परीक्षा (Exam) – CTET Paper I Primary Level (Class I to V)
भाग (Part) – Part – I – बाल विकास और शिक्षाशास्त्र (Child Development and Pedagogy)
परीक्षा आयोजक (Organized) – CBSE
कुल प्रश्न (Number of Question) – 30
परीक्षा तिथि (Exam Date) – 31st January 2021 (Morning Shift 09.30 AM – 12.00 PM)
निर्देश : निम्नलिखित प्रश्नों (प्र. संख्या 1 से 30) के उत्तर देने के लिए सही सबसे उपयुक्त विकल्प चुनिए :
Q.1 एक खेल क्रिया के दौरान चोट लगने पर रोहन रोने लगा । यह देखकर उसके पिता ने कहा, “लड़कियों की तरह व्यवहार ना करो; लड़के रोते नहीं हैं।” पिता का यह कथन
(1) लैंगिक रूढ़िवादिताओं को दर्शाता है।
(2) लैंगिक रूढ़िवादिताओं को चुनौती देता है।
(3) लैंगिक भेदभाव को कम करता है।
(4) लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है ।
Q.2 एक प्रगतिशील कक्षा में –
(1) अध्यापक को अटल पाठ्यक्रम का पालन करना चाहिए।
(2) विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा पर बल देना चाहिए।
(3) ज्ञान की संरचना के लिए प्रचुर मौके प्रदान करने चाहिए।
(4) विद्यार्थियों को उनके अकादमिक अंकों के आधार पर नामांकित करना चाहिए ।
Q.3 एक गतिविधि के दौरान, छात्रों को संघर्ष करते देख, एक अध्यापिका बच्चों को संकेत और इशारे जैसे -“क्या, क्यों, कैसे’ प्रदान करने का फैसला लेती है । लेव वायगोत्स्की के सिद्धांत के अनुसार, अध्यापिका की यह योजना –
(1) बच्चों को अधिगम के लिए अनुत्प्रेरित/निष्प्रेरित करेगी।
(2) अधिगम के लिए पाड़/आधारभूत संरचना का काम करेगी।
(3) छात्रों में प्रत्याहार/निकास प्रवृत्तियाँ पैदा करेगी।
(4) अधिगम की प्रक्रिया में अर्थहीन होगी।
Q.4 बच्चों के समाजीकरण के संदर्भ में निम्न में से कौन सा कथन सही है ?
(1) विद्यालय समाजीकरण का एक द्वितीयक कारक है और परिवार समाजीकरण का एक प्राथमिक कारक है।
(2) विद्यालय समाजीकरण का एक प्राथमिक कारक है और समकक्षी समाजीकरण के द्वितीयक कारक हैं।
(3) समकक्षी समाजीकरण के प्राथमिक कारक हैं और परिवार समाजीकरण का एक द्वितीयक कारक है।
(4) परिवार एवम् जन-संचार दोनों समाजीकरण के द्वितीयक कारक हैं।
Q.5 बहु-बुद्धि का सिद्धांत जोर देता है कि
(1) बुद्धि-लब्धि केवल वस्तुनिष्ठ परीक्षणों द्वारा ही मापी जा सकती है।
(2) एक आयाम में बुद्धिमत्ता, अन्य सभी आयामों में बुद्धिमत्ता निर्धारित करती है।
(3) बुद्धिमत्ता की विभिन्न दशाएँ हैं।
(4) बुद्धिमत्ता में कोई व्यक्तिगत विभिन्नताएँ नहीं होती हैं।
Q.6 लॉरेंस कोलबर्ग के सिद्धांत के अनुसार, “किसी कार्य को इसीलिए करना, क्योंकि दूसरे इसे स्वीकृति देते हैं”, नैतिक विकास के____चरण को दर्शाता है।
(1) प्रथा-पूर्व
(2) प्रथागत
(3) उत्तर-प्रथागत
(4) अमूर्त संक्रियात्मक
Q.7 लेव वायगोत्स्की का सामाजिक-सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य, अधिगम प्रक्रिया में ___ के महत्त्व पर जोर देता है।
(1) सांस्कृतिक उपकरणों
(2) गुणारोपण
(3) अभिप्रेरणा
(4) संतुलीकरण
Q.8 जीन पियाजे अपने संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत में, संज्ञानात्मक संरचनाओं को के रूप में वर्णित करते हैं।
(1) मनोवैज्ञानिक उपकरणों
(2) उद्दीपक-अनुक्रिया संबंध
(3) विकास का समीपस्थ क्षेत्र
(4) स्कीमा/मनोबंध
Q.9 जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत में, पूर्व-संक्रियात्मक अवस्था में विकास का मुख्य गुण क्या होता है ?
(1) अमूर्त सोच का विकास
(2) विचार/सोच में केंद्रीकरण
(3) परिकल्पित-निगमनात्मक सोच
(4) संरक्षण और पदार्थों को क्रमबद्ध करने की क्षमता
Q.10 विकास के संदर्भ में निम्न में से कौन सा कथन सही है ?
(1) विकास की दर, सभी संस्कृतियों में सभी के लिए समान होती है।
(2) विकास केवल विद्यालय में होने वाले अधिगम से ही होता है।
(3) विकास केवल बाल्यावस्था के दौरान ही होता है।
(4) विकास बहुआयामी होता है।
Q.11 जन्म से किशोरावस्था तक बच्चों में विकास किस क्रम में होता है?
(1) सांवेदिक, मूर्त, अमूर्त
(2) अमूर्त, सांवेदिक, मूर्त
(3) मूर्त, अमूर्त, सांवेदिक
(4) अमूर्त, मूर्त, सांवेदिक
Q.12 एक प्रगतिशील कक्षा में व्यक्तिगत विभिन्नताओं को किस प्रकार देखा जाना चाहिए ?
(1) अधिगम की प्रक्रिया में बाधा ।
(2) अध्यापक के पक्ष पर असफलता ।
(3) योग्यता-आधारित समूह बनाने का मापदंड।
(4) अध्यापन-अधिगम प्रक्रिया की परियोजना के लिए महत्त्वपूर्ण ।
Q.13 एक समावेशी कक्षा में पर जोर होना चाहिए।
(1) प्रदर्शन-अभिमुखी लक्ष्यों
(2) अविभेदी/समरूपी निर्देशों
(3) सामाजिक पहचान के आधार पर छात्रों के अलगाव
(4) हर बच्चे के सामर्थ्य को अधिकतम करने के लिए अवसर प्रदान करने
Q.14 दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम (2016) के अनुसार, निम्न में से किस शब्दावली का प्रयोग उपयुक्त है ?
(1) मंदित छात्र
(2) विकलांग छात्र
(3) छात्र जिसे शारीरिक दिव्यांगता है।
(4) छात्र जिसका अशक्त शरीर है।
Q.15 अधिगम कठिनाइयों से जूझते छात्रों की जरूरतों को संबोधित करने के लिए, एक अध्यापक को क्या नहीं करना चाहिए?
(1) दृश्य-श्रव्य सामग्रियों का इस्तेमाल ।
(2) संरचनात्मक शिक्षाशास्त्रीय उपागमों का इस्तेमाल ।
(3) व्यक्तिगत शैक्षिक योजना बनाना ।
(4) शिक्षाशास्त्र और आकलन की जटिल संरचनाओं का प्रयोग।