नृत्य इतिहासकार डॉ. सुनील कोठारी को हाल ही में सत्त्रिया नृत्य को लोकप्रिय बनाने के लिए असम सरकार द्वारा माधवदेव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
सत्त्रिया नृत्य का उद्भव
सत्त्रिया नृत्य 15 वीं शताब्दी में असम में संत श्रीमनता शंकर देव द्वारा शुरू किए गए नव-वैष्णव आंदोलन के एक हिस्से के रूप में, सत्त्र, मठ में उत्पन्न हुआ। उन्होंने “इक शरण नामा धर्म” का प्रचार किया (श्रद्धापूर्वक एक भगवान का नाम जपते हुए)।
शास्त्रीय नृत्य (Classical dance) − सत्त्रिया नृत्य को वर्ष 2000 में संगीत नाट्य अकादमी द्वारा शास्त्रीय नृत्य का दर्जा दिया गया था। भारत के अन्य शास्त्रीय नृत्य हैं − भरतनाट्यम (तमिलनाडु), कथकली (केरल), कुचिपुड़ी (आंध्र प्रदेश), कथक (उत्तर भारत), मोहिनीअट्टम (केरल), मणिपुरी (मणिपुर) और ओडिसी (ओडिशा)।
विशेषताएं
सत्त्रिया नृत्य मूल रुप से नृत्य के अन्य रूपों से भिन्न होता है। पुरुषों के लिए यह पुरुष पाक के रूप में जबकि महिलाओं के लिए, प्राकृत पाक के रूप में जाना जाता है। सत्त्रिया नृत्य पौराणिक विषयों पर आधारित होता है।
उनके पास विशेष मेमानोनिक बोल हैं, ठेठ असमिया संगीत जिसे बोर्जेट के रूप में जाना जाता है, संगीत वाद्ययंत्र जैसे बड़े झांझ, ड्रम, रंगीन वेशभूषा, इसके अलावा जटिल कोरियोग्राफिक पैटर्न के साथ-साथ गायक द्वारा गाए गए प्रत्येक श्लोक के लिए विभिन्न ताल का उपयोग करते हैं।
सत्त्रिय नृत्यों में अंकिया नाट और ओजापाली नृत्य भी शामिल हैं जिसमें मुख्य गायक गाते हैं और अभिनय करते हैं, कहानियाँ सुनाते हैं और नर्तकियों का एक समूह छोटे झांझ बजाते हुए नर्तकियों के रूप में नृत्य करता है।
दो अलग-अलग धाराएँ
- यह गायन-भयनार नृत्य से शुरू होकर खरमनार नृत्य तक होता है।
- नृत्य संख्याएँ जो स्वतंत्र हैं, जैसे कि चाली, राजघरिया चली, झुमुरा, नाडु भंगी आदि।
लोकप्रिय कलाकार
गुरु जतिन गोस्वामी और शारदीय सैकिया।
सत्त्रिया नृत्य के प्रमुख प्रतिपादक
- बापुराम बरबायान अतैई
- मनिराम डटा मुकतियार बरबायान
- गहन चंद्रा गोस्वामी
- जीबेश्वर गोस्वामी
- प्रदीप चलीहा
- ललित चंद्रा नाथ ओझा
- गोपीराम/गुपीराम बरगयन
- रामेश्वर सैकिया
- हरीचरण सैकिया
- कोशा काँटा देवा गोस्वामी
- आनंदा मोहन भगवती
- गुणकँता डटा बरबायान
- प्रभात शर्मा
- जतीन गोस्वामी
- परमान्दा बरबायान
- माणिक बरबायान
- घनकन्ता बोरा बरबायान
- जिबनजीत डटा
- टांकेश्वर हज़ारीका बरबायान
- मूही कांत बोरह गायन बरबायान
- भाबनांदा बरबायान
संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार के प्राप्तकर्ता
- मनिराम डटा मुकतियार बरबायान (1963)
- बापूराम बरबायान अतैई (1978)
- रोसेश्वर सैकिया बरबायान (1980)
- इंदिरा पी. पी. बोरा (1996)
- प्रदीप चलीहा (1998)
- परमान्दा बरबायान (1999 – 2000)
- घनकन्ता बोरा बरबायान (2001)
- जतिन गोस्वामी (2004)
- गुणकँता डटा बरबायान (2007)
- माणिक बरबायान (2010)
- डॉ. सुनील कोठारी