भारतीय संसदीय व्यवस्था में राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है, किंतु वास्तविक शक्तियां मुख्यमंत्री में निर्मित मंत्रीपरिषद् में होती है।
मुख्यमंत्री की नियुक्ति
अनु० – 164 के अंतर्गत राज्यपाल सदन में बहुमत दल के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त करेगा , किंतु सदन में किसी को भी स्पष्ट बहुमत न मिलने पर वह अपने विवेकाधिकार से सबसे बड़े दल या दलों के समूह के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त करता है।
शपथ
- मैं भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा व सत्यनिष्ठा रखूँगा ।
- भारत की संप्रभुता व अखंडता को बनाऍ रखूँगा।
- अपने दायित्वों का श्रद्धापूर्वक निर्वहन करूँगा।
- विधि के अनुसार न्याय करूँगा।
कार्य व शक्तियां
- राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता है और उसकी सलाह से अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है व और मुख्यमंत्री की सलाह से ही उन्हें पदच्युत कर सकता है ।
- मुख्यमंत्री , राज्यपाल व मंत्रिपरिषद के मध्य संवाद का मुख्य तंत्र है।
- मुख्यमंत्री, राज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुलाने व सत्रावसान करने संबंधी सलाह देता है।
- मुख्यमंत्री की सलाहनुसार राज्यपाल किसी भी समय विधानसभा को विघटित कर सकता है।
मुख्यमंत्री व राज्यपाल के मध्य संबंध
अनु० – 163 मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बनी मंत्रिपरिषद द्वारा राज्यपाल को सहायता व सलाह दे सकता है ।
अनु० – 164 राज्यपाल द्वारा बहुमत दल के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त करना व उसकी सलाह पर अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है , और मंत्रियों से संबंधित अन्य प्रावधान , वेतन व भत्ते आदि शामिल है ।
अनु० – 166 राज्य सरकार द्वारा कार्यवाही का संचालन
अनु० – 167 राज्यपाल को सूचना प्रदान करने संबंधी मुख्यमंत्री व मंत्रीपरिषद् के दायित्व