दिसंबर, 2003 में भारत सरकार द्वारा बुनकर बीमा योजना (Bunkar Bima Yojana) की शुरुआत की गयी। वर्ष 2005-06 से इस योजना का नाम परिवर्तित कर “महात्मा गांधी बुनकर योजना (Mahatma Gandhi Bunker Scheme)” कर दिया गया।
“महात्मा गांधी बंकर योजना (Mahatma Gandhi Bunker Scheme)” को वस्त्र मंत्रालय (Ministry of Textiles) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
उद्देश्य:
- प्राकृतिक रूप से या आकस्मिक मृत्यु के मामले में हथकरघा बुनकरों को बढ़ा हुआ बीमा कवर प्रदान करना।
- कार्य के दौरान कुल या आंशिक विकलांगता के मामले में हथकरघा बुनकरों को बढ़ा हुआ बीमा कवर प्रदान करना।
योग्यता:
- वह सभी बुनकर जिनकी आयु 18 से 59 वर्ष के बीच हो, चाहे वह पुरुष हो या महिला।
- भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benefit Transfer – DBT) के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खाते में सीधे लाभ का दावा किया जाता है।
- इस योजना का वार्षिक प्रीमियम ₹ 470 है, जिसमे से ₹ 290 का भुगतान केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है।
- भारत सरकार बुनकरों के मध्य इस योजना के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए राज्य सरकारों और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के सहयोग से देश भर में हथकरघा समूहों में हस्तकला सहयोग शिविरों (Hastkala Sahyog Shivirs) का आयोजन करती है।
- वस्त्र मंत्रालय (Ministry of Textiles) नियमित रूप से अपने बुनकर सर्विस सेंटर (Weavers Service Centers – WSCs) के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रमों और शिविरों का आयोजन करता है ताकि बीमा योजनाओं के तहत नामांकन की सुविधा मिल सके।
- बुनकर सर्विस सेंटर (Weavers Service Centers – WSCs) बुनकरों को बैंकिंग, पासपोर्ट, आदि सहित विभिन्न सुविधाएं प्रदान कराते हैं।