थोलपावकुथु (Tholpavakkoothu) केरल की एक प्रसिद्ध मंदिर कला है, जिसे पलक्कड़ जिले के भद्रकाली मंदिरों में प्रस्तुत किया जाता है। थोलपावकुथु कला की उत्पत्ति: मलयालम भाषा में, थोल का अर्थ है – चमड़ा, पावा का अर्थ है – गुड़िया और कुथु का अर्थ है – नाटक। यह एक कर्मकांड की
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Read Moreरथ सप्तमी (Rath Saptami) एक हिंदू त्योहार है, जिसे माघ माह के शुक्ल पक्ष के 7वें दिन मनाया जाता है। यह दो शब्दों रथ और सप्तमी (7 वाँ) से मिलकर बना है।
Read Moreभारतीय लोक और जनजातीय नृत्य सरल नृत्य हैं, और आपस में आनंद और खुशी व्यक्त करने के लिए किए जाते हैं। लोक और जनजातीय नृत्यों को ऋतुओं के आगमन, बच्चे के जन्म,
Read Moreहाल ही में, तुर्की के राष्ट्रपति (रजब तैयब अरदगान) ने चोरा संग्रहालय (Chora museum) को एक मस्जिद में बदलने का निर्णय लिया है। चोरा संग्रहालय (Chora museum) वर्ष 534 ई. में इस
Read Moreनटेश मूर्ति (Natesa), 9 वीं शताब्दी की एक दुर्लभ बलुआ पत्थर की मूर्ति है, जिसका निर्माण प्रतिहार शैली (राजस्थान) में किया गया था। वर्ष 1998 में नटेश मूर्ति (Natesa Idol) चोरी हो
Read Moreसोहराई खोवर पेंटिंग (Sohrai Khovar Paintings) सोहराय खोवर पेंटिंग GI टैग प्रदान करने के लिए आवेदन सोहराई कला महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड द्वारा किया गया था। सोहराई खोवर पेंटिंग एक पारंपरिक
Read Moreहाल ही में मणिपुर के काले चावल (Chak-Hao) और गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में निर्मित टेराकोटा को भौगोलिक संकेत (GI) टैग दिया गया है। चक-हाओ (Chak-Hao) चक-हाओ (Chak-Hao) एक सुगंधित व चिपचिपा चावल
Read Moreअंबुबाची मेला (Ambubachi Mela) प्रत्येक वर्ष असम के कामाख्या मंदिर (गुवाहाटी) में 22 से 27 जून तक आयोजित किया जाता है। प्रमुख बिंदु यह त्यौहार कामाख्या देवी मंदिर (गुवाहाटी, असम) में पीठासीन
Read More‘पंथी (Panthi)’ छत्तीसगढ़ का एक लोक-नृत्य है। यह सतनाम पंथ का आध्यात्मिक एवं धार्मिक नृत्य होने के साथ-साथ एक अनुष्ठान भी है। यह नृत्य आदिवासी समूहों की समृद्ध सांस्कृतिक और पारंपरिक विरासत
Read Moreमेडारम जात्रा उत्सव भारत के जयशंकर भूपलपल्ली जिले (तेलंगाना) में प्रत्येक दो वर्ष के अंतराल में मनाया जाने वाला विश्व का सबसे बड़ा जनजातीय उत्सव है। यह माघसुधा पौर्नामी (माघ पूर्णिमा) को
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