भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समय लोगो में जन जागरूकता बढ़ाने हेतु उत्तराखंड से भी विभिन्न समाचार पत्र व पत्रिकाओं का प्रकाशन किया जाता था। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समय लोगो में जन जागरूकता बढ़ाने हेतु उत्तराखंड से भी विभिन्न समाचार पत्र व पत्रिकाओं का प्रकाशन किया जाता था। जो निम्नलिखित
Read Moreभारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समय लोगो में जन जागरूकता बढ़ाने हेतु उत्तराखंड से भी विभिन्न समाचार पत्र व पत्रिकाओं का प्रकाशन किया जाता था। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समय लोगो में जन
Read Moreजमरानी बांध परियोजना (Jamrani Dam Project) गौला नदी पर प्रस्तावित है। गौला नदी (Gaula River) का उद्गम भीड़ापानी में एक घाटी से होता है। गौरा महोत्सव का आयोजन चम्पावत जनपद जिंडी गांव
Read Moreहरिराम त्रिपाठी द्वारा भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् (Vande Mataram) का कुमाऊंनी भाषा में अनुवाद किया गया। वंदे मातरम् (Vande Mataram) गीत की रचना बंकिमचंद्र चटोपाध्याय द्वारा की गयी थी, यह
Read Moreखड़दिया एक प्रकार की पूजा पद्यति है, जिसमें रात भर खड़े होकर हाथ में घी का दिया जलाकर संतान की प्राप्ति हेतु मन्नत माँगी जाती है। मंजूघोशेखर महादेव मंदिर, उत्तराखंड के पौड़ी
Read Moreवारसु घाटी, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। झुम्पा, उत्तराखंड राज्य का प्रथम म्यूजिक विडियो एल्बम है, जिसके निर्माता गणेश वीरान है। पूर्णागिरि मंदिर, अन्नापूर्णा शिखर (टनकपुर, चंपावत) पर स्थित है।
Read Moreअल्मोड़ा अखबार का प्रथम संपादक बुद्धि बल्लभ जोशी थे। कत्यूरी वंश में ग्राम शासक को पाल्लिका कहा जाता था। गोरखा शासको के शासनकाल में दास मंडी, हरिद्वार जिले के भीमगोड़ा नामक स्थान
Read Moreचंद कालीन सबसे पुराना अभिलेख थोहरचंद का प्राप्त हुआ है। चंद वंश के शासक भारतीचंद ने 12 वर्षों तक डोटियों से युद्ध किया था। चंद वंश के शासक कल्याण चंद द्वारा गंगोलीहाट
Read Moreपंतनगर विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति डा. केनेथ एंथनी पार्कर स्टीवेंसन (Dr. Kenneth Anthony Parker Stevenson) थे। वर्ष 1948 में कुमाऊं रेजीमेंट का मुख्यालय आगरा में रानीखेत में स्थानांतरित किया गया था। कोटलीभेल
Read Moreअन्नापूर्णा नौटियाल को गढ़वाल विश्वविधालय की पहली महिला कुलपति नियुक्त किया गया था। “कोटली बुग्याल” टिहरी जिले में “पांडव चोटी” के समीप स्थित है। कोटली बुग्याल को अप्सराओं का बुग्याल के नाम
Read Moreझूठा मंदिर, कुमाऊं मंडल में चंपावत जिले के प्रवेश द्वार टनकपुर में स्थित है। यह मंदिर मां पूर्णागिरि मंदिर से 1 K.M पहले स्थित है। टनकपुर को मिस्टर टलक द्वारा बसाया गया था। झूला देवी
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