उत्तराखंड की पारंपरिक नृत्य कला

यदि किसी भी राज्य या राष्ट्र की संस्कृति को जानना है, तो उस राज्य में विभिन्न अवसरों पर मनाये जाने वाले त्यौहार और वहां की नृत्य शैलियां हमें उसविशेष क्षेत्र की संस्कृति और इतिहास से अवगत कराती है। आज की इस पोस्ट में हम उत्तराखंड राज्य की प्रमुख नृत्य शैलियों…

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उत्तराखंड का भौगोलिक विस्तार व संरचना

उत्तराखंड राज्य वृहत हिमालयी क्षेत्र व गंगा के मैदानी क्षेत्र के मध्य में स्थित है। उत्तराखंड राज्य का कुल क्षेत्रफल 53, 484 वर्ग किमी तथा आकार आयताकार है। पूर्व से पश्चिम तक उत्तराखंड राज्य की लंबाई- 358 Km है, जबकि राज्य का कुल क्षेत्रफल – 53,483 वर्ग किमी उत्तराखंड राज्य…

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अल्मोड़ा जनपद से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र व पत्रिकाएँ

अल्मोड़ा अखबार अल्मोड़ा अखबार का संपादन वर्ष 1871 में बुद्धि बल्लभ पंत (Buddhi Ballabh Pant) द्वारा शुरू किया गया था। यह देश का 10th पंजीकृत समाचार पत्र था। इसे उत्तराखंड में पत्रकारिता की पहली ईंट भी कहा गया है। अल्मोड़ा अखबार, कुमाऊँ से प्रकाशित होने वाला प्रथम हिंदी भाषा का…

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पिथौरागढ़ जिले से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र व पत्रिकाएँ

एक पथिक (Ek Pathik) इसे वर्ष 1954 -55 में हीरा बल्लभ जोशी (Heera Ballabh Joshi) द्वारा शुरू किया गया था। उत्तराखंड ज्योति (Uttarakhand Jyoti) इसे वर्ष 1961 में हीरा बल्लभ जोशी (Heera Ballabh Joshi) द्वारा शुरू किया गया था। पर्वत पीयूष (Parvat Piyush) इसे वर्ष 1976 में भगत सिंह कोश्यारी…

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पिथौरागढ़ जनपद के प्रमुख व्यक्ति

कबूतरी देवी (लोक गायिका) कबूतरी देवी का जन्म वर्ष 1945 में पिथौरागढ़ के लेटी गांव में हुआ था, और इनका निधन 7 जुलाई, 2018 को हुआ। यह उत्तराखंड की एक प्रसिद्ध लोक गायिका थी। जिन्हें तीजनबाई तथा कुमाऊँ कोकिला के नाम से भी जाना जाता है। हरीश चन्द्र सिंह रावत…

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पिथौरागढ़ जिले के प्रमुख मेले

मोस्टामानू/मोष्टामानु मेला यह एक ऐतिहासिक मेला है, जिसे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। मोस्टामानू (मोस्टामाणू) को बारिश के देवता के रूप में भी जाना जाता है। भगवान मोस्टामानू को इन्द्र भगवान के मामा के रूप में भी जाना जाता हैं। यह मेला प्रतिवर्ष नाग पंचमी के…

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उत्तराखंड विधानसभा सीटों का विवरण

उत्तराखंड में विधानसभा सीटों की कुल संख्या 70 है, जिनमें से 15 सीटों को अनुसूचित जाति (Scheduled Castes) व अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribes) के लिए आरक्षित किया गया है। अनुसूचित जाति (S.C) के लिए आरक्षित – 13 सीट अनुसूचित जनजाति (S.T) के लिए आरक्षित – 2 सीट देहरादून (Dehradun)  देहरादून जनपद में…

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उत्तराखंड नाट्य कला (Uttarakhand Drama’s)

गढ़वाली व कुमाऊंनी भाषा में सिनेमा के इतिहास की शुरुआत वर्ष 1983 में हुई।  फिल्म जग्वाल (गढ़वाली में) से शुरू होता है। 1983 से वर्तमान तक गढ़वाली व कुमाऊंनी भाषा में सैकड़ों फिल्मों का निर्माण किया जा चुका है। सिनेमाघरों में दर्शकों की संख्या में कमी आने के कारण वर्तमान…

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उत्तराखंड के प्रमुख सांस्कृतिक संस्थान

साहित्य, संस्कृति एवं कला परिषद – राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड की संस्कृति के विकास, संरक्षण एवं प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए वर्ष  2004 में इस परिषद का गठन देहरादून (Dehradun) में किया गया। इस परिषद में ख्याति प्राप्त पुरातत्वविदों, साहित्यकारों, चित्रकारों,  नाटककारों, संगीतकारों और लोक कलाकारों को सदस्य बनाया गया है। इस परिषद…

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उत्तराखंड के प्रमुख पारंपरिक परिधान व आभूषण

उत्तराखंड के पारंपरिक परिधानों एवं उत्तराखंड की लोक संस्कृति को मुख्यत: दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है − कुमाऊंनी (Kumauni) गढ़वाली (Garhwali) उत्तराखंड के प्रमुख पारंपरिक परिधान (Major Traditional Apparel of Uttarakhand) गढ़वाली परिधान (Garhwali Apparel) गढ़वाली पुरूषों के परिधान − धोती, कुर्ता, मोरी (बास्कट), चूड़ीदार पायजामा,  मिरजई, सफेद…

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