा
- वर्ग – एव्स
- गण – Passeriformes
- कुल – Passeridae
- वंश – पैसर (Passer)
- वैज्ञानिक नाम – पैसर डोमेस्टिक्स (Passer domesticus)
संरक्षण की स्थिति
वर्तमान में गौरैया पक्षी को संकटमुक्त जाति [Least Concern (IUCN 3.1)] की श्रेणी के अंतर्गत रखा गया है।
आवास और वितरण
अंटार्कटिका (Antarctica), चीन (China) और जापान (Japan) को छोड़कर, लगभग सभी महाद्वीप में गौरैया (Sparrow) के निवास स्थल विस्तृत हैं। यह पक्षी यूरेशिया (Eurasia) और उत्तरी अफ्रीका (North Africa) का मूल निवासी है।
इसे बिहार (Bihar) और दिल्ली (Delhi) द्वारा अपना राज्य पक्षी घोषित किया गया है।
यह पक्षी मानव बस्तियों के करीब रहने के लिए जाना जाता है, और इसलिए यह ग्रामीण और शहरों क्षेत्रों में सबसे अधिक पाए जाने वाले पक्षी प्रजातियों में से एक है।
गौरैया पक्षी की जनसंख्या में गिरावट के कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं –
- हमारे घरों की वास्तुकला।
- फसलों में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग।
- ध्वनि प्रदूषण।
- वाहनों से निकलने वाला धुंआ।