- चंद वंश का शासक मोहन चंद शासक दो बार कुमाऊं का शासक बना।
- खटीमा का प्राचीन नाम मकरपुर था।
- उत्तराखंड के पौड़ी-गढ़वाल जिले में प्रत्येक वर्ष संगलाकोटी मेला लगता है।
- अखिल तारणी मंदिर, उत्तराखंड के चंपावत जिले में स्थित है।
- शैलोदय नामक साप्ताहिक पत्रिका का संपादन शिवानंद नौटियाल ने किया था।
- चंद वंश के शासक वीणाचंद की मृत्यु के पश्चात चंपावत में अगले 200 वर्षों तक लगभग खसों का अधिकार रहा।
- गोरखों के शासनकाल में औरतों का छत पर चढ़ना निषेध था।
- बुरो संग नामक गढ़वाली कविता की रचना हर्षपुरी के द्वारा की गयी थी।
- विरह नामक गढ़वाली कविता की रचना लीलानंद कोटनाला के द्वारा की गयी थी।
टिहरी बांध
- उत्तराखंड में भागीरथी नदी पर टिहरी बांध का निर्माण किया गया था, शुरुआत में टिहरी परियोजना की विद्युत उत्पादन क्षमता 600 मेगावाट थी, वर्तमान में टिहरी बांध परियोजना विद्युत उत्पादन क्षमता 2400 मेगावाट है।
- टिहरी बांध परियोजना विरोधी समिती का गठन विद्यासागर नौटियाल की अध्यक्षता में हुआ था।
- टिहरी बांध परियोजना की ऊँचाई 260.5 meter है।
- 27 अप्रैल 1897 को नैनीताल स्थित राजभवन का शिलान्यास किया गया था।
- वर्ष 1901 में बुडस्टॉक स्कूल (Woodstock School) तथा वर्ष 1975 में टीबी टावर की स्थापना मसूरी में की गयी थी।
- धारी देवी मंदिर, श्रीनगर में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है, धारी देवी को उत्तराखंड में रक्षक देवी के नाम से भी जाना जाता है।
- खसवंश के शासक अशोक चल्ल के नृत्यध्याय में हवेलिया या छलिया नृत्य का नृत्य का वर्णन मिलता है।
- नरेंद्र नगर (टिहरी) में राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (State Council of Educational Research and Training) स्थित है।
- नैना देवी मंदिर (नैनीताल) का निर्माण मोतीराम शाह द्वारा किया गया था।
- हल्दूवाणी को हल्द्वानी नाम अंग्रेज़ कमिश्नर विलियम ट्रेल द्वारा दिया गया था।
- पवित्र गोरखनाथ गुफा, भक्त्याना (श्रीनगर) में स्थित है।
- धौलीगंगा व अलकनंदा नदियों के संगम पर स्थित विष्णु प्रयाग (चमोली), में देवर्षि नारद ने तपस्या की थी।