- H.K मथवाल द्वारा उत्तराखंड के रूपकुण्ड (चमोली) में पहला नरकंकाल खोजा गया था।
- प्रसिद्ध लोक संगीतज्ञ गोपीदास जी उत्तराखंड के कौसानी (अल्मोड़ा) से अत्यधिक प्रभावित थे।
- ब्रिटिश शासनकाल में तराई भाबर को 5 प्रकार के गावों में विभाजित किया गया था।
- उत्तराखंड के मसूरी में भद्राज व ज्वालाजी मंदिर स्थित है।
- हिमालय की यात्रा नामक पुस्तक की रचना काका साहेब केलकर द्वारा की गयी थी।
- चोपता बुग्याल, रुद्रप्रयाग में स्थित है, जिसे गढ़वाल का स्विट्जरलैंड के नाम से भी जाना जाता है।
- एक हथिया नौला (चंपावत) का निर्माण कस्तूरी पुत्री जगनाथ मिस्त्री द्वारा किया गया था।
- सर्वप्रथम चंद वंश के शासक भीष्मचंद द्वारा अपनी राजधानी चम्पावत से अल्मोड़ा स्थानांतरित करने का प्रयास किया किंतु यह कार्य पूर्ण नहीं हो सका। बाद में चंद वंश के शासक कल्याण चंद द्वारा राजधानी को चम्पावत से अल्मोड़ा स्थानान्तरित किया गया।
- चंद वंश के शासक ज्ञानचंद का राज्य चिन्ह गरूड़ था।
- मझेड़ा ताम्रपत्र के में गरुड़ ज्ञानचंद को “राजा विजय बह्म” के नाम से सम्बोधित किया गया है।
- वर्ष 1191 में नेपाल के शासक अशोकचल्ल के आक्रमण के समय कुमाऊं का राजा नानकीचंद (1177-95) था।
- मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देव डंगरियों तथा जगरियों को पेशन देने की व्यवस्था शुरू की थी।
- पराशर ऋषि की वैद्यशाला उत्तराखंड के नरेन्द्रनगर (टिहरी) में स्थित है।
- पंवार वंश के शासक अजयपाल को पूर्वा देव के नाम से भी जाना जाता है।
- गणेश सिंह गरीब को चकबंदी आंदोलन के प्रणेता के रूप में जाना जाता है।
- गोरखाओं के शासनकाल में भीमगोड़ा (हरिद्वार) में एक दास मंडी स्थित थी, जहाँ लोगो को ख़रीदा व बेचा जाता था।
- कमिश्नर ट्रेल द्वारा हरिद्वार से बद्रीकेदार तक के पैदल मार्ग का निर्माण करवाया गया था।
- शीला समुद्र बुग्याल, उत्तराखंड के चमोली जनपद में स्थित है।
- ब्रिटिशों द्वारा ने गोरखाकाल के दौरान F.V रेपर को गढ़वाल में सर्वेक्षण के लिए भेजा गया था।
- हापला व चेनाप घाटियां उत्तराखंड के चमोली जनपद में स्थित है।
- अल्गोजा एक प्रकार का सुषिर वाद्ययंत्र है, इसे जोया मुरली के नाम से भी जाना जाता है।
- सरू-कुमेण का संबंध उत्तराखंड के गंगोलीहाट क्षेत्र से है।
- उत्तराखंड के प्रथम कमिश्नर कर्नल गार्डनर थे, जिनका उत्तराखंड में कार्यकाल 9 माह का था।
- वर्ष 1906 में निर्मित ग्लोगी जलविद्युत परियोजना (भट्टा फॉल, मसूरी) उत्तराखंड तथा देश की प्रथम जलविद्युत परियोजना है।
- 9 नवंबर 2000 को राज्य गठन के समय उत्तराखंड की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 1115 मेगावाट थी।
- 29 जनवरी 2008 को उत्तराखंड सरकार द्वारा नवीनीकरण ऊर्जा नीति की घोषणा की गई थी।
- टिहरी बांध का डिजाइन जेम्स ब्रून के के द्वारा तैयार किया गया था।
Latest from Blog
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) द्वारा 5 March 2023 को UKPSC Junior Assistant…
पुर्तगाल और स्पेन के राजाओं ने नाविकों को नए समुद्री मार्ग खोजने के लिए प्रोत्साहित किया।…
मापक यंत्र (Measuring instruments) का उपयोग भौतिक, रासायनिक या जैविक घटनाओं को मापने के लिए किया…
गति (Motion) जब कोई वस्तु समय के साथ अपनी स्थिति में परिवर्तन करती है, तो वस्तु…
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) द्वारा 12 February 2023 को Uttarakhand Patwari/ Lekhpal Exam की परीक्षा का…