कंप्यूटर (Computer) – सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस (Secondary Storage Device)

Secondary Storage Device को  Auxiliary Storage Device भी कहा जाता है। इस मैमोरी का उपयोग बैकअप के लिए किया जाता है। इसकी Storage क्षमता अधिक और डाटा एक्सेस करने की गति Primary Memory की अपेक्षा धीमी होती है। डाटा को एक्सेस करने के आधार पर Secondary Storage Device को तीन वर्गों में विभाजित किया गया है।

  • Sequential Access Storage Device :- इसके अंतर्गत Data को उसी क्रम में ऐक्सेस किया जाता है जिस क्रम में Data को संगृहीत किया गया है। जैसे – चुम्बकीय टेप (Magnetic Tape)
  • Intex Sequential Access Method :- इसके अंतर्गत Data को Sequential Access Method द्वारा ऐक्सेस किया जाता है, किन्तु इस प्रक्रिया में डाटा को स्टोर करते समय ही इंडेक्स तैयार कर लिया जाता है।
  • Direct Access Method : इसके अंतर्गत Data को किसी भी क्रम में ऐक्सेस और  स्टोर किया जा सकता है। इसकी Access  गति Sequential Access की तुलना में अधिक होती है।

Types of Storage Device

Magnetic Tape : 

Magnetic Tape एक स्थाई Secondary Storage Device है। चुंबकीय टेप (Magnetic Tape) चुंबकीय रिकॉर्डिंग के लिए एक माध्यम है, जो प्लास्टिक की फिल्म की लंबी, संकीर्ण पट्टी पर एक पतली, चुम्बकीय पदार्थ (Magnetic oxide) से बना है। इसे जर्मनी में 1928 में चुंबकीय तार रिकॉर्डिंग के आधार पर विकसित किया गया था।

कार्टेज टेप (Cartage Tape) :

Cartage Tape टेप की चौड़ाई चुम्बकीय टेप (Magnetic Tape) से कम होती है। घरेलू कम्प्यूटरों में 1970 के दशक के अंत में कॉम्पेक्ट कैसेट का प्रयोग किया जाता था।

चुम्बकीय डिस्क (Magnetic Disk) :

वर्तमान में डाटा को संग्रहित करने के लिए कम्प्यूटरों में चुम्बकीय डिस्क (Magnetic Disk) का प्रयोग किया जाता है। यह तीन प्रकार की होती है।

  • Hard Disk
  • Floppy Disk
  • Optical Disk

Hard Disk : 
Hard Disk का विकास कम्प्यूटर में डाटा को संग्रहित करने के लिए किया गया था किन्तु वर्तमान में कई क्षेत्रों में इसका प्रयोग हो रहा है। डिस्क में Track and Sector होते हैं। सेक्टर में डाटा स्टोर होता है। एक सेक्टर में 512 बाइट डाटा स्टोर होता है। डाटा को स्टोर एवं पढ़ने के लिए तीन तरह के समय लगते हैं।

  • Seek Time :- डिस्क में डाटा को Read और Write करने वाले Track तक पहुंचने  में लगने वाले समय को  Seek Time कहते है।
  • Latency time :- Track से डाटा को Sector तक पहुंचने  में लगने वाले समय को Latency time कहते है।
  • Transfer Rate :- Sector में डाटा को Read और Write करने में जो समय लगता है, Transfer Rate कहलाता है।

Floppy Disk (फ्लॉपी डिस्क) : फ्लॉपी डिस्क का प्रयोग माइक्रो कम्प्यूटरों में होता है। आकार के आधार पर इन्हें दो वर्गों में वर्गीकृत किया गया है –

  • Mini Floppy  : यह आकार में 5 इंच की होती है जिसकी संग्रहण क्षमता (storage capacity) 1.2 MB होती ।
  • Micro Floppy : यह आकार में 34 इंच की होती है, जिसकी संग्रहण क्षमता (storage capacity) 1.4 MB होती है।

Optical Disk : ऑप्टिकल डिस्क वे डिस्क होती है। जिसमें डाटा की Read  और संग्रहित करने के लिए लाइटों का प्रयोग  किया जाता है। ऑप्टिकल डिस्क में एक रसायनिक पदार्थ का लेप रहता है। जैसे –  CD, DVD।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Latest from Blog

UKSSSC Forest SI Exam Answer Key: 11 June 2023

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) द्वारा 11 June 2023 को UKPSC Forest SI Exam परीक्षा का आयोजन…