पृथ्वी की गति दो प्रकार की है
- घूर्णन – पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना घूर्णन कहलाता है।
- परिक्रमण / परिभ्रमण – सूर्य के चारों ओर एक स्थिर कक्ष में पृथ्वी की गति को परिक्रमण कहते हैं।
पृथ्वी का घूर्णन (Rotation on the axis)
पृथ्वी का अक्ष एक काल्पनिक रेखा है, जो इसके कक्षीय सतह से 66½° का कोण बनाती है। वह समतल जो कक्ष के द्वारा बनाया जाता है, उसे कक्षीय समतल कहते हैं। पृथ्वी सूर्य से प्रकाश प्राप्त करती है। पृथ्वी का आकार गोले के समान है, इसलिए एक समय मेंसिर्फ इसके आधे भाग पर ही सूर्य की रोशनी प्राप्त होती है । सूर्य की ओर वाले भाग में दिन होता है, जबकि दूसरा भाग जो सूर्य से दूर होता है वहाँ रात होती है। ग्लोब पर वह वृत्त जो दिन तथा रात को विभाजित करता है उसे प्रदीप्ति वृत्त कहते हैं। यह वृत्त अक्ष के साथ नहीं मिलता है ।
पृथ्वी अपने अक्ष पर एक चक्कर पूरा करने में लगभग 24 घंटे का समय लेती है। घूर्णन के समय काल को पृथ्वी दिन कहा जाता है। यह पृथ्वी की दैनिक गति है।
पृथ्वी का परिक्रमण / परिभ्रमण (Rotation of earth around the Sun orbit)
पृथ्वी की दूसरी गति जो सूर्य के चारों ओर कक्ष में होती है उसे परिक्रमण / परिभ्रमण कहा जाता है। सामान्यतः एक वर्ष को गर्मी, सर्दी, वसंत एवं शरद् ऋतुओं में बाँटा जाता है। ऋतुओं में परिवर्तन सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की स्थिति में परिवर्तन के कारण होता है।
उत्तर अयनांत
21 जून को उत्तरी गोलार्ध सूर्य की तरफ झुका है। सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती हैं। इसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों में अधिक ऊष्मा प्राप्त होती है। ध्रुवों के पास वाले क्षेत्रों में कम ऊष्मा प्राप्त होती है, क्योंकि वहाँ सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं। उत्तर ध्रुव सूर्य की तरफ झुका होता है तथा उत्तरी ध्रुव रेखा के बाद वाले भागों पर लगभग 6 महीने तक लगातार दिन रहता है। चूँकि, उत्तरी गोलार्ध के बहुत बड़े भाग में सूर्य की रोशनी प्राप्त होती है, इसलिए विषुवत् वृत्त के उत्तरी भाग में गर्मी का मौसम होता है। 21 जून को इन क्षेत्रों में सबसे लंबा दिन तथा सबसे छोटी रात होती है। पृथ्वी की इस अवस्था को उत्तर अयनांत कहते हैं।
दक्षिण अयनांत
22 दिसंबर को दक्षिण ध्रुव के सूर्य की ओर झुके होने के कारण मकर रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं। चूँकि, सूर्य की किरणें मकर रेखा पर लंबवत् पड़ती हैं इसलिए दक्षिणी गोलार्ध के बहुत बड़े भाग में प्रकाश प्राप्त होता है। इसलिए, दक्षिणी गोलार्ध में लंबे दिन तथा छोटी रातों वाली ग्रीष्म ऋतु होती है। इसके ठीक विपरीत स्थिति उत्तरी गोलार्ध में होती है। पृथ्वी की इस अवस्था को दक्षिण अयनांत कहा जाता है। आस्ट्रेलिया में ग्रीष्म के समय में क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है ।
विषुव
21 मार्च एवं 23 सितंबर को सूर्य की किरणें विषुवत् वृत्त पर सीधी पड़ती हैं। इस अवस्था में कोई भी ध्रुव सूर्य की ओर नहीं झुका होता है, इसलिए पूरी पृथ्वी पर रात एवं दिन बराबर होते हैं। इसे विषुव कहा जाता है।
23 सितंबर को उत्तरी गोलार्ध में शरद् ऋतु होती है, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में वसंत ऋतु होती है। 21 मार्च को स्थिति इसके विपरीत होती
है जब उत्तरी गोलार्ध में वसंत ऋतु तथा दक्षिणी गोलार्ध में शरद् ऋतु होती है।
वर्ष की गणना
पृथ्वी एक वर्ष या 365 दिन में सूर्य का एक चक्कर लगाती है। हम लोग एक वर्ष 365 दिन का मानते हैं तथा सुविध के लिए 6 घंटे को इसमें नहीं जोड़ते हैं। चार वर्षों में प्रत्येक वर्ष के बचे हुए 6 घंटे मिलकर एक दिन यानी 24 घंटे के बराबर हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त दिन को फरवरी के महीने में जोड़ा जाता है। इस प्रकार प्रत्येक चैथे वर्ष फरवरी माह 28 के बदले 29 दिन का होता है। ऐसा वर्ष जिसमें 366 दिन होते हैं उसे लीप वर्ष कहा जाता है।
अन्य ग्रहों का घूर्णन और परिक्रमण
बुध (Mercury)
बुध (mercury) सूर्य का सबसे निकटतम ग्रह है। यह सूर्य के चारों ओर परिक्रमण 88 दिनों में पूर्ण करता है तथा इसकी अपने अक्ष पर घूर्णन अवधि 58.8 दिन की होती है।
शुक्र (Venus)
हमारी आकाशगंगा में सूर्य और चंद्रमा के बाद यह में सबसे चमकदार ग्रह है तथा यह पृथ्वी का निकटतम ग्रह है। यह सूर्य के चारों ओर परिक्रमण अवधि 224.7 88 दिनों में पूर्ण करता है तथा इसकी अपने अक्ष पर घूर्णन अवधि 224.7 दिन की होती है।
मंगल (Mars)
इसे लाल ग्रह भी कहा जाता है। यह सूर्य के चारों ओर परिक्रमण अवधि 686.9 दिनों में पूर्ण करता है तथा इसकी अपने अक्ष पर घूर्णन अवधि 24.623 घंटे की होती है।
बृहस्पति (Jupiter)
बृहस्पति हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। यह सूर्य के चारों ओर परिक्रमण अवधि लगभग 11.86 वर्ष में पूर्ण करता है तथा इसकी अपने अक्ष पर घूर्णन अवधि 9.55 घंटे की होती है।
शनि (Saturn)
शनि हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। यह सूर्य के चारों ओर परिक्रमण अवधि लगभग 29.46 वर्ष में पूर्ण करता है तथा इसकी अपने अक्ष पर घूर्णन अवधि 10.32 घंटे की होती है।
अरुण/ यूरेनस (Uranus)
यह सूर्य के चारों ओर परिक्रमण अवधि लगभग 84.02 वर्ष में पूर्ण करता है तथा इसकी अपने अक्ष पर घूर्णन अवधि 17.24 घंटे की होती है।
वरुण/ नेप्च्यून (Neptune)
यह सूर्य से दूरी के क्रम में अंतिम ग्रह है। यह सूर्य के चारों ओर परिक्रमण अवधि लगभग 164.79 वर्ष में पूर्ण करता है तथा इसकी अपने अक्ष पर घूर्णन अवधि 16.11 घंटे की होती है।
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Why does the earth rotation and revolution? Why?
Due to Gravitational force
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