मोहन खाल तांबे की खान उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित है। हिन्दी कवि नागार्जुन, उत्तराखंड के जहरीखाल (पौड़ी) नामक स्थान से संबंधित है। बद्रीनाथ धाम को नरहरि तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है। जौनसारी जनजाति द्वारा अंडे कांडे डांस नामक नृत्य किया जाता है। चमोली में स्थित…
Read Moreसलाणी बोली उत्तराखंड के पौड़ी जिले में बोली जाती है। धनपुरिया बोली उत्तराखंड के चमोली जिले में बोली जाती है। बिसोई ग्राम (जौनसार) के प्रथम समाज सेवी केदार सिंह थे। पंच बदरी के अंतर्गत आने वाले मंदिर – श्री बदरीनाथ धाम, वृद्ध बदरी, योग बदरी/ ध्यान बद्री, भविष्य बदरी, आदि…
Read Moreचंद वंश के राजा जगतचंद के शासनकाल को कुमाऊं का स्वर्णकाल कहा जाता है। चंदवंशीय राजकुमार “गंगनाथ” को अल्मोड़ा में घर-घर में पूजा जाता है। एटकिंसन के अनुसार अशोकचल्ल के गोपेश्वर त्रिशूल लेख की तिथि वर्ष 1191 ई. है। गोरखा राजाओं ने राईजाति की बहादुरी से खुश होकर उन्हें सुब्बा…
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