संपूर्ण विश्व में मातृत्व, मातृ बंधन और समाज के माताओं का प्रभाव का सम्मान करने के लिए प्रत्येक वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को मातृ दिवस (Mother’s Day) का उत्सव मनाया जाता है। मदर्स डे (Mother’s Day) दुनिया के कई देशों में आमतौर पर मार्च या मई के महीनों में मनाया जाता है।
मातृ दिवस का इतिहास (History of Mother’s Day)
एना जार्विस (Anna Jarvis) की पहल से 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में आधुनिक मदर्स डे (Mother’s Day) की शुरुआत में हुई थी। यह उत्सव माताओं और मातृत्व से संबंधित पारंपरिक उत्सवों से पूर्णतः अलग है। मातृत्व से संबंधित उत्सव विभिन्न देशों में हजारों वर्षों से मनाएं जाते है। जैसे –
- साइबेले कल्ट (Cybele Cult – Greek)
- रिहा द ग्रेट मदर ऑफ द गॉड्स (Rhea the Great Mother of the Gods)
- रोमन फेस्टिवल ऑफ हिलारिया (Roman festival of Hilaria)
- क्रिश्चियन मदरिंग संडे सेलिब्रेशन (Christian Mothering Sunday celebration)
मातृ दिवस – भारत के संदर्भ में
- मातृ दिवस (Mother’s Day) को भारतीय संस्कृति में भी आत्मसात किया गया है और भारत में भी मई माह के दूसरे रविवार को मातृ दिवस (Mother’s Day) के रूप में मनाया जाता है।
- भारतीय समाज में मातृ दिवस (Mother’s Day) को धार्मिक आयोजन के रूप में नहीं मनाया जाता हैं, यह उत्सव ज्यादातर भारत के शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित है जहां इस उत्सव का बड़े पैमाने पर व्यवसायीकरण किया गया है।
Note: अपनी माँ के प्रयासों की सराहना किए जाने में कभी देर नहीं करनी चाहिए तथा ना ही किसी एक दिन (जैसे – मातृ दिवस) इंतजार किया जाना चाहिए। उसने आपके लिए जो कुछ भी किया है, उसके लिए उसे धन्यवाद दें, और उसे बताएं कि वह हमेशा ही आपके लिए महत्वपूर्ण है। आखिरकार, आप हैं क्योंकि वह है।