Q.16 सर्जनात्मकता की पहचान का प्रमुख लक्षण क्या
(1) कम परिज्ञानता/बोधगम्यता
(2) अपसारी चिंतन
(3) अतिसक्रियता
(4) असतर्कता
Q.17 विविध पृष्ठभूमियों के अधिगमकर्ताओं को संबोधित करने हेतु, एक अध्यापक को
(1) विविधता संबंधी मुद्दों पर बातचीत टालनी चाहिए।
(2) विविध विन्यासों से उदाहरण लेने चाहिए।
(3) सभी के लिए मानकीकृत आंकलनों का इस्तेमाल करना चाहिए।
(4) ऐसे कथनों का इस्तेमाल करना चाहिए जो नकारात्मक रूढिबद्ध धारणाओं को मजबूत करें।
Q.18 समस्या-समाधान क्षमताओं को किस प्रकार सुसाध्य किया जा सकता है ?
(1) लगातार अभ्यास और कार्यान्वयन पर जोर देकर।
(2) समस्याओं के हल हेतु अटल प्रक्रिया के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर।
(3) समरूपों के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर ।
(4) विद्यार्थियों में डर की भावना पैदा कर ।
Q.19 अधिगम की अभिप्रेरणा को किस प्रकार कायम रखा जा सकता है ?
(1) बच्चे को दंड देकर।
(2) प्रवीणता-अभिमुखी लक्ष्यों पर जोर देकर।
(3) बच्चों को बहुत आसान क्रियाकलाप देकर।
(4) यंत्रवत याद करने पर जोर देकर ।
Q.20 शर्मिदगी
(1) का संज्ञान से कोई संबंध नहीं है।
(2) का संज्ञान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
(3) बच्चों को अधिगम हेतु अभिप्रेरित करने के लिए बहुत प्रभावशाली है।
(4) के भाव को अध्यापन-अधिगम प्रक्रिया में बारंबार पैदा करना चाहिए।
Q.21 निम्न में से अध्यापन-अधिगम का सबसे प्रभावशाली माध्यम कौन सा है?
(1) विषय-वस्तु को यंत्रवत याद करना
(2) संकल्पनाओं के बीच संबंध खोजना
(3) बिना विश्लेषण के अवलोकन करना
(4) अनुकरण/नकल और दोहराना
Q.22 एक अध्यापिका को, दिये गए किसी कार्यकलाप में छात्रों की विभिन्न त्रुटियों का विश्लेषण करना चाहिए, क्योंकि
(1) इसके आधार पर वह दंड की मात्रा निर्धारित कर सकती है।
(2) त्रुटियों की समझ, अध्यापन-अधिगम प्रक्रिया के लिए अर्थपूर्ण है।
(3) इसके आधार पर वह ज्यादा टियाँ करने वाले छात्रों को दूसरे छात्रों से अलग कर सकती है।
(4) अधिगम केवल त्रुटियों के शोधन पर निर्भर
Q.23 बच्चों को सीखने में कठिनाई होती है, जब
(1) सूचना अलग-अलग टुकड़ों में प्रस्तुत की जाए।
(2) वो आंतरिक रूप से अभिप्रेरित हो ।
(3) अधिगम सामाजिक संदर्भ में हो।
(4) विषय-वस्तु को बहुरूपों में प्रस्तुत किया गया हो।
Q.24 अधिगम की सर्वोत्तम अवस्था कौन सी है?
(1) उच्च उत्तेजना, उच्च भय
(2) निम्न उत्तेजना, उच्च भय
(3) संतुलित उत्तेजना, कोई भय नहीं
(4) कोई उत्तेजना नहीं, कोई भय नहीं
Q.25 अधिगम का संरचनात्मक विचार यह सुझाव देता है कि ज्ञान की संरचना में
(1) बच्चों की कोई भूमिका नहीं होती।
(2) बच्चे पूर्ण रूप से वयस्कों पर निर्भर रहते
(3) बच्चे सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
(4) बच्चे पूर्ण रूप से पाठ्य-पुस्तकों पर निर्भर रहते हैं।
Q.26 अधिगम के लिए निम्न में से कौन-सी धारणा उपयुक्त है ?
(1) योग्यता सुधार्य है।
(2) योग्यता अटल है।
(3) प्रयासों से कोई फर्क नहीं पड़ता।
(4) असफलता अनियंत्रित है।
Q.27 निम्न में से कौन-सी परिपाटी, विद्यार्थियों में संकल्पनात्मक समझ में बढ़ोतरी करने में सहायक
(1) प्रतिस्पर्धा आधारित प्रतिस्पर्धाएँ
(2) पाठ्य-पुस्तक-केंद्रित शिक्षाशास्त्र
(3) बारंबार परीक्षाएँ ।
(4) अन्वेषण और संवाद
Q.28 एक कार्य के दौरान, सायना स्वयं से बात कर रही है कि वह कार्य पर किस प्रकार प्रगति कर सकती है । लेव वायगोत्स्की के भाषा और चिंतन/सोच के बारे में दिए गए विचारों के अनुसार, इस तरह का ‘व्यक्तिगत वाक’ क्या दर्शाता है ?
(1) संज्ञानात्मक अपरिपक्वता
(2) स्व: नियमन
(3) आत्म-केन्द्रिता
(4) मनोवैज्ञानिक विकार
Q.29 मूल्यांकन पद्धतियों का लक्ष्य होना चाहिए –
(1) विद्यार्थियों को नामांकित करना ।
(2) योग्यता-आधारित समूहों में विद्यार्थियों को विभाजित करना।
(3) विद्यार्थियों की जरूरतों एवम् आवश्यकताओं की पहचान करना ।
(4) पुरस्कार-वितरण हेतु उच्च-अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की पहचान करना।
Q.30 बच्चों के विकास की व्यक्तिगत विभिन्नताओं को किस पर प्रतिरोपित किया जा सकता है ?
(1) केवल आनुवंशिकता पर
(2) केवल पर्यावरण पर
(3) ना आनुवंशिकता पर ना पर्यावरण पर
(4) आनुवंशिकता एवम् पर्यावरण की पारस्परिकता पर
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