अण्टार्कटिका महाद्वीप (Antarctica Continent) को श्वेत महाद्वीप के नाम से भी जाना जाता हैं। समुद्र स्तर से सर्वाधिक ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यह सर्वाधिक ठंडा महाद्वीप है, तथा यह एक गतिशील महाद्वीप हैं।
विज्ञान के लिए समर्पित महाद्वीप हैं तथा यहाँ की सबसे ऊँची चोटी – विन्सन मैसिफ (Winson maniffe) हैं।
एरेबस अण्टार्कटिका महाद्वीप (Antarctica Continent) का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी हैं।
यहाँ स्थित Vostok station Pole of cold (शीत ध्रुव) कहलाता हैं।
यह पृथ्वी का सबसे ठण्डा स्थान (-89°c) हैं।
दक्षिणी ध्रुव की खोज – एमंडसन (Emmonson) ने वर्ष 1911 में की थी।
अण्टार्कटिका में भारतीय पहुंचने वाले रामचरण जी गुहा प्रथम भारतीय (1960) थे।
अण्टार्कटिका में दक्षिणी ध्रुव पर जाने वाले प्रथम भारतीय गिरिराज सिंह सिरोही (1970)थे।
अण्टार्कटिका पर जाने वाले प्रथम भारतीय अभियान दल का नेतृत्व वर्ष 1957 में कासिम ने किया।
अण्टार्कटिका महाद्वीप में स्थित भारत के प्रमुख अनुसंधान केंद्र
- अण्टार्कटिका महाद्वीप में भारत का प्रथम अनुसंधान केन्द्र, गंगोत्री वर्ष 1994 में (इंदिरा गांधी द्वारा दिया गया नाम] स्थापित किया गया।
- भारत का दूसरा अनुसंधान केन्द्र, मैत्री वर्ष 1989 में (राजीव गांधी द्वारा दिया गया नाम) स्थापित किया गया।
- भारत का तीसरा अनुसंधान केन्द्र, भारती वर्ष 2009 में स्थापित किया गया।
यहाँ पाएँ जाने वाले मुख्य प्राणी पेंग्विन (Penguin) तथा क्रिल मछली हैं।
Note – उत्तरी ध्रुव की खोज रॉबर्ट पियरी (Robert Pierre) ने की।
भारत का अनुसंधान केन्द्र – हिमाद्री (नार्वे), आर्कटिका सागर में स्थित हैं।
हजार धुआँरों की घाटी – अलास्का, यूएसए क्टमई ज्वालामुखी क्षेत्र में स्थित हैं।
सोल्फतारा – यह गंधक के धुंआरे (Sulphur gas) हैं।
ग्रैंड गेसर – आइसलैंड (Iceland), में स्थित यह क्षेत्र गर्म जल का स्रोत है।