भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का निर्धारण

भारत और पाकिस्तान के मध्य अंतर्राष्ट्रीय सीमा निर्धारण 

भारत और पाकिस्तान के मध्य अंतर्राष्ट्रीय सीमा पूर्णतः स्थलीय एवं कृत्रिम है, जो कश्मीर (Kashmir) से प्रारंभ होकर पंजाब (Punjab), पश्चिमी राजस्थान (Western Rajasthan) और कच्छ (Kutch) प्रदेश तक विस्तृत है।

पाकिस्तान द्वारा कश्मीर के कुछ भू-भाग पर अवैध रूप से अधिकार किया हुआ है। गुजरात, राजस्थान व पंजाब की पाकिस्तान के मध्य लगभग 3323 किलोमीटर लम्बी सीमा रेखा है।

भारत और पाकिस्तान के मध्य सतलुज और रावी नदियाँ कुछ किलोमीटर दूरी तक प्राकृतिक सीमा रेखा बनाती हैं – पंजाब के अमृतसर जिले (Amritsar district) में रावी नदी (Ravi river) और फिरोजपुर जिले (Ferozepur district) में सतलुज नदी (Sutlej river) भारत और पाकिस्तान के मध्य अंतर्राष्ट्रीय सीमा निर्धारित करती हैं।

रेडक्लिफ रेखा (Radcliffe Line)

स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात 17 अगस्त 1947 को भारत व पाकिस्तान के मध्य सीमा रेखा का निर्धारण किया गया जिसे रेडक्लिफ रेखा (Radcliffe Line) के नाम से जाना जाता है। इस सीमा रेखा का निर्धारण सर सिरील रेडक्लिफ की अध्यक्षता में बॉर्डर कमीशन द्वारा किया गया था।

नियंत्रण रेखा/लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC)

लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) जम्मू व कश्मीर में भारत व पाकिस्तान के आधिपत्य वाले क्षेत्रों के बीच की रेखा है। इसके दोनों ओर दोनों देशों के सैनिक तैनात रहते हैं। यह दोनों देशों के मध्य एक काल्पनिक सीमा रेखा है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय मान्यता नहीं प्राप्त है।

पाक अधिकृत कश्मीर (Pok)

वर्ष 1947 में स्वतंत्रता के पश्चात पाकिस्तान द्वारा स्थानीय कबायलियों की सहायता से कश्मीर पर आक्रमण कर उसके एक बड़े भू-भाग पर अधिकार कर लिया। यही अधिकृत क्षेत्र पाक अधिकृत कश्मीर कहलाता है, जो वर्तमान समय में भी पाकिस्तान के अधिकार क्षेत्र में है जिसकी राजधानी मुजफ्फराबाद (Muzaffarabad) है।

भारत और म्यांमार के मध्य अंतर्राष्ट्रीय सीमा निर्धारण 

भारत और म्यांमार के मध्य निर्धारम हिमालय की पूर्वी पर्वत श्रेणियाँ (लुशाई, पटकोई और अराकानयोमा) प्राकृतिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय सीमा का निर्धारण करती हैं।

पूर्व की और तिब्बत से आवागमन के लिए ब्रह्मपुत्र की घाटी (Brahmaputra Valley) और चीन (China) की ओर से आवागमन के लिए मेकांग (Mekong), इरावदी (Iravadi) और सालविन (Salvin) नदियों की घाटियों में ऐन, तुंगप, मनीपुर, तूलू और तेलू दर्रे हैं, लेकिन अराकानयोमा (Arakanayoma) के वनों से आच्छादित होने तथा घाटियाँ गहरी और धरातल ऊबड़-खाबड़ होने से इसका उपयोग व्यापार तथा प्रवास के लिए कम ही किया जाता है।

भारत के चार राज्य (अरूणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh), नागालैण्ड (Nagaland), मिजोरम (Mizoram) एवं मणिपुर (Manipur)) म्यांमार (Myanmar) के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा बनाते हैं।

भारत (India) व म्यांमार (Myanmar) की सीमा पर मुक्त आवागमन व्यवस्था (Free| Movement Regime) है, जो भारत व म्यांमार सीमा क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों को बिना वीजा (visa) प्रतिबंधों के सीमा के दोनों ओर 16 किमी. तक आवागमन की अनुमति प्रदान करता है।

भारत और चीन के मध्य अंतर्राष्ट्रीय सीमा निर्धारण 

मैकमोहन रेखा (McMahon Line)

भारत और चीन के मध्य उत्तर-पूर्व में 27 अप्रैल 1914 को अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखा का निर्धारण अंग्रेजों के शासनकाल में किया गया, जिसे मैकमोहन रेखा (McMahon Line) के नाम से जाना जाता है। वर्ष 1914 में हुए शिमला समझौते में मैकमोहन रेखा (McMahon Line) को दोनों देशों के मध्य अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखा के रूप में स्वीकार कर लिया।

वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control – LAC)

Line of Actual Control (LAC) भारत व चीन के मध्य वास्तविक सीमा रेखा (Line of Actual Control) है। 4,057 किमी. लम्बी यह सीमा रेखा भारत (India) को चीन (China) से अलग करती है।

यह सीमा रेखा लद्दाख (Ladakh), कश्मीर (Kashmir), उत्तराखण्ड (Uttarakhand), हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh), सिक्किम (Sikkim) व अरूणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) से होकर गुजरती है। LAC एक युद्ध विराम रेखा (cease fire line) है, क्योंकि वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के पश्चात जहाँ दोनों देशों की सेनाएँ तैनात थीं, उसी क्षेत्र को वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) मान लिया गया था।

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