CTET December 2019 – Paper – II (Child Development and Pedagogy) Answer Key

Q16. एक शिक्षक एक समावेशी कक्षा में विशेष योग्यता वर्ग वाले अधिगमकर्ताओं की आवश्यकताओं को किस प्रकार से बता सकता है / संबोधित कर सकता है?
(1) आकलन के लिए पेपर-पेंसिल टेस्ट का प्रयोग करना तथा अभ्यास एवं रटने पर बल देना।
(2) विद्यार्थियों को निर्देश देने के लिए एक रूप तरीकों का प्रयोग करना।
(3) अत्यधिक लिखित गृहकार्य देना तथा उत्तरों को अन्य प्रतिभाशाली विद्यार्थियों से नकल करने पर दबाव डालना।
(4) प्रत्येक विद्यार्थी के अधिगम के सशक्त पक्षों एवं कमजोरियों के विश्लेषण के आधार पर विशिष्ट अधिगम उद्देश्यों को विकसित करना।

Q17. एक शिक्षिका अपनी कक्षा में सृजनात्मक विद्यार्थियों को किस प्रकार से प्रोत्साहित कर सकती है?
(1) अपसारी चिंतन पर बल देकर
(2) अभिसारी चिंतन को हतोत्साहित करके
(3) अनेक परिप्रेक्ष्यों को प्रोत्साहित करके तथा मूल विचारों को महत्त्व देकर
(4) विद्यार्थियों को जोखिम लेने एवं चुनौतियाँ का सामना करने से हतोत्साहित करके


Q18. निम्नलिखित में से कौन सा कारक कक्षा में सार्थक अधिगम का पक्ष लेता है ?
(1) बच्चों को पढ़ने के लिए अभिप्रेरित करने हेतु परीक्षणों की संख्या को बढ़ाना
(2) बच्चों को पढ़ने के लिए अभिप्रेरित करने हेतु पुरस्कारों को बढ़ावा देनां ।
(3) निर्देश के लिए केवल व्याख्यान विधि को अपनाना
(4) विषयवस्तु तथा बच्चों के संपूर्ण कुशलक्षेम एवं अधिगम के प्रति सच्चा सरोकार रखना

Q19. निम्नलिखित में से कौन सा प्रभावशाली समस्या समाधान रणनीति का एक उदाहरण है?
(1) समाधान के मूल्यांकन पर बिलकुल ध्यान नहीं देना
(2) क्रियात्मक अनम्यता – एक वस्तु के केवल परंपरागत कार्य पर ध्यान देना
(3) प्रतिक्रिया निर्धारण – समस्या प्रस्तुतिकरण के एक ही आयाम में सीमित रहना
(4) साधन-साध्य विश्लेषण – समस्या को अनेक उपलक्ष्यों में विभाजित करना

Q20. निम्नलिखित में से कौन सी शिक्षण-अधिगम के लिए एक प्रभावशाली शिक्षण प्रणाली नहीं है ?
(1) बच्चों को अंतदृष्टि के द्वारा अनुमान लगाने के लिए प्रोत्साहित करना।
(2) प्रयोग एवं पर्यवेक्षण।
(3) संवाद एवं परिचर्चा
(4) दिए गए ज्ञान को दोहराने पर ध्यान केंद्रित करना।

Q21. शिक्षक कक्षा में पढ़ने में ध्यान न देने वाले बच्चों से किस प्रकार का बरताव कर सकते हैं ?
(1) बच्चों को कक्षा से बाहर जाने के लिए कहकर ।
(2) पूरी कक्षा के सामने उन्हें बार-बार डॉटकर।
(3) उनसे बात करके तथा उनकी अरुचि का कारण जानने की कोशिश करके ।
(4)  उन्हें गृहकार्य के रूप में अत्यधिक वर्कशीट देकर ज्ञान

Q22. संरचनावादी उपागम बताता है कि की संरचना के लिए अत्यन्त आवश्यक है।
(1) ‘विद्यार्थी का पूर्वज्ञान
(2) अनुबंधन
(3) दंड
(4) यंत्रवत् याद करना

Q23. बच्चे अनेक घटनाओं के बारे में सहजानुभूत सिद्धांत की संरचना करते हैं । इस पृष्ठभूमि में एक शिक्षक को क्या करना चाहिए?
(1), संबाद के द्वारा बच्चों की इन अवधारणाओं को चुनौती देनी चाहिए।
(2) बच्चों के इन विचारों को खारिज करना चाहिए।
(3) बच्चों के विचारों एवं सिद्धांतों को अनदेखा करना चाहिए।
(4) बच्चों को इन विचारों के लिए डाँटना चाहिए क्योंकि ये विचार उनके शिक्षण में हस्तक्षेप करते हैं।

Q24. संज्ञान एवं संवेग के बीच किस प्रकार संबंध होता
(1) एक दूसरे से स्वतंत्र हैं।
(2) एक दिशीय – संवेग संज्ञान को प्रभावित करते हैं
(3) एक दिशीय – संज्ञान संवेगों को प्रभावित करता है
(4) द्विदिशीय – दोनों के बीच एक गतिशील पारस्परिक क्रिया होती है

Q25. निम्नलिखित में से कौन से कारक अधिगम को प्रभावित करते हैं?
(1) विद्यार्थी की अभिरुचि
(i) विद्यार्थी का सांवेगिक स्वास्थ्य
(III) शिक्षाशास्त्रीय रणनीतियाँ
(iv) विद्यार्थी का सामाजिक एवं सांस्कृतिक
संदर्भ
(1) (i), (ii)
(2) (ii), (iii).
(3) (i), (ii), (iii)
(4) (i), (ii), (iii), (iv)

Q26. निम्नलिखित में से क्या ज्ञान के सार्थक संरचना की प्रक्रिया का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है ?
(1) सामाजिक पारस्परिक क्रियाएँ
(2) लगातार अभ्यास तथा बार-बार स्मरण करना
(3) पुरस्कार एवं दंड ।
(4) उद्दीपन-प्रतिक्रिया संबंध

Q27. जब विद्यार्थी पुरस्कार पाने की इच्छा से बार-बार किसी गतिविधि को करने का निर्णय लेते हैं (जैसा कि एक प्रयोग का नियोजन एवं संचालन करना) जो कि प्रत्यक्ष रूप से उस गतिविधि से संबंधित नहीं है (जैसा कि एक ‘स्टार’ या ‘बैज’ प्राप्त करना), ऐसी स्थिति में क्या संभावना उत्पन्न होती है ?
(1) अधिगम के प्रति भौतिकवादी अभिवृत्ति का विकास
(2) समझने के लिए अधिगम से आनंद प्राप्त करना
(3) पुरस्कार के बिना भी उस गतिविधि में लगे रहना
(4) अन्य लोगों को खुश करने के लिए कार्य करने के बजाय स्वयं की निपुणता के लिए उद्देश्य निर्धारित करना

Q28 .बाल्यावस्था की अवधारणा से क्या अभिप्राय है?
(1) यह विभिन्न सांस्कृतिक संदर्भो में सार्वभौम रूप से समान है।
(2) समकालीन सामाजिक-संरचनावादी मनोवैज्ञानिकों के अनुसार यह एक सामाजिक संरचना है।
(3) यह है कि बच्चे दुष्ट रूप में पैदा होते हैं और उन्हें सभ्य बनाना होता है।
(4) यह कि बच्चे शून्य से शुरुआत करते हैं और उनके गुण, पूरी तरह से परिवेश के द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।

Q29. निम्नलिखित में से कौन सी ‘मध्य बाल्यावस्था’ की विशेषता है?
(1) शारीरिक वृद्धि एवं विकास बहुत तेज गति 5 से होता है।
(2) अमूर्त रूप से सोचने तथा वैज्ञानिक तर्क का प्रयोग करने की योग्यता विकसित होती है।
(3) बच्चे तार्किक एवं मूर्त रूप से सोचना प्रारंभ कर देते हैं।
(4) अधिगम मुख्य रूप से संवेदी एवं चालक गतिविधियों द्वारा घटित होता है।

Q30. परिवार एवं पास-पड़ोस, बच्चों के सामाजीकरण की-
(1) मनोवैज्ञानिक एजेंसियाँ हैं।
(2) प्राथमिक एजेंसियाँ हैं।
(3) मध्य एजेंसियाँ हैं।
(4) द्वितीयक एजेंसियाँ हैं।

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