उत्तराखंड की शिल्पकला

उत्तराखंड राज्य की शिल्पकला प्राचीन काल से ही अत्यधिक समृद्ध रही है। उत्तराखंड की शिल्पकला को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है − काष्ठ शिल्प मृत्तिका शिल्प धातु शिल्प चर्म शिल्प मूर्ति शिल्प काष्ठशिल्प कला उत्तराखंड में लकड़ी की अधिकता के कारण यहाँ की काष्ठशिल्प कला प्राचीन काल…

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उत्तराखंड के प्रमुख वाद्य यंत्र

उत्तराखंड में लोक संगीत की समृद्ध परंपरा रही है, जिसमें लगभग सभी प्रकार के वाद्य यंत्र (Musical instrument) बजाएँ जाते हैं, जो निम्नलिखित हैं – धातु या घन वाद्ययंत्र – मंजीरा, बिणाई, करताल, चिमटा, कांसे की थाली, घुँघरू, खजड़ी, थाली आदि। चर्म वाद्ययंत्र – नगाड़ा, ढोल, हुड़की, हुड़का, डोर, साइया,…

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उत्तराखंड की चित्रकला

उत्तराखंड की प्राचीन चित्रकला  उत्तराखंड में चित्रकला के सबसे प्राचीनतम साक्ष्य शैल चित्रों (Rock paintings) के रूप में निम्न स्थलों से प्राप्त होते है – लाखु गुफा (Lakhu Cave) ग्वारख्या गुफा (Guarakhya Cave) किमनी गांव (Kimani Village), हुड़ली (Hudli) पेटशाल (Petshala) फलसीमा आदि। लाखु गुफा (Lakhu Cave) − अल्मोड़ा में…

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उत्तराखंड की लोक चित्रकला

गढ़वाल शैली की चित्रकला के अतिरिक्त उत्तराखंड में विभिन्न मांगलिकअवसरों पर  विभिन्न प्रकार के लोकचित्र बनाने की परम्परा है। जैसे − ऐंपण (छिपण), ज्यूंति मातृका, प्रकीर्ण , पौ, डिकारे, पट्ट आदि। ऐंपण (छिपण) – ऐंपण से तात्पर्य लीपने या सजावट करने से है। ऐंपण को किसी धार्मिक या मांगलिक अवसर…

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विभिन्न क्षेत्रों में उत्तराखण्ड के प्रथम व्यक्ति

1. उत्तराखंड राज्य के प्रथम मुख्यमन्त्री  2. उत्तराखंड राज्य के प्रथम राज्यपाल 3. उत्तराखंड राज्य के प्रथम निर्वाचित मुख्यमन्त्री  4. उत्तराखंड राज्य के प्रथम लोकआयुक्त/लोक अधिवक्ता 5. उत्तराखंड राज्य के प्रथम मुख्य सूचना आयुक्त  6. उत्तराखंड राज्य के प्रथम मुख्य निर्वाचन आयुक्त 7. उत्तराखंड राज्य के प्रथम विधान सभा अध्यक्ष …

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देहरादून (Dehradun) 

उपनाम – द्रोणागिरी, पहाड़ो की रानी (मसूरी) अस्तित्व – 1857 A.D क्षेत्रफल – 3088 वर्ग किमी . तहसीलें – 7 (ऋषिकेश, चकराता, त्यूणी, , विकासनगर, डोईवाला, , देहरादून, कालसी) विकासखंड – 6 (डोईवाला, चकराता, कालसी,  रायपुर, विकासनगर, सहसपुर) प्रसिद्ध मन्दिर – महासू देवता, संतलादेवी, डाटकाली,  टपकेश्वर, कालसी, बुद्धाटेम्पल प्रसिद्ध मेले –  दशहरा, जौनसारी भाबर का मेला, बिस्सू मेला, क्वानू,  झंडा…

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उत्तरकाशी (Uttarkashi)

पुराना नाम – बाड़ाहाट उत्तरकाशी को द्वितीय रंगीलो बैराट के नाम से भी जाना जाता है। उपनाम – उत्तर का काशी अस्तित्व – 24 फ़रवरी 1960 क्षेत्रफल – 8016 वर्ग किमी . तहसील – 6 ( मोरी,  भटवाड़ी, चिन्यालीसौड़, डुंडा, पुरोला, बड़कोट) विकासखंड – 6 (मोरी,  भटवाड़ी, चिन्यालीसौड़, डुंडा, पुरोला, नौगाव ) प्रसिद्ध मन्दिर – रेनुका देवी,  गंगोत्र, शनि…

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टिहरी गढ़वाल (Tehri Garhwal)

टिहरी नगर के पौराणिक नाम – गणेश प्रयाग, शेषतीर्थ, धनुष तीर्थ अस्तित्व – 01 अगस्त, 1949 क्षेत्रफल – 4085 वर्ग किमी . तहसील – 10 (घनसाली, टिहरी, जाखणीधार, नरेन्द्र नगर, धनोल्टी,  प्रतापनगर, कांडीसौड़, गजा, देवप्रयाग, नैनाबाग़) विकासखंड – 10 (देवप्रयाग, टिहरी, कीर्तिनगर,  चम्बा,  घनसाली, प्रतापनगर, जौनपुर, जाखाणीधार, नरेन्द्रनगर,  धौलधार) प्रसिद्ध मन्दिर – श्री रघुनाथ जी, महतकुमारिका, सुरकंडा, कुंजापुरी, ओनेश्रवर महादेव, …

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रुद्रप्रयाग (Rudraprayag)

उपनाम – पुनाड़, रुद्रावत अस्तित्व – 18 सितम्बर, 1997 क्षेत्रफल – 1984 वर्ग किमी . तहसील – 3 (जखोली, रुद्रप्रयाग, ऊखीमठ) विकासखंड – 3 (अगस्त्य मुनि, जखोली, ऊखीमठ) प्रसिद्ध मन्दिर –  कार्तिकस्वामी, केदारनाथ, कालीमठ,  तुंगनाथ,  त्रिजुगिनारायण, चंद्रशिला, कलपेश्वर,  बाणासुर गढ़ मंदिर, काटेश्वर महादेव, गुप्तकाशी, अगस्तेश्वर महादेव, गोरीकुंड,  हरियाली देवी, सोनप्रयाग, उमनारायण मंदिर, ओमकेश्वर, नारीदेवी मंदिर,…

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पौड़ी गढ़वाल (Pauri Garhwal)

उपनाम – गढ़वाल अस्तित्व – 1840 A.D क्षेत्रफल – 5438 वर्ग किमी . तहसील – 10 (पौड़ी, लैंसडाउन, श्रीनगर, यमकेश्वर, थलीसैण, चौबटाखाल, कोटद्वार, चकीसैण, थुमाकोट, सतपुली) विकासखंड – 15 (रिखणीखाल, बीरोंखाल, कलजी खाल, लैंसडाउन, पौड़ी, कोट, द्वारीखाल, यमकेश्वर, थलीसैण,  पोखड़ा, नैनिडाडा, खिर्सू, पाबौ, दुगड्डा, पाणाखेत) प्रसिद्ध मन्दिर – ज्वालपा देवी, धारीदेवी, दुर्गा देवी, विष्णु मंदिर,  चामुंडादेवी, कमलेश्वर मंदिर, सिद्धबली मंदिर,…

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