पृथ्वी में उपस्थित जैविक तथा अजैविक घटकों से मिलकर जैव-मंडल (Bio-Sphere) का निर्माण होता है , अर्थात् वह क्षेत्र जहाँ जलमंडल (Hydrosphere), वायुमंडल (Atmosphere) व स्थलमंडल (Lithosphere) मिलकर जैव-मंडल का निर्माण करते है | यह पृथ्वी का वह क्षेत्र है जहाँ जीवन पाया जाता है|
सभी जीवधारियों के लिए आवश्यक पोषक तत्व जल , वायु व मृदा से ही निर्मित होते है और इन्हीं का बार-बार पुनर्चक्रण होता है|
जैविक समुदाय (Biotic Community)
जब विविध प्रजातियों की जनसंख्या एक ही क्षेत्र में रह्रती है तथा एक दुसरे के साथ परस्पर क्रिया करती है , तो जैविक समुदाय कहलाती है|
समुदाय अभिलक्षण (Community Characterstic)
जातीय संरचना (Species Composition) – किसी समुदाय में वर्षभर में उपस्थित पौधों की कुल जनसंख्या जातीय संरचना कहलाती है|
प्रभाविता (Dominance) – जैविक समुदाय के अंतर्गत विभिन्न जातियों की संख्या सम्मिलित होती है तथा प्रत्येक प्रजातियों की जनसंख्या जैव-भार उत्पादन को प्रभावित करती है |
जातीय विविधता (Species Diversity)
जातीय विभिन्नता के आधार पर किसी समुदाय की जातीय विविधता का निर्धारण किया जा सकता है | जैसे – उष्ण-कटिबंधीय सदाबहार वन (Tropical evergreen forests) तथा प्रवाल भित्ति समुदाय (Coral reef community) अत्याधिक जैव विविधता वाले क्षेत्र होते है, जहाँ कई प्रकार की जातियां निवास करती है, जबकि मरुस्थल (Desert) या ज्वारनदमुख (Estuary) में अपेक्षाकृत कम जातियां निवास करती है|
पारिस्थितिकी तंत्र की महत्वपूर्ण प्रजातियां (Important species of ecosystems)
की-स्टोन प्रजाति (Keystone species) – वह जातियाँ जो अन्य किसी समुदाय के जीवित रहने के लिए महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करती है की-स्टोन प्रजाति कहलाती है|
फाउंडेशन प्रजाति (Foundation Species) – किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र में पाई जाने वाली वह प्रजाति जो अन्य प्रजातियों के संरक्षण एवं विकास में सहायक हो या अन्य प्रजातियों के निर्माण व संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है| जैसे – प्रवाल भित्ति जिस पर अन्य प्रजातियाँ निवास करती है |
संकतेक प्रजाति (Indicator Species) – यह ऐसे जीव व पौधें होते है जो पर्यावरण परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते है अर्थात् पारिस्थितिकी तंत्र में हो रहे परिवर्तन या हानि को दर्शाते है| जैसे- जल, वायु , प्रदूषण व जलवायु परिवर्तन के प्रभाव संकेतक प्रजाति पर पहले दिखाई देते है |
अम्ब्रेला प्रजाति (Umbrella Species) – यह एक विशाल जंतु या समुदाय होता है , जिस पर बहुत सी प्रजातियाँ निर्भर करती है| जैसे – पौधों पर बहुत सी प्रजातियाँ निर्भर रहती है|
संक्रमिका तथा कोर प्रभाव (Ecotone & Edge effect)
दो या दो से अधिक पारिस्थितिकी तंत्र के बीच संक्रमण वाले क्षेत्र को संक्रमिका (ecotone) कहते है| जैसे – स्थलीय व जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के मध्य मैन्ग्रोव क्षेत्र
दो या दो से अधिक पारिस्थितिकी तंत्र के मध्य वह क्षेत्र जहा अत्यधिक जैव-विविधता पाई जाति है, वह क्षेत्र जहाँ अत्यधिक जैव-विविधता पाई जाति है वह क्षेत्र कोर प्रभाव (Edge Effect) कहलाता है| जैसे –
- समुद्र व स्थल के मध्य का क्षेत्र
- पर्वत व घटी के मध्य का क्षेत्र