स्थलीय भाग के समान ही जलीय पारितंत्र भी तापमान , पोषक तत्वों की उपलबध्ता, प्रकाश , जलधारा व लवणता से प्रभावित होता है | इसे मुख्यत: 3 भागों में विभाजित किया जा सकता है –
- अलवणजलीय पारितंत्र (Freshwater Ecosystem)
- समुद्री/सागरीय पारितंत्र (Marine Ecosystem)
- संक्रमणकालीन पारितंत्र (Transitional Ecosystem)
जलीय पारिस्थितिकी तंत्र (Aquatic Ecosystem) को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक –
तापमान (Temperature) –
स्थलीय भाग की तुलना में जल में तापमान का परिवर्तन धीमी गति से होता है, तापमान में परिवर्तन जलीय जीवन को प्रभावित करता है तथा तापमान पर ही यह निर्भर करता है कि किसी जीव की संख्या में बढ़ोतरी होगी या कमी|
लवणता (Salinity) –
यह भी जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करने वाले कारकों में महत्वपूर्ण निभाता है, क्योकिं जलीय पारिस्थितिकी तंत्रों में पाएँ जाने वाले जीव-जंतुओं व पादपों में भिन्नता होती है |
पोषक तत्व (Nutrients) –
जलीय पारिस्थितिकी तंत्र पर पोषक तत्वों का गहरा प्रभाव होता है, क्योकिं जलीय पारितंत्र के लिए पोषक तत्वों एक निश्चित मात्रा होना अनिवार्य है अत्यधिक पोषक तत्वों की अधिकता के कारण जल में सुपोषण की समस्या उत्पन्न हो जाती है|
सूर्य प्रकाश (Sunlight) –
सूर्य के प्रकाश का जलीय पारितंत्र में महत्वपूर्ण योगदान है, जलीय पारितंत्र की गहराई में वृधि होने के साथ-साथ सूर्य के प्रकाश व तापमान कमी होते जाती है और 200 meter के बाद प्रकाश बिलकुल समाप्त हो जाता है | जलीय पारितंत्र को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है —
- प्रकाशीय क्षेत्र (Photic Zone) – इस क्षेत्र में प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) व श्वसन (Respiration) दोनों प्रक्रिया संपन्न होती है |
- अप्रकाशीय क्षेत्र (Aphotic Zone) – यह 200 meter से अधिक गहराई वाला क्षेत्र होता है तथा यहाँ रहने वाले प्राणी अवसादो पर ही निर्भर रहते है, तथा इस क्षेत्र में केवल श्वसन (Respiration) प्रक्रिया संपन्न होती है |
जल में घुलित ऑक्सीजन (Dissolved oxygen in water) –
स्वच्छ जल में घुलित ऑक्सीजन (O2) की सांद्रता 0.001 % होती है, स्थलीय पारिस्थितिकी की तुलना में जलीय पारिस्थितिकी तंत्र में लगभग 150 गुना कम ऑक्सीजन (O2) उपलब्ध होती है |
Note :
गर्म पानी में ऑक्सीजन (O2) कम घुलनशील होती है|