सामान्यतः कहा जाता है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करत है। किन्तु अच्छे स्वास्थ्य में व्यवधान उत्पन्न होना ही रोग (Diseases) है। मानव शरीर में विभिन्न विकारों को उनकी प्रकृति व कारण के आधार पर विभाजित किया गया है। जैसे उपापचयी या विकासीय अनियमितताओं के कारण होने वाले रोगों को जन्मजात रोग (Cogential diseases) कहा जाता है, और जन्म के पश्चात विभिन्न कारकों की वजह से होने वाले रोगों को उपार्जित रोग (Acquired diseases) कहते हैं।
रोगों के प्रकार (Types of disease)
रोग या बीमारी का कोई एक कारक है, जिसके कारण रोग उत्पन्न होता है, इन्हीं कारको को निम्नलिखित तरीकों से वर्णित किया गया है
- जीवाणु जनित रोग (Bacterial diseases)
- विषाणु जनित रोग (viral disease)
- कृमिरोग / हेल्मिन्थ जनित रोग (Helminthiasis)
- मनुष्य में परजीवियों द्वारा होने वाले प्रमुख रोग
- कमी/अभाव से होने वाले रोग
- प्रमुख अन्तःस्रावी रोग
विषाणु (वायरस) जनित रोग
रोग | कारक | फैलाव तथा संक्रमण काल | रोग के मुख्य लक्षण एवं कारण |
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स्मॉल पॉक्स (Small pox) | वैरियोला वायरस (Viroidal Virus) | सीधे सम्पर्क तथा संक्रमित वस्तुओं द्वारा 12 दिन तक | तेज बुखार, सिर तथा बदन दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे, बाद में फफोला उत्पन्न होना जिसमें साफ जलीय पदार्थ भरा होता है, त्वचा पर गड्ढे निशान का उत्पन्न होना |
चीकन पॉक्स | वैरिकोला वाइरस | सीधा सम्पर्क तथा संक्रमित वस्तुओं द्वारा 12-16 दिन | जाड़ा, बुखार, त्वचा पर फफोले पड़ना, जो 5-20 दिन में समाप्त हो जाते हैं। |
जुकाम | राइनोवाइसर | सीधा सम्पर्क, 2-5 दिन | सिर दर्द, सर्दी, नाक से पानी बहना, हल्का बुखार |
इन्फ्लुएन्जा | आर्थोमिजे वाइरस | सम्पर्क तथा संक्रमित व्यक्ति के श्वसन द्वारा छोड़ी गयी हवा से, 1-2 दिन। | बुखार, पेशियों में दर्द, ठंड लगना, सूखी खांसी, न्यूमोनिया के लक्षणों का होना, आदि |
रूवीयोला | पैरमिक्सो वाइरस – | सीधा सम्पर्क बात करते समय मुंह से निकले द्रव तथा खांसी द्वारा निकले द्रव द्वारा 2-3 दिन बाद से श्वसन तेज | प्राथमिक अवस्था में नाक से पानी बहना, छोक, बुखार, सिर दर्द, पीठ दर्द तथा जाड़ा लगनाः द्वितीय अवस्था में म्यूकस झिल्ली के ऊपरी भाग में जलन होता है तथा लगातार म्यूकस स्राव होता है |
मम्पस | मम्पस वाइरस | सीधा सम्पर्क, नाक के स्राव तथा लार में उपस्थित वाइरस लार ग्रन्थि पर हमला करता है। 12-21 दिन स्रावित होती है। | प्राथमिक अवस्था में बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, जीभ लाल हो जाती है तथा लार अधिक या बिल्कुल कम निकलती है |
पोलियो | निस्यन्दी | सम्पर्क घरेलू माक्स तथा भोजन | प्रारंभिक लक्षण-सिर दर्द, उल्टी, तेज बुखार, बाद के लक्षण-कमजोरी, पीट तथा गर्दन में अंकड़न, अपंगता से (एक से अधिक अंगों में) |
रेबीज | रेबीज वाइरस | पागल कुत्ते के काटने से, (तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है। 2-16 सप्ताह या अधिक | सिर दर्द, नकसीर, उल्टी, बुखार, नींद नहीं आना, जल से डर लगना, ‘अपंगता तथा मृत्यु |
एड्स (AIDS) | HIV – III | समान तथा असमान लोगों के संपर्क द्वारा, खून द्वारा, वेश्यावृत्ति तथा नशे में ली जाने वाले सामूहिक सूई द्वारा | शरीर के वजन में 10% की कमी, बिना किसी उत्पत्ति कारण से बुखार, लिम्फ ग्रंथि में सूजन, मुह का अल्सर, डायरिया, ब्रेन टॅयूमर |
टाइफस | रिक्टेसिया प्रोवाजेकी | जू के द्वारा, कुपोषण तथा अस्वच्छता | तेज बुखार, त्वचा के जलन, सिर दर्द |
पेचिस | ट्रेपोनेमा पैलिडियम | सीधा संपर्क, लैंगिक सहवास | एक कठोर दर्द रहित अल्सर का जननांग पर बननी, विभिन्न फफोलों का त्वचा पर उत्पन्न होना |
जीवाणु (बैक्टीरिया) जनित रोग
रोग का नाम | रोगाणु का नाम | प्रभावित अंग | लक्षण |
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हैजा | बिबियो कोलेरी | पाचन तंत्र | उल्टी व दस्त, शरीर में ऐंठन एवं डिहाइड्रेशन |
टीबी | माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस | फेफड़े | खांसी, बुखार, छाती में दर्द, मुंह से रक्त आना |
कुकुरखांसी | वैसिलम परटूसिस | फेफड़ा | बार-बार खांसी का आना। |
न्यूमोनिया | डिप्लोकोकस न्यूमोनियाई | फेफड़े | छाती में दर्द, सांस लेने में पेरशानी |
ब्रोंकाइटिस | जीवाणु | श्वसन तंत्र | छाती में दर्द, बुखार, सांस लेने में परेशानी |
प्लूरिसी | जीवाणु | फेफड़े | छाती में दर्द, बुखार, सांस लेने में परेशानी |
प्लेग | पास्चुरेला पेस्टिस | लिम्फ ग्रंथियां | शरीर में दर्द एवं तेज बुखार, आंखों का लाल होना तथा उल्टी |
डिप्थीरिया | कोर्नी वैक्ट्रियम | गला | गलशोथ, श्वांस लेने में दिक्कत |
कोढ़ | माइक्रोबैक्टीरियम लेप्री | तंत्रिका तंत्र | अंगुलियों का कट-कट का गिरना, शरीर पर दाग |
टाइफायड | टाइफी सालमोनेल | आंत | बुखार का तीव्र गति से चढ़ना, पेट में दिक्कत और बदहजमी |
टिटनेस | क्लोस्टेडियम टिटोनाई | मेरुरज्जु | मांसपेशियों में संकुचन एवं शरीर का बेडौल होना |
सुजाक | नाइजेरिया गोनोरी | प्रजनन अंग | जेनिटल ट्रैक्ट में सूजन एवं घाव. मत्र त्याग में परेशानी |
सिफलिस | ट्रिपोनेमा पैडेडम | प्रजनन अंग | जेनिटल ट्रैक्ट में सूजन एवं घाव, मूत्र त्याग में परेशान |
मेनिनजाइटिस | ट्रिपोनेमा पैडेडम | मस्तिष्क | सरदर्द, बुखार, उल्टी एवं बेहोशी |
इंफ्लूएंजा | फिफर्स वैसिलस | श्वसन तंत्र | नाक से पानी आना, सिरदर्द, आंखों में दर्द |
ट्रैकोमा | बैक्टीरिया | आँख | सरदर्द, आंख दर्द |
राइनाटिस | एलजेनटस | नाक | नाक का बंद होना, सरदर्द |
स्कारलेट ज्वर | बैक्टीरिया | श्वसन तंत्र | बुखार |
हेल्मिन्थ जनित रोग
रोग का नाम | कारक | प्रभावित |
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फाइलेरिया | वाउचेरिया बान्क्रॉफ्टी | अंग हाथ, पैर, अंडकोष, शिशन, आदि |
टीनिएसिस | टीनिया सोलियम (टेप वर्म), | आंत |
एन्सायलोस्टोमेसिस | एन्सायलोस्टोमा डियोडिनेल | छोटी आंत |
एस्केरिएसिस | एस्केरिस लुम्ब्रिक्वायड्स | छोटी आंत |
सिस्टिसिरकोसिस | टीनिया का लार्वा | मस्तिष्क |
मनुष्य में परजीवियों द्वारा होने वाले प्रमुख रोग
रोग का नाम | प्रभावित अंग | परजीवी का नाम |
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पायरिया | मसूड़े | एन्टामीबा जिन्जीवेलिस |
दस्त | बड़ी आंत | ट्राइकोमोनस होमिनिस |
अमीबॉयसिस | बड़ी आंत | एन्टामीबा हिस्टोलिटिका |
अतिसार | आंत का अगला भाग | जियार्दिया लैम्बलिया |
सुजाक तथा श्वेत प्रदर | मूत्र मार्ग | टाइकोमोनस वेजाइनलिस |
कालाजार | रुधिर, प्लीहा एवं अस्थि मज्जा | लौशमनिया, डोनावामी |
निद्रा रोग | रुधिर, केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र | ट्राइपैनोसोमा गैम्बियन्स |
मलेरिया | लाल रक्त कण | प्लाज्मोडियम |
कमी/अभाव से होने वाले रोग
जीरोप्थेलमिया (Xeropthalmia) | विटामिन A की कमी के कारण नेत्र की कॉर्निया का शुष्क हो जाना। |
निक्टालोपिया (Nyctalopia) | विटामिन A की कमी के कारण होने वाला सामान्य रतौंधी रोग |
क्याशियोरकॉर (Kwashiorkor) | प्रोटीन की कमी के कारण होने वाला रोग |
हिमारेजी (Haemorrhage) | विटामिन K की कमी के कारण होने वाला रक्तस्रावी रोग |
प्रमुख अन्तःस्रावी रोग
रोग | कारण |
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मधुमेह मेलीटस (Diabeties melitus) | इन्सुलिन हार्मोन के कम स्राव के कारण |
एड्रीसन रोग (Addison’s disease) | कोर्टिन हार्मोन के कम स्राव के कारण |
बौनापन (Dwarfism) | ग्रोथ हार्मोन के कम स्राव के कारण |
एक्रोमेगली (Acromegaly) | ग्रोथ हार्मोन के अधिक साव के कारण |
मिक्जिर्डमा (Mystedema) | थाइरॉक्सिन हार्मोन के काफी कम स्राव के कारण |
ग्रेव रोग (Grave’s disease) | थाइरॉक्सिन हार्मोन के अति स्राव के कारण |
महाकायता (Gigantism) | पीयूष ग्रंथि की अग्र पालिका से एसटीएच (STH) हार्मोन का अधिक मात्रा में निषेचन |
ग्वाइटर (Goiter) | थाइरॉक्सिन हार्मोन की कमी के कारण |
मधुमेह इन्सीपीड्स (Diabeties Insipidus) | वेसोप्रेसिन हार्मोन की कमी के कारण |
एक्सोप्थैलमिक ग्वाइटर (Exopthalmic Goiter) | थाइरॉक्सिन हार्मोन के अधिक मात्रा में स्रवण के कारण |
टिटेनी (Tetany) | पैराथार्मोन के कम मात्रा में स्रवण के कारण |
वाइरोलिज्म (Virolism) | एड्रीनलिन के अधिक स्राव के कारण |
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