हरबर्ट रिजले ने सर्वप्रथम भारतीय जनसंख्या में प्रजातियों का विवरण प्रस्तुत किया। इनके द्वारा उल्लिखित प्रजातियों के क्षेत्र इस प्रकार हैं
द्रविड़ (Dravid)
इसके अंतर्गत भारत में आदिम प्रजाति माना जाता है तथा इसका निवास मिलनाडु, आंध्रप्रदेश, छोटा नागपुर पठार तथा मध्य प्रदेश राज्य के दक्षिणी भागों में है। इन्हें भारत के विभिन्न क्षेत्रों में निम्न नामों से जाना जाता है –
- पनियान (मालाबार),
- जुआंग (ओडिशा),
- कोंड़ (पूर्वी घाट),
- गोंड (मध्यप्रदेश),
- टोडा (नीलगिरि),
- भील एवं गरासिया (राजस्थान व गुजरात)
- संथाल (छोटा नागपुर पठार)
भारतीय आर्य (Indo-Aryan)
इस प्रजाति के बारे में अनुमान है कि, यह प्रजाति ईसा से 2,000 वर्ष पूर्व मध्य एशिया से भारत आयी। यद्यपि अधिकांश विद्वान इसे भारत की मूल प्रजाति मानते हैं। परंतु इनका निवास पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर राज्यों में है।
मंगोलायड (Mongoloid)
इस प्रजाति का निवास हिमाचल प्रदेश, नेपाल के समीपवर्ती क्षेत्र तथा असम राज्यों में है। इन्हें भारत के विभिन्न क्षेत्रों में निम्न नामों से जाना जाता है –
- कनेत (कुल्लू),
- लेपचा (सिक्किम व दार्जिलिंग),
- बोड़ो (असम)
- भोटिया (उत्तराखंड)
आर्य द्रविड़ियन (Arya Dravidian)
इस प्रजाति में आर्य एवं द्रविड़ प्रजातियों का मिश्रण मिलता है। इसका निवास उत्तरप्रदेश, बिहार तथा राजस्थान राज्यों के कुछ भागों में है।
मंगोल द्रविड़ियन (Mangole Dravidian)
यह प्रजाति पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा में मिलती है। इन्हें यहाँ बंगाली ब्राह्मण तथा कायस्थ के नाम से जाना जाता है।
सिथो – द्रविड़ियन (Sytho Dravidian)
यह प्रजाति सीथियन तथा द्रविड प्रजातियों का मिश्रण है, जो केरल, सौराष्ट्र, गुजरात, कच्छ तथा मध्यप्रदेश के पहाड़ी भागों में निवास करती है।
तुर्क-ईरानी (Turko-Iranian)
यह प्रजाति अफगानिस्तान व बलूचिस्तान में निवास करती है।
NOTE :
अनुसचित जाति (Scheduled Caste)
- अनुसूचित जाति (SC) शब्द संविधान में परिभाषित नहीं है। इसका उल्लेख, भारतीय संविधान के अनुच्छेद-341 में किया गया है।
- गिरिजन शब्द का प्रयोग अनुसूचित जातियों के लिए होता था जिन्हें महात्मा गांधी, हरिजन शब्द से सम्बोधित करते थे।
- वर्ष 1927 में सर्वप्रथम अनुसूचित जाति का प्रयोग साइमन कमीशन ने किया था।
- वैदिक काल में अनुसूचित जाति को चाण्डाल कहा जाता था।
- वर्तमान में भारत में की किसी भी जाति को, अनुसचित जाति घोषित करने का अधिकार भारत के राष्ट्रपति को है।
- भारत सरकार अधिनियम, द्वारा वर्ष 1935 में अछूतों को अनुसूचित जाति नाम दिया गया।
अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe)
- जनजातियों के लिए आदिवासी शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग ठक्कर बप्पा (आदिवासियों के पितामह) ने किया।
- भारतीय संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य जयपाल सिंह ने सर्वप्रथम जनजाति के लिए आदिवासी शब्द का प्रयोग किया।
- अनुसूचित जनजाति शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम संविधान की 5वीं अनुसूची में हुआ था। स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1950 में कुछ राज्यों की जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए अधिसूचना जारी की गई थी। जो वर्ष 1951 में केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भी जारी की गई थी।