रेडियोएक्टिवता (Radioactivity)
कुछ ऐसे परमाण्विक नाभिक (atomic nuclei) होते हैं, जो बहुत ही अस्थायी होते हैं और अतिशीघ्र दूसरे तुलनात्मक स्थायी नाभिक में परिवर्तित होने की प्रवृत्ति रखते हैं। तत्वों के नाभिकों का यह गुण रेडियाएक्टिविटी/रेडियोधर्मिता (Radioactivity) कहलाता है।
- जब यह नाभिक प्रकृति में स्वतः ही टूटता है तो इसे प्राकृतिक रेडियोएक्टिविटी (Natural radioactivity) कहते हैं।
- जब कोई नाभिक प्रयोगशाला में तोड़ा जाता है तो इसे प्रेरित रेडियोएक्टिविटी (Induced radioactivity) कहा जाता है।
आवर्त सारणी (Periodic table) में लगभग 37 रेडियोएक्टिव तत्व उपस्थित हैं। कुछ रेडियोएक्टिव तत्वों के उदाहरण – पोलोनियम (Po-209), रेडियम (Ra-226), यूरेनियम (U-236), टेक्नीशियम (Tc-91) रदरफोर्डियम (Rf-265) आदि।
यूरेनियम (Uranium) को रेडियोएक्टिव तत्व के रूप में बहुत पहले स्वीकार कर लिया गया था, किन्तु बाद में मैडम क्यूरी (Madame Curie) द्वारा एक ऐसे रेडियोएक्टिव तत्व की खोज की गयी जो यूरेनियम यौगिकों की तुलना में कई गुना अधिक सक्रिय था, उन्होंने इस पदार्थ का नाम रेडियम (Radium) रखा। कालांतर में रदरफोर्ड (Rutherford) ने बताया कि रेडियोएक्टिव पदार्थ इस प्रक्रिया के दौरान तीन प्रकार के विकिरण उत्सर्जित करते हैं। इन विकिरणों को (Radiation) कहा गया। रेडिएशन (Radiation) रेडियोएक्टिव नाभिकों के अपेक्षाकृत स्थायी नाभिक बनने की प्रक्रिया में ऊर्जा एवं कुछ कण उत्सर्जित होते हैं, जिन्हें रेडियेशन कहा जाता है।
गामा किरण (Gamma rays)
गामा किरण के कणों पर कोई आवेश (Charge) नहीं रहता है। इसके उत्सर्जन से मातृ परमाणु के द्रव्यमान संख्या या परमाणु संख्या में कोई परिवर्तन नहीं आता। गामा किरणें (γ rays) अत्यंत कम तरंगदैर्ध्य (wavelengths) वाली तीव्र गति से चलने वाली किरणें हैं जिन पर चुम्बकीय क्षेत्र (magnetic field) का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। गामा किरणों (γ rays) की बेधन-शक्ति अल्फा (α) व बीटा (β) किरणों की अपेक्षा अधिक होती है।
परमाणु ऊर्जा (Atomic Energy)
आईन्स्टीन (Einstein) के अनुसार ऊर्जा को ना तो उत्पन्न किया जा सकता है और ना ही समाप्त किया जा सकता है, किन्तु इसे एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।
E = mc2
E = ऊर्जा, जिसकी इकाई अर्ग (Erg) है।
m = द्रव्यमान
c = प्रकाश का वेग