द्रव्यों की अवस्था में परिवर्तन उनका भौतिक गुण होता है। अतः किसी द्रव्य (matter) को एक अवस्था से दूसरी अवस्था में परिवर्तित किया जा सकता हैं। जैसे –
- लोहे को अत्यधिक गर्म करने पर वह पिघल कर द्रव अवस्था (liquid state) में परिवर्तित हो जाता है।
- पानी को अत्यधिक ठंडा करने पर यह बर्फ बनकर ठोस अवस्था (solid state) में परिवर्तित हो जाता है।
- पानी को उबालने पर यह वाष्पीकृत होकर गैसीय अवस्था (gaseous state) में परिवर्तित हो जाता है।
द्रव्यों की अवस्था में परिवर्तन से संबंधित महत्वपूर्ण शब्दावली
द्रवणांक (Melting Point) – किसी पदार्थ के ठोस अवस्था से द्रव अवस्था में परिवर्तित होने की प्रक्रिया द्रवण कहलाती है। वह स्थिर ताप जिस पर ठोस पदार्थ (solid material) पिघल कर द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाते है, उसे ठोस पदार्थ (solid material) का द्रवणांक कहा जाता है। उदाहरण –
- पारा (mercury) का द्रवणांक (Melting Point) 234.32 कैल्विन है, जबकि बर्फ 0 डिग्री. सेल्सियस पर पिघलने लगता है।
जल में बर्फ का टुकड़ा पिघलने पर, जल स्तर में वृद्धि नहीं होती है, क्योंकि बर्फ के पिघलने से बना जल का आयतन वही होता है, जो बर्फ द्वारा विस्थापित जल का होता है।
हिमांक (Freezing Point) – किसी पदार्थ के द्रव अवस्था (liquid state) से ठोस अवस्था (solid state) में परिवर्तित होने की प्रक्रिया हिमांक (Freezing Point) कहलाती है। वह स्थिर ताप जिस पर द्रव पदार्थ (liquid material) जम कर ठोस पदार्थ (solid material) में परिवर्तित हो जाता है, उसे द्रव का हिमांक (Freezing Point) कहा जाता है। उदाहरण –
पारा (mercury) एवं जल (water) का हिमांक (Freezing Point) क्रमशः 234.32 calvin और 0°C है।
Note: 0°C पर जल कुछ तो बर्फ और कुछ पानी के रूप में अस्तित्व रखेगा।
वाष्पीकरण की ऊष्मा (Heat of vaporization) – द्रव पदार्थ (liquid material) के धीरे-धीरे वाष्प में परिवर्तित होकर उड़ने की क्रिया वाष्पीकरण (vaporization) कहलाती है। वह ऊष्मा जिस पर द्रव पदार्थ (fluid material) परिवर्तित होकर गैसीय अवस्था (gaseous state) में आ जाता है, उसे वाष्पीकरण की ऊष्मा कहते है।
क्वथनांक (Boiling Point) – वह नियत ताप जिस पर द्रव पदार्थ उबलने लगता है, उसे द्रव का क्वथनांक (Boiling Point) कहा जाता है। उदाहरण –
- जल का क्वथनक क्वथनांक (Boiling Point) 100°C है।
हवा का दबाव कम कर देने पर जल का क्वथनांक (Boiling point) कम हो जाता है, क्योंकि अधिक ताप पर वाष्प का दबाव अधिक और निम्न ताप पर वाष्प का दबाव कम होता है। यही कारण है कि हवा का दबाव में कमी करने पर जल का क्वथनांक ((Boiling Point)) भी काम हो जाता है और जल निम्न ताप पर उबलने लगता है।
पहाड़ी क्षेत्रों में वायुमण्डल का दबाव निम्न रहता है, फलतः द्रव का क्वथनांक भी निम्न हो जाता है और जल 100°C ताप पर न उबलकर 71°C के आस-पास उबलने लगता है। इसी कारण पहाड़ी क्षेत्रों में भोजन पकने में अधिक समय लगता है।