1996 के पहले चुनाव सुधार
मतदान की आयु को कम करना – 61 वें संविधान संसोधन अधिनियम 1988 के अंतर्गत मत देने की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गयी |
प्रस्तावकों की संख्या में वृद्धि – 1988 में राज्यसभा व विधान परिषद् के लिए नामांकन पत्रों पर प्रस्तावक के रूप में कुल निर्वाचकों का 10% या 10 से इनमे से जो कम हो |
EVM (Electronic Voting Machine) – 1989 में चुनावों में EVM के इस्तेमाल की व्यवस्था की गयी , वर्ष 1998 में प्रथम बार राजस्थान , मध्य प्रदेश व दिल्ली विधानसभा चुनावों में EVM का उपयोग हुआ तथा वर्ष 1999 में गोवा में प्रथम बार पूरे राज्य में EVM का इस्तेमाल हुआ |
बूथ पर कब्ज़ा – वर्ष 1989 में बूथ पर कब्ज़ा होने की स्थिति में चुनाव रद्द करने का प्रावधान किया गया है |
मतदाता फ़ोटो पहचान पत्र (EPIC) – वर्ष 1993 से पहचान पत्रों में फ़ोटो की व्यवस्था की गयी |
1996 के चुनाव सुधार
उम्मीदवारों के नामों को सूचीबद्ध करना – मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के उम्मीदवारों , पंजीकृत व गैर-मान्यता मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल , अन्य (निर्दलीय)
शराब बिक्री पर प्रतिबंध – चुनाव से 48 घंटे पूर्व शराब बिक्री पर प्रतिबंध तथा पकड़ें जाने पर 6 माह कैद या 2000 रु० दोनों सजा भी हो सकती है |
प्रस्तावकों की संख्या में वृद्धि – लोकसभा या विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए कम से कम 10 पंजीकृत मतदाताओं के हस्ताक्षर अनिवार्य
उम्मीदवार की मृत्यु – उम्मीदवार की मृत्यु होने की स्थिति में चुनाव रद्द होने की प्रथा का अंत , किन्तु मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल के सदस्य की मृत्यु होने की स्थिति में दल को 7 दिन के अंदर दूसरा उम्मीदवार देने का विकल्प दिया जाता है |
मतदान के दिन अवकाश – मतदान के दिन वैतनिक अवकाश की सुविधा |
− दो से अधिक चुनाव क्षेत्रों से चुनाव लड़ने पर रोक|
− चुनाव प्रचार की अवधि 20 दिन से घटाकर 14 दिन करना |
− हथियार के साथ चुनाव क्षेत्र या उसके आसपास के क्षेत्र में जाने पर रोक , इसके लिए 2 साल सजा या जुर्माना दोनों |
1996 के बाद के चुनाव सुधार
राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति चुनाव –
- राष्ट्रपति के चुनाव के लिए प्रस्तावकों व निर्वाचकों की संख्या 10 से बढ़ाकर 50 तथा जमानत राशि भी 2500 रु० से बढ़ाकर 15000 रु० कर दी गयी |
- उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए प्रस्तावकों व निर्वाचकों की संख्या 5 से बढ़ाकर 20 तथा जमानत राशि भी 2500 रु० से बढ़ाकर 15000 रु० कर दी गयी |
− सैन्य बलों के कार्यरत उम्मीदवारों के लिए प्रॉक्सी मतदान (Proxy Voting) की सुविधा |
− वर्ष 1999 में कुछ खास उम्मीदवारों के लिए डाक द्वारा मतदान की व्यवस्था की गयी |
− राजनैतिक दलों को चंदा लेने की स्वतंत्रता |
− दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए EVM (Electronic Voting Machine) में ब्रेल लिपि (Braille Signage) की शुरुआत, सर्वप्रथम वर्ष 2004 में आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) की असिफनगर विधानसभा के उप-चुनाव में EVM में ब्रेल लिपि (Braille Signage) की शुरुआत की गयी |
− चुनाव आयोग द्वारा केंद्र सरकार या राज्य सरकार के अधीन कार्यरत कर्मचारियों को किसी भी वक्त चुनाव ड्यूटी के लिए बुलाया जा सकता है |
2010 से लेकर वर्तमान तक के चुनाव सुधार
− लोकसभा चुनाव में सामान्य जाति के उम्मीदवारों के लिए जमानत राशि 10000 रु० से बढाकर 25000 रु० कर दी गयी तथा अनुसूचित जाति व जनजाति के उम्मीदवारों के लिए जमानत राशि 5000 रु० से बढ़ाकर 12000 रु० कर दी गयी |
− विदेशों में कार्य करने वाले भारतीयों को मत देने का अधिकार |
− बड़े राज्यों में लोकसभा के चुनावों के लिए चुनाव खर्च सीमा बढ़ाकर 40 लाख से बढ़ाकर 70 लाख कर दी गयी तथा अन्य राज्यों व संघशासित प्रदेशों में यह सीमा बढ़ाकर 16-40 लाख की गयी |
− उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार चुनाव आयोग द्वारा EVM में नोटा (NOTA) का विकल्प शुरू किया गया |
− मतदाता सूची में ऑनलाइन नामांकन की व्यवस्था |
सैन्य बलों के कार्यरत उम्मीदवारों के लिए प्रॉक्सी मतदान (Proxy Voting) की सुविधा |
यहां उम्मीदवार के बदले मतदाता होना चाहिए