रक्त कोशिकाएं (Blood cells)

रक्त में तीन प्रकार की कोशिकाएं पायी जाती हैं –

  1. लाल रक्त कोशिकाएं (Erythrocytes)
  2. सफेद रक्त कोशिकाएं (Leucocytes)
  3. बिंबाणु या प्लेटलेट्स (Thrombocytes)

लाल रक्त कोशिकाएं (Erythrocytes or Red Blood Cells)

इनमें न्यूक्लियस (Nucleus) न होकर हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) रहता है। मानव रक्त की लगभग आधी मात्रा इन्हीं लाल रक्त कोशिकाओं (Erythrocytes) से बनती है। इनका व्यास लगभग 7 माइक्रोमीटर तथा मोटाई लगभग 2 माइक्रोमीटर होती है। सूक्ष्मदर्शी से देखने पर एकाकी (single) लाल रक्त कोशिका हल्के पीले रंग की नजर आती है। लेकिन सामूहिक रूप में रहने से ये लाल रंग की लगती हैं। लाल रक्त कोशिकाओं के ऊपरी भाग पर पारदर्शी झिल्ली की भित्ति रहती है, जो लचीली तथा रंगहीन होती है।

लाल रक्त कोशिकाओं को अपनी संरचना के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है जो एमिनो एसिड (Amino Acid) से प्राप्त होती है। इनको आयरन की भी जरूरत होती है।

लाल रक्त कोशिकाओं की रचना मुख्यतः अस्थि मज्जा (bone marrow) में होती है।

रक्त परिसंचरण में लाल रक्त कोशिकाएं लगभग 120 दिन जीवि। रहने के बाद नष्ट हो जाती हैं। ये विशेष रूप से प्लीहा (spleen) और यकृत में अंतर्ग्रहीत हो जाती हैं। यहां हीमोग्लोबिन अपने अलग-अलग भागों में टूट कर यकृत में पहुंच जाती हैं । ग्लोबिन (globin) एमिनो अम्ल में टूट कर ऊतकों में प्रोटीन की तरह उपयोग होता है या बाद में और अधिक टूट कर यह मूत्र के साथ बहार निकल जाता है।

लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण एवं नष्ट होने की प्रक्रिया अक्सर समान दर से होती है जिससे इनकी संख्या स्थिर रहती है।

सफेद रक्त कोशिकाएं (Leucocytes or White Blood Cells)

सफेद रक्त कोशिकाएं (Leucocytes), लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells) से बड़ी होती हैं। हालांकि इनकी संख्या लाल रक्त कोशिकाओं से कम रहती हैं, एक स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में सफेद रक्त कोशिकाएं (White Blood Cells) 4000 से 11000 प्रति घन मिलीमीटर (mm) रहती हैं। लेकिन शरीर में किसी तरह का संक्रमण होने पर इनकी संख्या बढ़कर 25,000 प्रति घन मिलीमीटर तक पहुंच जाती है। सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या की इस वृद्धि को ल्यूकोसाइटोसिस (Leucocytosis) कहते हैं।
सफेद रक्त कोशिकाएं रक्त वाहिनियों की भित्ति से होकर ऊतकों में पहुंच जाती हैं।
इन कोशिकाओं का निर्माण अस्थि मज्जा और लसिका ग्रंथियों (lymph glands) में होता है।
सफेद रक्त कोशिकाओं का प्रमुख कार्य रक्त में आये विजातीय पदार्थों और जीवाणुओं (pathogenic organims) को निगलकर या उन्हें नष्ट करके शरीर की रक्षा करना है। सफेद रक्त कोशिकाओं या ल्यूकोसाइट्स को दो वर्गों में बांटा गया

  • कणिकीय सफेद रक्त कोशिकाएं या ग्रेन्यूलोसाइट्स
  • अकणिकीय सफेद रक्त कोशिकाएं या एग्रेन्यूलोसाइट्स

बिंबाणु या प्लेटलेट्स या थॉम्बोसाइट्स

इनकी संख्या रक्त में लगभग 2,50,000 प्रति घन मिलीमीटर (mm) होती हैं। प्लेटलेट्स में न्यूक्लियस नहीं होते हैं। इनका रक्तप्रवाह में औसत जीवनकाल 5 से 9 दिन का होता है।
प्लेटलेट्स या थॉम्बोसाइट्स का निर्माण लिम्फोसाइट्स की तरह ही अस्थि मज्जा की हीमोसाइटोब्लास्ट नामक कोशिकाओं से होता है। इनका खास कार्य रक्त का थक्का बनाने की प्रक्रिया (haemostasis) में मदद करना है।

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