रुधिर वाहिकाएं/नलिकाएं (Blood Vessels)

यद्यपि हृदय परिसंचरण तंत्र का केन्द्रीय भाग है लेकिन पूरे शरीर में रक्त का संचारण रक्तवाहिनियों के द्वारा ही होता है। रक्त वाहिनिया निम्न प्रकार की होती हैं:

  • महाधमनी (Aorta) और धमनियां (Arteries)
  • धमनिकाएं (Arterioles)
  • कोशिकाएं (Capillaries)
  • शिरिकाएं (Venules)
  • शिराएं और महाशिराएं (Veins & Vena cavae)


हृदय के बाएं निलय (Ventricle) से शुद्ध रक्त को लेकर सबसे पहले महाधमनी (arterioles) आगे जाती है। इससे अनेकों धमनियां निकलती हैं। जिनकी उपशाखाएं भी होती हैं जिन्हें धमनिकाएं (Arterioles) कहते हैं। धमनियों की इस जटिल श्रृंखला के माध्यम से शरीर के अलग-अलग भागों की कोशिकाओं (cells) को पोषण और ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए उनमें शुद्ध रक्त पहुंचता है।
इसके बाद रक्त शिरिकाओं (venules) में जमा हो जाता है। ये छोटी वाहिनियां मिलकर शिराएं (veins) बनाती हैं, जो एक-दूसरे से जुड़कर महाशिराएं (vena cavae) बनाती हैं। ये महाशिराएं अशुद्ध रक्त को हृदय के दाएं अलिन्द (Atrium) में पहुंचाती है।
धमनियां (Arteries)
धमनियां (Arteries) मोटी दीवार (wall) वाली वाहिनियां होती हैं। वयस्क व्यक्तियों में फुफ्फुसीय धमनियों (pulmonary arteries) के अलावा सारी धमनियां शुद्ध (ऑक्सीकृत) रक्त ले जाती हैं। दाईं और बाई फुफ्फुसीय धमनियां दाएं निलय (Ventricle) से अशुद्ध (Deoxygenated) रक्त को फेफड़ों में ले जाती हैं। धमनियों के संकुचन और शिथिलन के गुण से रक्त आगे बढ़कर हमेशा प्रवाहित होता रहता है।
वाहिनियां

ये सबसे पतली रूधिर नलिकाएं हैं जो धमनियों को शिराओं से जोड़ती हैं।

प्रत्येक वाहिनी चपटी कोशिकाओं की एक परत से बनी होती है।

ये पोषक पदार्थों, वर्ज्य पदार्थों, गैस आदि पदार्थों को रूधिर एवं कोशिका के बीच आदान-प्रदान करने में सहायक होता है।

शिरिकाएं (Venules)

छोटी शिराएं वेनुलस कहलाती हैं।

ये पतली तथा कम लचीली भित्ति वाली रूधिर नलिकाएं हैं जो विभिन्न अंगों से रूधिर को हृदय तक ले जाती हैं।

इनमें रूधिर की विपरीत गति को रोकने हेतु कपाट (value) पाये जाते हैं। इनमें रूधिर कम दाब एवं कम गति से बहता है।

शिराओं की गुहा बड़ी होती है।

शिराएं रूधिर को एकत्रित करने का कार्य करती हैं।

रक्त (Blood)

मानव रक्त एक तरल संयोजी ऊतक (connective tissue) है। यह स्वाद में नमकीन और दिखने में अपारदर्शी होता है तथा एक विशेष प्रकार की गंध से युक्त होता है। धमनियों में रक्त ऑक्सीजनेटेड (Oxygenated) रहने की वजह से लाल होता है और शिराओं में रक्त डिऑक्सीजनेटेड (Deoxygenated) रहने की वजह से गहरा बैगनी लाल होता है। शिराओं का रक्त इस रंग का इसलिए दिखाई देता है क्योंकि यह अपना कुछ ऑक्सीजन ऊतकों को दे देता है यानि डिऑक्सीजनेटेड (Deoxygenated) हो जाता है और इसी प्रक्रिया के दौरान इसमें ऊतकों से बेकार पदार्थ मिल जाते हैं।

  • रक्त हल्का सा क्षारीय होता है तथा इसका pH अक्सर 7.35 और 7.45 के बीच रहता है।
  • धमनियों का रक्त शिराओं के रक्त से ज्यादा क्षारीय होता है। क्योंकि इसमें कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा कम रहती है।
  • एक सामान्य वयस्क व्यक्ति में रक्त शरीर के कुल भार का लगभग 7 से 9 % होता है और उसके शरीर में रक्त की मात्रा 5 से 6 लीटर व एक सामान्य स्त्री के शरीर में 4 से 5 लीटर होती है।

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